राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट: ब्लैकआउट, स्कूल-कॉलेज बंद, और जनता का अटूट भाईचारा

भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के बीच राजस्थान के बीकानेर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, जोधपुर, फलोदी और बाड़मेर जिलों में हाई अलर्ट है। स्कूल-कॉलेज बंद, रात में ब्लैकआउट लागू, और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। स्थानीय लोग एकजुट और प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं।

May 8, 2025 - 14:20
राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट: ब्लैकआउट, स्कूल-कॉलेज बंद, और जनता का अटूट भाईचारा

जयपुर, 8 मई 2025: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और हाल ही में भारतीय वायुसेना द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई सटीक एयर स्ट्राइक के बाद राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व स्तर पर मजबूत किया गया है। बीकानेर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, फलोदी, जोधपुर और बाड़मेर जैसे सीमावर्ती जिलों में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी करते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद, परीक्षाएं स्थगित, रात में ब्लैकआउट और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती जैसे कदम उठाए गए हैं। इसके बावजूद, राजस्थान की जनता न केवल शांत और संयमित है, बल्कि प्रशासन के हर निर्देश का पालन करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

स्कूल-कॉलेज बंद, परीक्षाएं स्थगित

भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में प्रशासन ने छात्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। बीकानेर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर और फलोदी में सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों (कक्षा 12वीं तक) में 8 मई को अवकाश घोषित कर दिया गया है। जोधपुर में कॉलेजों को भी बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही, इन जिलों में निर्धारित सभी प्रकार की परीक्षाएं अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई हैं। 

रात में ब्लैकआउट: जोधपुर और बीकानेर में विशेष सतर्कता

जोधपुर और बीकानेर में जिला प्रशासन ने रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक पूर्ण ब्लैकआउट लागू करने का फैसला किया है। इस दौरान इन शहरों में सभी प्रकार की बाहरी रोशनी बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। ब्लैकआउट की पालना सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सतर्कता के साथ तैनात हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के बाद सवाई माधोपुर के गंगापुर सिटी में भी ब्लैकआउट का प्रभाव देखा गया।

यह ब्लैकआउट सुरक्षा की दृष्टि से लागू किया गया है ताकि सीमा पर किसी भी संभावित खतरे को कम किया जा सके। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस दौरान घरों में रोशनी कम रखें और अनावश्यक बाहरी गतिविधियों से बचें। 

पाकिस्तान की ओर से किसी भी संभावित जवाबी कार्रवाई को रोकने के लिए सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। बीकानेर के पूगल थाना क्षेत्र में हाल ही में एक मिसाइल जैसी वस्तु मिलने की घटना ने भी प्रशासन की सतर्कता को और बढ़ा दिया है।

'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया। इस कार्रवाई की पुष्टि खुद पाकिस्तानी सेना ने की है, जिसने भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक दक्षता को एक बार फिर साबित किया। इस हमले ने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया है, और सीमा पर उसकी हलचल से साफ है कि वह भारत की इस कार्रवाई से भयभीत है।

ऐतिहासिक रूप से, जब-जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव या युद्ध की स्थिति बनी है, राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों ने भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। स्थानीय लोग आज भी उन कहानियों को गर्व के साथ दोहराते हैं, जब इस क्षेत्र की जनता ने सेना का साथ देते हुए दुश्मन को सबक सिखाया था।

जनता में कोई पैनिक नहीं, भाईचारा बरकरार

इन तमाम सख्त कदमों और हाई अलर्ट के बावजूद, राजस्थान के सीमावर्ती जिलों की जनता में किसी भी तरह का पैनिक नहीं है। लोग प्रशासन और सरकार के हर निर्देश का पालन करने के लिए तैयार हैं। सीमावर्ती गांवों में बने बंकरों में ग्रामीणों को भेजा गया है, और प्रशासन ने उनके लिए खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की है।

राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र हमेशा से अपने भाईचारे और एकजुटता के लिए जाने जाते हैं। हिंदू, मुस्लिम, सिख और अन्य समुदायों के लोग यहां मिलजुल कर रहते हैं और देश की सुरक्षा के लिए एकजुट होकर काम करते हैं।   

राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियां किसी भी संभावित खतरे के प्रति सतर्क हैं, और सीमावर्ती क्षेत्रों में मॉक ड्रिल भी चल रही हैं।

निष्कर्ष: राजस्थान का गर्व और शौर्य

राजस्थान के सीमावर्ती जिले न केवल भारत की सुरक्षा का प्रथम रक्षक हैं, बल्कि देशभक्ति और भाईचारे की मिसाल भी हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' ने एक बार फिर भारत की सैन्य ताकत को दुनिया के सामने रखा है, और राजस्थान की जनता इस गर्व के पल में अपनी सेना के साथ खड़ी है। ब्लैकआउट, स्कूल-कॉलेज बंद और हाई अलर्ट जैसे कदम सुरक्षा के लिए जरूरी हैं, लेकिन इन सबसे ऊपर है राजस्थान की जनता का अटूट विश्वास और एकजुटता, जो हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।

यहां की धरती ने हमेशा वीरों को जन्म दिया है, और आज भी यह क्षेत्र देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए अपनी भूमिका बखूबी निभा रहा है।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ