अमेरिका की नई वीजा नीति: टेक कंपनियों को सेंसरशिप से राहत, अभिव्यक्ति की आजादी को बढ़ावा

विदेशी दबाव के खिलाफ कड़ा कदम, वैश्विक स्तर पर टेक स्वतंत्रता की रक्षा

Jun 3, 2025 - 17:01
अमेरिका की नई वीजा नीति: टेक कंपनियों को सेंसरशिप से राहत, अभिव्यक्ति की आजादी को बढ़ावा

अमेरिकी सरकार ने एक अभूतपूर्व वीजा नीति की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी टेक कंपनियों जैसे एक्स, मेटा और रंबल को विदेशी सरकारों के सेंसरशिप दबाव से मुक्ति दिलाना है। इस नीति के तहत उन विदेशी अधिकारियों को अमेरिका में प्रवेश वीजा से वंचित किया जाएगा जो अमेरिकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट को सेंसर करने या हटाने की मांग करते हैं। यह कदम न केवल अमेरिकी टेक कंपनियों की संप्रभुता की रक्षा करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को भी मजबूत करेगा।

नीति की पृष्ठभूमि और कारण

यह नीति तब सामने आई जब कई देशों की सरकारों ने अमेरिकी टेक प्लेटफॉर्म्स पर अपने स्थानीय कानूनों के आधार पर कंटेंट हटाने की मांग शुरू की। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस नीति की अगुवाई की है, जिन्होंने ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अलेक्जेंड्रे डी मोरेस द्वारा एक्स पर लगाए गए प्रतिबंध और रंबल के खिलाफ कार्रवाई को इसका प्रमुख कारण बताया। रुबियो ने कहा, “यह अस्वीकार्य है कि विदेशी अधिकारी अमेरिकी प्लेटफॉर्म्स पर अपनी नीतियाँ थोपें। यह अमेरिकी कंपनियों की स्वायत्तता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा है।”

किन देशों पर है नजर?

हालांकि इस नीति की शुरुआत ब्राजील जैसे मामलों से हुई, लेकिन इसका दायरा यहीं तक सीमित नहीं है। जर्मनी का NetzDG कानून, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 24 घंटे के भीतर अवैध कंटेंट हटाने के लिए बाध्य करता है, और यूनाइटेड किंगडम जैसे सहयोगी देशों के सख्त नियम भी इस नीति के दायरे में आते हैं। ट्रंप प्रशासन और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इन कानूनों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ करार दिया है।

टेक कंपनियों और उपयोगकर्ताओं के लिए क्या मायने?

यह नीति अमेरिकी टेक कंपनियों को वैश्विक दबाव से निपटने में एक मजबूत सहारा प्रदान करेगी। यह उन्हें अपने प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट मॉडरेशन में स्वतंत्रता बनाए रखने में सक्षम बनाएगी। इसके साथ ही, यह उपयोगकर्ताओं के लिए अभिव्यक्ति की आजादी को और मजबूत करेगी, जिससे वैश्विक स्तर पर मुक्त संवाद को बढ़ावा मिलेगा।

आगे की राह

यह नीति न केवल टेक उद्योग के लिए राहत की खबर है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर डिजिटल स्वतंत्रता के लिए एक मिसाल कायम कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अन्य देशों को भी अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .