"राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूत करने की कवायद: गृह सचिव की हाई-लेवल बैठक, 244 जिलों में सिविल डिफेंस की तैयारी"

गृह मंत्रालय ने देश के 244 जिलों में सिविल डिफेंस की तैयारियों को तेज करने के लिए आज सुबह 10:45 बजे गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई है। सभी राज्यों के मुख्य सचिव और सिविल डिफेंस प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल होंगे। कल गृह मंत्रालय ने राज्यों को मॉक ड्रिल आयोजित करने के आदेश दिए

May 6, 2025 - 11:08
"राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूत करने की कवायद: गृह सचिव की हाई-लेवल बैठक, 244 जिलों में सिविल डिफेंस की तैयारी"

नई दिल्ली, 6 मई 2025: देश की आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने के लिए गृह मंत्रालय ने बड़े पैमाने पर कदम उठाए हैं। आज सुबह 10:45 बजे गृह सचिव की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है, जिसमें सिविल डिफेंस की तैयारियों को लेकर गहन चर्चा होगी। इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्य सचिव और सिविल डिफेंस विभाग के प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल होंगे। देश के 244 जिलों में सिविल डिफेंस की तैयारियों को तेज करने के लिए यह कदम उठाया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

मॉक ड्रिल के आदेश, तैयारियों का जायजा

गृह मंत्रालय ने कल एक और महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया, जिसमें सभी राज्यों को अपने-अपने क्षेत्रों में मॉक ड्रिल आयोजित करने के लिए कहा गया है। इन मॉक ड्रिल का उद्देश्य सिविल डिफेंस की तैयारियों का आकलन करना और स्थानीय स्तर पर समन्वय को और बेहतर करना है। मॉक ड्रिल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आपदा या अन्य आपात स्थितियों में सिविल डिफेंस टीमें पूरी तरह तैयार हों। सूत्रों के अनुसार, इन ड्रिल में अग्निशमन, बचाव कार्य, चिकित्सा सहायता और जन जागरूकता जैसे पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

सिविल डिफेंस की क्यों है जरूरत?

सिविल डिफेंस का महत्व हाल के वर्षों में और बढ़ गया है, खासकर प्राकृतिक आपदाओं, आतंरिक सुरक्षा चुनौतियों और अन्य आपातकालीन परिस्थितियों के मद्देनजर। गृह मंत्रालय का लक्ष्य है कि प्रत्येक जिले में सिविल डिफेंस की टीमें न केवल प्रशिक्षित हों, बल्कि आधुनिक उपकरणों और तकनीक से भी लैस हों। 244 जिलों में चल रही तैयारियां इस दिशा में एक बड़ा कदम हैं। इन जिलों का चयन उनकी भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या घनत्व और संवेदनशीलता के आधार पर किया गया है।

बैठक में क्या होगी चर्चा?

आज की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा। इनमें शामिल हैं:

संसाधनों का आवंटन: सिविल डिफेंस के लिए आवश्यक उपकरण, वाहन और प्रशिक्षण सुविधाओं की उपलब्धता।

राज्यों के बीच समन्वय: विभिन्न राज्यों में सिविल डिफेंस की गतिविधियों को एकीकृत करने की रणनीति।

जागरूकता अभियान: आम जनता को सिविल डिफेंस के महत्व और उनकी भूमिका के बारे में जागरूक करना।

मॉक ड्रिल की योजना: मॉक ड्रिल के समय और प्रारूप को अंतिम रूप देना।

विशेषज्ञों की राय

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सिविल डिफेंस को मजबूत करना समय की मांग है। रक्षा विशेषज्ञ डॉ. अनिल शर्मा कहते हैं, "आधुनिक युग में सुरक्षा का दायरा केवल सैन्य ताकत तक सीमित नहीं है। सिविल डिफेंस के माध्यम से स्थानीय स्तर पर तैयारियां देश की रक्षा प्रणाली को और मजबूत करती हैं। मॉक ड्रिल और प्रशिक्षण से न केवल तैयारियां परखी जा सकती हैं, बल्कि कमियों को दूर करने का मौका भी मिलता है।"

जनता की भूमिका

गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि सिविल डिफेंस में जनता की भागीदारी अहम है। इसके लिए स्कूलों, कॉलेजों और सामुदायिक केंद्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, स्वयंसेवकों को सिविल डिफेंस की गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

आगे की राह

आज की बैठक और आने वाले मॉक ड्रिल सिविल डिफेंस की तैयारियों को एक नया आयाम देंगे। गृह मंत्रालय का यह प्रयास न केवल आपदा प्रबंधन को मजबूत करेगा, बल्कि देशवासियों में सुरक्षा और आत्मविश्वास की भावना को भी बढ़ाएगा। इस दिशा में केंद्र और राज्य सरकारों का समन्वय एक मिसाल बन सकता है। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ, पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 से अधिक वर्षों का अनुभव !