महिला साइबर ठग गिरफ्तार, कंबोडिया से चला रही थी डिजिटल अरेस्ट का रैकेट
गुरुग्राम पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट पर सूरत की 24 वर्षीय खुशबू को गिरफ्तार किया, जो कंबोडिया के कॉल सेंटर से 'डिजिटल अरेस्ट' के जरिए साइबर ठगी कर रही थी

गुरुग्राम पुलिस ने दिल्ली हवाई अड्डे से 24 वर्षीय महिला साइबर ठग खुशबू को गिरफ्तार किया है। गुजरात के सूरत की रहने वाली खुशबू कंबोडिया में चीनी मूल के माफिया द्वारा संचालित कॉल सेंटर से 'डिजिटल अरेस्ट' के जरिए भारत में लोगों को ठग रही थी। पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनमें व्हाट्सएप कॉलिंग ऐप्स, चैट रिकॉर्ड्स और पैसे के लेनदेन से जुड़े डिजिटल सबूत मिले हैं।
गिरफ्तारी और शुरुआती जांच
पुलिस को खुशबू की गतिविधियों की पहले से जानकारी थी। जैसे ही वह कंबोडिया से दिल्ली लौटी, उसे एयरपोर्ट पर घेरकर पकड़ लिया गया। 12वीं पास खुशबू कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में 'मैंगो पार्क' नामक कॉल सेंटर में काम करती थी। एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान के अनुसार, इस कॉल सेंटर में चीनी माफिया के साथ-साथ भारत और अन्य देशों के युवक-युवतियां शामिल हैं, जो डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों से ठगी करते थे।
ठगी का तरीका और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क
खुशबू ने पूछताछ में बताया कि वह नवंबर 2023 में अपनी सहेली के पति के जरिए नौकरी के लिए दुबई गई थी। वहां से वह कंबोडिया पहुंची, जहां अगस्त 2024 से 700 डॉलर की सैलरी पर कॉल सेंटर में काम शुरू किया। उसे वहां साइबर ठगी की ट्रेनिंग दी गई। इस गिरोह ने गुरुग्राम के एक व्यक्ति को डरा-धमकाकर लाखों रुपये ठग लिए। जांच में पता चला कि ठगी की रकम में से 39 लाख रुपये एक ऐसे बैंक खाते में ट्रांसफर हुए, जो पहले सुरेंद्र नामक व्यक्ति का था। सुरेंद्र ने यह खाता मितेश को 5 लाख रुपये में बेचा, जिसने इसे खुशबू को सौंप दिया।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
गुरुग्राम पुलिस की साइबर सेल ने इस मामले में अब तक 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और कई अन्य की तलाश जारी है। पुलिस के मुताबिक, इस साइबर ठगी नेटवर्क के तार भारत, कंबोडिया, दुबई और चीन से जुड़े हैं। खुशबू के मोबाइल फोनों से मिले डेटा की जांच की जा रही है ताकि इस अंतरराष्ट्रीय रैकेट के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके। इससे पहले, 87 करोड़ रुपये की ठगी के एक अन्य मामले में गुरुग्राम से सात ठगों को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस का कहना है कि इस तरह के कॉल सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई तेज की जाएगी और लोगों से अपील की है कि वे डिजिटल अरेस्ट जैसे फर्जी कॉलों से सावधान रहें।