ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सैन्य ताकत ने दिखाया दमखम रेगिस्तान बना युद्ध का मैदान!
राजस्थान के बीकानेर (महाजन) और जैसलमेर में भारतीय सेना के दो बड़े युद्धाभ्यास – 'सेंटिनल स्ट्राइक' और 'त्रिशूल' – ने रेगिस्तान में तोपों की गरज, हेलीकॉप्टर हमले, ड्रोन काउंटर और मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस का जोरदार प्रदर्शन किया। 'सेंटिनल स्ट्राइक' में आर्टिलरी, टैंक, हेलीकॉप्टर और सी-यूएएस सिस्टम का लाइव फायरिंग हुआ, जबकि 'त्रिशूल' में 30,000+ सैनिकों के साथ थल-वायु-नौसेना की संयुक्त ताकत (टी-90, ब्रह्मोस, राफेल, प्रचंड, मार्कोस आदि) दिखी। पाकिस्तान ने इनकी प्रतिक्रिया में कई हवाई सेक्टर बंद किए। यह सब ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) के सबकों पर आधारित है, जो पहलगाम हमले का जवाब था। भारत ने युद्ध की नई परिभाषा गढ़ी – ड्रोन, साइबर और आत्मनिर्भर हथियारों के साथ।
बीकानेर/जैसलमेर, 31 अक्टूबर 2025: राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में इन दिनों युद्ध की धुन गूंज रही है। आसमान फाड़ते हुए तोपों की गरज और हेलीकॉप्टरों की गर्जना से पूरा इलाका थर्रा उठा। गुरुवार रात को महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में दागे गए हेवी आर्टिलरी के गोलों ने रात के अंधेरे को चीर दिया, जबकि जैसलमेर के रेतीले धोरों में 'त्रिशूल' अभ्यास ने भारत की त्रि-सेवा ताकत का ऐसा जलवा दिखाया कि पड़ोसी पाकिस्तान को अपने हवाई क्षेत्र के कई सेक्टर बंद करने पड़े। यह सब कुछ नहीं, ड्रोन हमलों के काउंटर स्ट्राइक और सी-यूएएस (काउंटर अनमैन्ड एरियल सिस्टम) ऑपरेशंस ने युद्ध की परिभाषा ही बदल दी है। आइए, जानते हैं इस अभूतपूर्व सैन्य प्रदर्शन की पूरी सच्चाई, जो न सिर्फ रणनीतिक तैयारी का प्रतीक है, बल्कि पाकिस्तान को साफ संदेश भी दे रहा है – शांति चाहते हैं तो संयम रखें!
'सेंटिनल स्ट्राइक': रेगिस्तान में जन्मा युद्ध का नया अध्याय
राजस्थान के बीकानेर स्थित महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में सप्त शक्ति कमान (दक्षिण-पश्चिमी कमान) ने 28 से 30 अक्टूबर तक चले दो दिवसीय 'सेंटिनल स्ट्राइक' अभ्यास को अंजाम दिया। यह इंटीग्रेटेड फायर एंड मैन्यूवर एक्सरसाइज था, जिसमें भारतीय सेना ने अपनी आधुनिक क्षमताओं का लाइव प्रदर्शन किया। सुबह से देर रात तक गोला-बारूद के धमाकों की गूंज सुनाई देती रही, और आसमान में चमकते गोले रेगिस्तान को जंग का मैदान बना देते।अभ्यास में मैकेनाइज्ड फोर्सेस, जमीन से हवा में मार करने वाले हथियार, हवाई हमले और ड्रोन थ्रेट्स के खिलाफ काउंटर ऑपरेशंस का पूरा दमखम दिखाया गया। अटैक हेलीकॉप्टरों ने दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर बमबारी की, तो टी-72 'अजेय' टैंक और बीएमपी (ब्रिगेड मॉड्यूलर) ने जमीनी हमले में हिस्सा लिया। आधुनिक तोपखाने के हथियारों, जैसे कि स्वदेशी एक्सकालिबर तोपें, और घातक गोला-बारूद प्रणालियों ने मिशन इंगेजमेंट को सफल बनाया।
खास तौर पर, ड्रोन थ्रेट के दौरान जमीन और हवाई प्लेटफॉर्म्स से लाइव फायरिंग ने दिखाया कि भारत अब अनमैन्ड सिस्टम्स के खिलाफ पूरी तरह तैयार है।इस प्रदर्शन को लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह, सप्त शक्ति कमान के आर्मी कमांडर, ने खुद देखा। उन्होंने सैनिकों की ट्रेनिंग की तारीफ की और 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत विकसित स्वदेशी प्लेटफॉर्म्स की तकनीकी क्षमता को सराहा। यह अभ्यास न सिर्फ मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस (लैंड, एयर, साइबर) की पुष्टि करता है, बल्कि युद्ध की नई परिभाषा गढ़ता है – जहां ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दुश्मन को नेस्तनाबूद करने के हथियार बन जाते हैं।
'त्रिशूल': त्रि-सेवा का महाकुंभ, पाकिस्तान के सिर पर भारी!
जैसलमेर से शुरू होकर गुजरात के कच्छ क्षेत्र तक फैला 'त्रिशूल' अभ्यास भारत की सैन्य एकता का प्रतीक है। 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक चलने वाला यह त्रि-सेवा (आर्मी, नेवी, एयर फोर्स) युद्धाभ्यास 30,000 से ज्यादा सैनिकों को एकजुट कर रहा है। रेगिस्तानी इलाकों से लेकर सिर क्रीक के विवादित जलक्षेत्र तक, यह अभ्यास संभावित तनाव वाले क्षेत्रों पर फोकस कर रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की हालिया चेतावनी के ठीक बाद शुरू हुआ यह ड्रिल पाकिस्तान को साफ संदेश देता है – सिर क्रीक में कोई हरकत की तो इतिहास और भूगोल दोनों बदल देंगे!अभ्यास में थलसेना ने टी-90 टैंकों, ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों और आकाश एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात किया है। याद रहे, मई 2025 के 'ऑपरेशन सिंदूर' में इसी आकाश सिस्टम ने पाकिस्तानी मिसाइलों को हवा में ही ध्वस्त कर दिया था। स्वदेशी प्रचंड अटैक हेलीकॉप्टरों ने रेगिस्तानी इलाकों में तेज रफ्तार हमले दिखाए, जबकि वायुसेना के राफेल और सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट्स ने एयर स्ट्राइक्स का अभ्यास किया।
सी गार्डियन और हेरोन ड्रोन ने निगरानी का जिम्मा संभाला।नौसेना ने कोलकाता-क्लास डिस्ट्रॉयर और नीलगिरी-क्लास फ्रिगेट्स के साथ तेज हमला इकाइयों को उतारा, जिसमें पैरा स्पेशल फोर्सेस (पैरा एसएफ), मरीन कमांडोज (मार्कोस) और एयर फोर्स की गरुड़ कमांडो शामिल हैं। सब-एक्सरसाइज जैसे 'ट्रिनेत्र' (इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और काउंटर-ड्रोन) और 'महागुजराज' (इंटीग्रेटेड एयर ऑपरेशंस) ने साइबर और स्पेस डोमेन को भी जोड़ा। यह अभ्यास 'ऑपरेशन सिंदूर' के सबकों पर आधारित है, जहां भारत ने पाकिस्तान में घुसकर 100 से ज्यादा आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया था – जवाब में अप्रैल 2025 के पहलगाम हमले (26 पर्यटकों की हत्या) के लिए।
पाकिस्तान की घबराहट: हवाई सेक्टर बंद, उड़ी नींदें!
भारत के इन अभ्यासों ने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया। 28 और 29 अक्टूबर को पाकिस्तान ने अपने केंद्रीय और दक्षिणी हवाई क्षेत्र (कराची और लाहौर फ्लाइट इन्फॉर्मेशन रीजन) को सुबह 6 से 9 बजे तक बंद कर दिया। नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) के तहत यह प्रतिबंध भारत के 'त्रिशूल' अभ्यास की वजह से था। पाकिस्तान ने पूरे देश के हवाई क्षेत्र पर लगभग कब्जा जमा लिया, जो गुजरात-राजस्थान सीमा से सटे इलाकों को प्रभावित करता है। एयरलाइंस को चेतावनी दी गई कि उड़ानों में सावधानी बरतें।यह कदम 'ऑपरेशन सिंदूर' की याद दिलाता है, जब पाकिस्तान ने भारतीय विमानों पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन भारत ने भी अपने पश्चिमी सेक्टरों में हवाई क्षेत्र सीमित कर दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह घबराहट सिर क्रीक विवाद और 1965 की जंग की यादों से उपजी है, जहां कच्छ का रण टैंक युद्ध का मैदान बना था।
ऑपरेशन सिंदूर: तनाव की जड़, सबक का स्रोत
मई 2025 का 'ऑपरेशन सिंदूर' इन अभ्यासों का आधार है। 22 अप्रैल को पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में धार्मिक आधार पर 26 पर्यटकों की हत्या के जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों (जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के) पर मिसाइल हमले किए। भारत ने दावा किया कि 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए, जबकि पाकिस्तान ने 26 नागरिक मौतों का रोना रोया। पाकिस्तान के 'ऑपरेशन बुनयान-उम-मरसूस' जवाब में भारत ने उसके एयरबेस और कमांड सेंटर्स को निशाना बनाया। 10 मई को अमेरिकी मध्यस्थता से सीजफायर हुआ, लेकिन तनाव बरकरार है।इस ऑपरेशन ने साबित किया कि भारत अब 'सर्जिकल स्ट्राइक' से आगे सोचता है – न्यूक्लियर धमकी के बावजूद पारंपरिक कार्रवाई संभव है। 'त्रिशूल' और 'सेंटिनल स्ट्राइक' इन्हीं सबकों को लागू कर रहे हैं, जहां जॉइंटनेस, आत्मनिर्भरता और इनोवेशन (पीएम मोदी के JAI विजन) पर जोर है।
शांति की कीमत है ताकत
ये अभ्यास भारत की सैन्य क्रांति का प्रमाण हैं – जहां रेगिस्तान अब दुश्मन को नेस्तनाबूद करने का अड्डा बन गया है। पाकिस्तान के बंद सेक्टर और भारत की तैयारियां बता रही हैं कि सीमा पर शांति नाजुक है, लेकिन भारत की ताकत अटल। विशेषज्ञ कहते हैं, यह डिटरेंस का नया दौर है, जहां आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस रणनीति कामयाब हो रही है।