दबाव में फंसा ग्राम सेवक महिला अधिकारी के अवैध वसूली के दबाव में VDO ने दी जान, परिजनों का गंभीर आरोप.
जयपुर में एक ग्राम विकास अधिकारी (VDO) ने महिला BDO, सरपंच और उसके बेटे द्वारा अवैध भुगतान (कमीशन) के लगातार दबाव व मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में तीनों का नाम लिया गया। परिजनों ने भ्रष्टाचार, दबाव और डिप्रेशन का आरोप लगाते हुए FIR व जांच की मांग की। प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच शुरू की, लेकिन आरोपी BDO व सरपंच ने आरोपों से इनकार किया। मामला ग्रामीण राजस्थान में भ्रष्टाचार व ईमानदार अधिकारियों की असुरक्षा को उजागर करता है।
जयपुर, 2 नवंबर 2025: राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक ग्रामीण इलाके में ग्राम विकास अधिकारी (VDO) का एक दर्दनाक कदम पूरे प्रशासनिक तंत्र को हिला चुका है। कथित तौर पर महिला ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारी (BDO), स्थानीय सरपंच और उसके बेटे के लगातार दबाव और मानसिक उत्पीड़न के चलते एक ईमानदार VDO ने आत्महत्या कर ली। परिजनों के मुताबिक, अवैध भुगतान की मांग ने उन्हें गहरे डिप्रेशन में धकेल दिया, जिसका अंतिम परिणाम यह ट्रेजिक घटना बनी। यह मामला न केवल ग्रामीण विकास विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ ईमानदार अधिकारियों की असुरक्षा को भी उजागर करता है।
घटना का पूरा विवरण: कैसे पहुंचा VDO इस कगार पर?
जयपुर जिले के एक छोटे से गांव में तैनात यह VDO, जो ग्राम पंचायत के विकास कार्यों की जिम्मेदारी संभालते थे, पिछले कई महीनों से कथित तौर पर दबाव का शिकार चल रहे थे। परिजनों के अनुसार, महिला BDO ने विकास योजनाओं के फंड रिलीज करने के बदले में अवैध कमीशन की मांग शुरू की। इसमें सरपंच और उसके बेटे की भी केंद्रीय भूमिका बताई जा रही है, जो स्थानीय स्तर पर पावर ब्रोकर की तरह काम कर रहे थे।
दबाव की शुरुआत: सूत्रों के हवाले से पता चला है कि यह सब तब शुरू हुआ जब VDO ने PM आवास योजना, MNREGA और अन्य ग्रामीण विकास स्कीम्स के तहत फंड के अनियमित वितरण पर सवाल उठाए। इसके जवाब में BDO ने उन्हें 'ट्रांसफर' की धमकी दी और फाइलें लटका दीं। सरपंच के बेटे ने कथित रूप से गांव में घूम-घूमकर VDO को बदनाम करने की कोशिश की, जबकि सरपंच ने पंचायत मीटिंग्स में खुलेआम दबाव बनाया।
मानसिक यातनाएं: परिजनों ने बताया कि VDO रात-रात भर सो नहीं पाते थे। वे घर लौटते तो चुपचाप बैठे रहते, और कई बार रोते हुए कहते, "मैं ईमानदारी से काम करना चाहता हूं, लेकिन ये लोग मुझे तोड़ रहे हैं।" एक परिजन ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "उन्हें 2-3 लाख रुपये का अवैध भुगतान करने का दबाव था। जब उन्होंने मना किया, तो BDO ने उनकी रिपोर्ट्स रिजेक्ट कर दीं और सरपंच ने गांववालों को भड़काया।"
आखिरी कदम: 1 नवंबर की शाम को VDO ने अपने आवास पर कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में उन्होंने BDO, सरपंच और उसके बेटे के नाम लिए और लिखा कि "अवैध दबाव से तंग आकर यह कदम उठा रहा हूं।" घटना के बाद परिजन अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डिप्रेशन और जहर का असर साफ नजर आया।
परिजनों की गुहार: न्याय की मांग
VDO के परिवार वाले सदमे में हैं। उनकी पत्नी ने आंसू भरी आंखों से कहा, "वह गांव के लिए जीता था, लेकिन इनकी साजिश ने उसे मार डाला। हम गरीब परिवार से हैं, क्या हम भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की सजा पाएंगे?" परिजनों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें आरोपी अधिकारियों के खिलाफ FIR, विभागीय जांच और मुआवजे की मांग की गई है। उन्होंने कहा, "BDO को सस्पेंड किया जाए, सरपंच-पुत्र पर कार्रवाई हो, वरना हम न्याय के लिए सड़कों पर उतरेंगे।"
प्रशासनिक प्रतिक्रिया: जांच के आदेश, लेकिन सवाल बाकी
जयपुर जिला प्रशासन ने तुरंत संज्ञान लिया। DM ने मामले को गंभीर बताते हुए एक उच्च स्तरीय जांच कमिटी गठित की है, जो 48 घंटों में रिपोर्ट सौंपेगी। BDO कार्यालय से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया, लेकिन सूत्र बताते हैं कि महिला BDO को नोटिस जारी हो गया है। सरपंच ने सफाई दी कि "यह झूठा आरोप है, VDO की निजी परेशानियां थीं।" हालांकि, विपक्षी दल ने इसे "प्रशासनिक भ्रष्टाचार का नंगा नाच" बताते हुए विधानसभा में चर्चा की मांग की।
व्यापक संदर्भ: ग्रामीण राजस्थान में भ्रष्टाचार का काला अध्याय
यह पहला मामला नहीं है। राजस्थान में VDO और BDO स्तर पर अवैध वसूली की शिकायतें आम हैं। हाल ही में चित्तौड़गढ़ में सरपंच-VDO ने 11 लाख का गबन किया था, जबकि नीम का थाना में एक VDO ने भ्रष्टाचार के खिलाफ FIR दर्ज कराने के दबाव में सुसाइड किया था। ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) के आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 में पंचायती राज विभाग में 50 से ज्यादा भ्रष्टाचार के केस दर्ज हुए। विशेषज्ञों का कहना है कि ईमानदार अधिकारियों को सुरक्षा और हेल्पलाइन की जरूरत है, वरना ऐसे हादसे बढ़ते जाएंगे।