गैंगस्टर रोहित गोदारा पर एक महीने में दूसरी FIR: रंगदारी वसूली के आरोप में सदर थाने में मुकदमा दर्ज, रोहित राणा पर रैकी का शक
राजस्थान के बीकानेर में कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा और उसके गैंग पर एक महीने में दूसरी FIR दर्ज हुई है। सदर थाने में रंगदारी वसूली और धमकी के आरोप में रोहित गोदारा, रोहित राणा, जितेंद्र चरण, वीरेंद्र चरण व सुरेश बिश्नोई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। रोहित राणा पर पीड़ित व्यवसायी के प्रतिष्ठान की रैकी करने का शक है। पुलिस ने जांच तेज कर दी है और गैंग के नेटवर्क को तोड़ने का प्रयास शुरू कर दिया। इससे पहले कोटगेट थाने में भी इसी तरह का मामला दर्ज हो चुका है।
बीकानेर (राजस्थान), 11 नवंबर 2025: राजस्थान के बीकानेर जिले में अपराध की दुनिया के कुख्यात नाम रोहित गोदारा गैंग पर पुलिस ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मात्र एक महीने के अंदर गैंग के सरगना रोहित गोदारा और उसके सहयोगियों के खिलाफ दूसरा मामला दर्ज किया गया है। इस बार सदर थाने में रंगदारी (एक्सटॉर्शन) और फिरौती की मांग के आरोप में FIR दर्ज हुई है, जिसमें रोहित गोदारा के अलावा पांच अन्य सदस्यों को नामजद किया गया है। विशेष रूप से, गैंग के सदस्य रोहित राणा पर घटना स्थल की रैकी (सर्वे) करने का गंभीर आरोप लगाया गया है। पुलिस का मानना है कि यह गैंग व्यवसायियों और आम लोगों को धमकाकर पैसे वसूलने का नेटवर्क चला रहा है, और अब इसकी जड़ें उखाड़ने के लिए ठोस कार्रवाई की जा रही है।
घटना का विवरण: रंगदारी की धमकी और पुलिस की त्वरित कार्रवाई मंगलवार को सदर थाना प्रभारी दिगपाल सिंह ने अपने थाने में एक गंभीर शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया। शिकायत के अनुसार, रोहित गोदारा गैंग के सदस्यों ने हाल ही में एक व्यवसायी को फोन पर धमकी दी थी। धमकाने वालों ने स्पष्ट रूप से रंगदारी की मांग की थी और पैसे न देने पर जान से मारने की चेतावनी दी थी। पीड़ित व्यवसायी ने डर के मारे शुरू में चुप्पी साधे रखी, लेकिन जब धमकियां बढ़ गईं तो उसने सदर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस जांच में सामने आया कि यह धमकी रोहित गोदारा गैंग का काम है। गैंग के सदस्यों ने न केवल फोन के माध्यम से धमकी दी, बल्कि घटना से पहले व्यवसायी के प्रतिष्ठान की रैकी भी की थी। रैकी का जिम्मा गैंग के एक प्रमुख सदस्य रोहित राणा को सौंपा गया था, जो स्थानीय स्तर पर सक्रिय है। रोहित राणा पर आरोप है कि उसने व्यवसायी के कारोबार की पूरी जानकारी इकट्ठा की, जिसमें दुकान का स्थान, सुरक्षा व्यवस्था और दैनिक कमाई का अनुमान शामिल था। यह रैकी गैंग की सामान्य रणनीति का हिस्सा है, जिससे वे निशाना चुनते हैं और फिरौती की रकम तय करते हैं।
आरोपी सदस्य: रोहित गोदारा गैंग का नेटवर्क FIR में रोहित गोदारा का नाम सबसे ऊपर है, जो गैंग का मास्टरमाइंड माना जाता है। गोदारा लंबे समय से फरार है और कथित तौर पर पड़ोसी राज्यों या विदेश में छिपा हुआ है। उसके अलावा निम्नलिखित पांच सदस्यों को नामजद किया गया है:जितेंद्र चरण: गैंग का एक सक्रिय सदस्य, जो धमकी भरे कॉल करने में माहिर है।,वीरेंद्र चरण: जितेंद्र का रिश्तेदार, जो गैंग के लॉजिस्टिक्स (संचालन) का काम संभालता है।,सुरेश बिश्नोई: स्थानीय स्तर पर संपर्क बनाने वाला, जो पीड़ितों तक पहुंच सुनिश्चित करता है।,रोहित राणा: मुख्य आरोपी, जिस पर रैकी का आरोप है। वह हनुमानगढ़ क्षेत्र में सबसे ज्यादा सक्रिय है और कई मामलों में पहले भी नाम आ चुका है।
ये सभी सदस्य रोहित गोदारा के निर्देश पर काम करते हैं। पुलिस के अनुसार, गैंग का मुख्य हथियार फोन और सोशल मीडिया है, जिसके जरिए वे धमकियां देते हैं। कई मामलों में, वे पीड़ितों को 'सुपारी' देकर हमले की धमकी भी देते हैं।
पिछला मामला: एक महीने में दूसरी FIR, कोटगेट थाने का केस यह रोहित गोदारा गैंग पर दूसरा मामला है। पिछले महीने (अक्टूबर 2025) में कोटगेट थाने में पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। उस मामले में भी रंगदारी और फिरौती की मांग का आरोप था। कोटगेट थाने के एक व्यवसायी को गैंग ने 5 लाख रुपये की मांग की थी, और पैसे न देने पर उसके प्रतिष्ठान को आगजनी की धमकी दी गई थी। उस FIR में भी रोहित गोदारा और उसके तीन सहयोगियों का नाम था। पुलिस ने उस मामले में सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकॉर्ड्स के आधार पर जांच शुरू की है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।इन दोनों मामलों से साफ है कि रोहित गोदारा गैंग हनुमानगढ़ और आसपास के इलाकों में सक्रिय है। गैंग का फोकस अमीर व्यवसायियों और ठेकेदारों पर है, जिन्हें वे 'आसान शिकार' मानते हैं।
पुलिस की कार्रवाई: शिकंजा कसने की रणनीति सदर थाना प्रभारी दिगपाल सिंह ने बताया कि FIR भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 387 (रंगदारी के लिए धमकी), 506 (आपराधिक धमकी) और 34 (साझा आशय) के तहत दर्ज की गई है। इसके अलावा, आर्म्स एक्ट और IT एक्ट की भी कुछ धाराएं जोड़ी जा सकती हैं, यदि हथियारों या साइबर माध्यमों का इस्तेमाल साबित होता है। पुलिस ने जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है, जिसमें साइबर सेल को भी शामिल किया गया है। कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (CDR), व्हाट्सएप चैट्स और बैंक ट्रांजेक्शन की जांच की जा रही है। प्रभारी सिंह ने कहा, "हम गैंग के नेटवर्क को तोड़ने के लिए अन्य थानों और राज्यों की पुलिस से समन्वय कर रहे हैं। रोहित गोदारा जैसे फरार अपराधियों को पकड़ने के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।" हनुमानगढ़ एसपी (जिला पुलिस अधीक्षक) ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने व्यवसायियों से अपील की है कि ऐसी धमकियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें। जिले में एक्सटॉर्शन रोकने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है: 100 या स्थानीय थाने के नंबर।रोहित गोदारा
गैंग का बैकग्राउंड: अपराध की लंबी फेहरिस्त रोहित गोदारा राजस्थान के बिश्नोई समुदाय से जुड़ा एक कुख्यात गैंगस्टर है, जो 2010 के दशक से सक्रिय है। उसके खिलाफ हत्या, जबरन वसूली, हथियार तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे दर्जनों केस दर्ज हैं। गैंग का मुख्य ठिकाना हनुमानगढ़-गंगानगर क्षेत्र है, लेकिन इसका नेटवर्क पंजाब, हरियाणा और हरियाणा तक फैला हुआ है। रोहित गोदारा पर हरियाणा और राजस्थान पुलिस ने इनाम भी घोषित किया है। पिछले वर्षों में गैंग ने कई हाई-प्रोफाइल हमले किए हैं, जिनमें व्यवसायियों पर फायरिंग और बम ब्लास्ट शामिल हैं। पुलिस का अनुमान है कि गैंग सालाना करोड़ों रुपये की रंगदारी वसूलता है। रोहित राणा जैसे स्थानीय सदस्य गैंग को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाते हैं, जबकि गोदारा ऊपरी स्तर से ऑपरेशन चलाता है।