प्रिया शर्मा या पाकिस्तानी जासूस? नौसेना भवन में छिपा खतरनाक राज

नौसेना भवन के यूडीसी विशाल यादव ने पाकिस्तानी हैंडलर के जाल में फंसकर ऑपरेशन सिंदूर की गोपनीय सूचनाएं लीक कीं। फेसबुक से शुरू हुई साजिश ने देश की सुरक्षा को खतरे में डाला, अब खुलासे से मचा हड़कंप।

Jun 26, 2025 - 12:14
प्रिया शर्मा या पाकिस्तानी जासूस? नौसेना भवन में छिपा खतरनाक राज

नौसेना भवन, दिल्ली में तैनात अपर डिवीजनल क्लर्क (यूडीसी) विशाल यादव की गिरफ्तारी ने देश की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाने की सनसनीखेज साजिश का खुलासा किया है। विशाल यादव पर आरोप है कि उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की एक महिला हैंडलर के साथ मिलकर नौसेना की गोपनीय और सामरिक महत्व की सूचनाएं लीक कीं। इनमें ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित संवेदनशील जानकारी भी शामिल है। पूछताछ में सामने आया है कि पैसों के लालच में फंसकर विशाल ने देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया और इसके बदले उसे लाखों रुपये प्राप्त हुए।

फेसबुक से शुरू हुई साजिश

सीआईडी इंटेलिजेंस के सूत्रों के अनुसार, विशाल यादव की मुलाकात पाकिस्तानी हैंडलर से फेसबुक के जरिए हुई। हैंडलर ने खुद को प्रिया शर्मा के रूप में पेश करते हुए विशाल को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। दोनों के बीच जल्द ही बातचीत शुरू हो गई और फिर यह संपर्क वॉट्सऐप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ा। महीनों तक प्रिया शर्मा बनकर हैंडलर ने विशाल का विश्वास जीता और फिर अपनी असली पहचान उजागर की। इसके बाद उसने विशाल को पैसे का लालच देकर गोपनीय सूचनाएं हासिल करने की साजिश रची।

ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी लीक

पूछताछ में विशाल ने स्वीकार किया कि उसने शुरुआत में छोटी-मोटी सूचनाएं देकर 5 से 6 हजार रुपये प्रति बार कमाए। लेकिन जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तो पाकिस्तानी हैंडलर ने उससे उच्च-स्तरीय जानकारी मांगी। हैंडलर ने कहा, "तुम्हारी खबरें सी ग्रेड की हैं, अगर अच्छी खबर दोगे तो मैं ज्यादा पैसे दूंगी।" इसके बाद विशाल ने ऑपरेशन सिंदूर और अन्य रक्षा-संबंधी संवेदनशील सूचनाएं लीक कीं। एक बार में उसे 50 हजार रुपये मिले, और अब तक उसके खाते में कुल 1.5 से 2 लाख रुपये जमा हो चुके हैं। कुछ राशि क्रिप्टो करेंसी (यूएसडीटी) के रूप में भी ली गई, जिसकी जांच जारी है।

ऑनलाइन गेमिंग की लत बनी जाल

महानिरीक्षक पुलिस सीआईडी (सुरक्षा) राजस्थान, विष्णुकांत गुप्ता ने बताया कि विशाल यादव ऑनलाइन गेमिंग का आदी था, जिसका फायदा पाकिस्तानी हैंडलर ने उठाया। सीआईडी की टीमें लंबे समय से विशाल और उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नजर रख रही थीं। पुख्ता सबूत मिलने के बाद उसे जयपुर लाया गया, जहां देश की कई खुफिया एजेंसियों ने उससे पूछताछ की।

मोबाइल फोरेंसिक जांच में खुलासे

विशाल के मोबाइल की फोरेंसिक जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इसमें पैसों के लेन-देन, सामरिक सूचनाओं के आदान-प्रदान और चैट के सबूत मिले। जांच में यह भी पुष्टि हुई कि विशाल ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना और रक्षा-संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी पाकिस्तानी हैंडलर को दी।

खुफिया एजेंसियों की सतर्कता

आईजी विष्णुकांत गुप्ता ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां सामरिक सूचनाएं हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं। उनकी टीमें ऐसी हरकतों पर लगातार नजर रखती हैं। विशाल यादव के मामले में भी सीआईडी की सतर्कता के कारण इस साजिश का पर्दाफाश हो सका। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

विशाल यादव से पूछताछ और उसके खातों की जांच अभी जारी है। खुफिया एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि और कौन-कौन सी सूचनाएं लीक हुईं और क्या इस साजिश में कोई और शामिल है। इस मामले ने एक बार फिर सोशल मीडिया के दुरुपयोग और खुफिया जानकारी लीक होने के खतरों को उजागर किया है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .