13 साल की बच्ची की हिम्मत और डॉक्टरों का चमत्कार: कटा हाथ 10 घंटे में फिर से जुड़ा
बीकानेर के खाजूवाला में 13 साल की बच्ची का थ्रेसर मशीन में हाथ कटने के बाद जोधपुर एम्स में 10 घंटे के जटिल ऑपरेशन से सफलतापूर्वक जोड़ा गया। समय पर कार्रवाई और डॉक्टरों की कुशलता से बच्ची के हाथ में हरकत देखी गई।

बीकानेर के खाजूवाला क्षेत्र में एक 13 वर्षीय बच्ची के साथ हुए हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। 29 जून की शाम खाजूवाला के गांव माधो डिग्गी, चक 14 डीकेडी में थ्रेसर मशीन में काम करते समय बच्ची का दायां हाथ का पंजा कटकर अलग हो गया। परिजनों ने तुरंत बच्ची को खाजूवाला उप जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉ. पूनाराम रोझ ने प्राथमिक उपचार के बाद कटे हुए पंजे को आइस बॉक्स में सुरक्षित रखकर बच्ची को जोधपुर रेफर कर दिया।
जोधपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में दो विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने 10 घंटे के जटिल ऑपरेशन के बाद बच्ची के कटे हुए पंजे को सफलतापूर्वक जोड़ दिया। यह ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि रक्त नलिकाओं और सूक्ष्म नसों को माइक्रोस्कोप की मदद से जोड़ा गया। डॉ. पूनाराम रोझ के अनुसार, इस तरह के ऑपरेशन में विफलता का खतरा रहता है, लेकिन समय पर कटे अंग को सही तरीके से अस्पताल पहुंचाने से सफलता की संभावना बढ़ जाती है।
जानकारी के मुताबिक, कटा हुआ अंग 6 घंटे के भीतर अस्पताल पहुंच जाए तो ऑपरेशन की सफलता की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। इस मामले में परिजनों की त्वरित कार्रवाई और डॉक्टरों की कुशलता के कारण बच्ची का हाथ जोड़ा जा सका। 1 जुलाई को बच्ची के हाथ में हल्की हरकत देखी गई, जो एक सकारात्मक संकेत है। डॉक्टरों की टीम अगले एक सप्ताह तक बच्ची के हाथ के रिस्पॉन्स पर नजर रखेगी।