मुंबई लोकल ट्रेन हादसे के बाद रेलवे का ऐतिहासिक कदम: ऑटोमैटिक दरवाजों से बढ़ेगी यात्रियों की सुरक्षा

मुंबई के मुंब्रा स्टेशन के पास हुए लोकल ट्रेन हादसे में 5 यात्रियों की मौत और कई के घायल होने के बाद रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। अब मुंबई सबअर्बन ट्रेनों में ऑटोमैटिक डोर क्लोजर सिस्टम लगाया जाएगा। नए रैक में यह सुविधा अनिवार्य होगी, और पुराने रैकों को भी रीडिजाइन किया जाएगा। यह कदम भीड़ के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाया गया है।

Jun 9, 2025 - 17:58
मुंबई लोकल ट्रेन हादसे के बाद रेलवे का ऐतिहासिक कदम: ऑटोमैटिक दरवाजों से बढ़ेगी यात्रियों की सुरक्षा

मुंबई: मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर इंडियन रेलवे ने एक बड़ा और क्रांतिकारी फैसला लिया है। ठाणे के मुंब्रा रेलवे स्टेशन के पास सोमवार को हुए दर्दनाक हादसे के बाद, जिसमें 5 यात्रियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए, रेलवे बोर्ड ने सभी मुंबई सबअर्बन ट्रेनों में ऑटोमैटिक डोर क्लोजर सिस्टम लगाने का ऐलान किया है। इस कदम का मकसद अत्यधिक भीड़ के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना और यात्रियों की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

हादसे ने खोली सुरक्षा की खामियां

सोमवार सुबह करीब 9:30 बजे, दिवा और मुंब्रा स्टेशन के बीच एक भीड़भाड़ वाली कसारा-छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) फास्ट लोकल ट्रेन में सवार कुछ यात्री ट्रैक पर गिर गए। प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह हादसा तब हुआ जब दो विपरीत दिशाओं में जा रही ट्रेनें एक-दूसरे को क्रॉस कर रही थीं। दोनों ट्रेनों के फुटबोर्ड पर खड़े यात्रियों के बैग आपस में उलझ गए, जिसके कारण 13 लोग ट्रैक पर गिर गए। इनमें से 5 की मौत हो गई, जबकि 7 अन्य घायल हो गए। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों, जैसे शिवाजी हॉस्पिटल और ठाणे सामान्य अस्पताल, में भर्ती कराया गया।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा, “दिवा-मुंब्रा स्टेशन के बीच लोकल ट्रेन से 8 यात्रियों के गिरने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। हम उनके परिवारों के दुख में शामिल हैं।”

रेलवे का बड़ा फैसला: ऑटोमैटिक दरवाजे होंगे अनिवार्य

इस दुखद हादसे के बाद रेलवे बोर्ड ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मुंबई की सभी सबअर्बन ट्रेनों में ऑटोमैटिक डोर क्लोजर सिस्टम लागू करने का फैसला किया। रेलवे के अनुसार, मुंबई सबअर्बन रेल नेटवर्क के लिए निर्माणाधीन सभी नए रैक (ट्रेन बोगियां) अब ऑटोमैटिक डोर क्लोजर से लैस होंगे। इसके अलावा, मौजूदा रैकों को भी रीडिजाइन किया जाएगा और उनमें यह सुरक्षा सुविधा जोड़ी जाएगी।

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “मुंबई की सबअर्बन रेल प्रणाली में रोजाना 30 लाख से अधिक यात्री सफर करते हैं, और भीड़ के कारण फुटबोर्ड पर यात्रा करना आम बात है। ऑटोमैटिक डोर क्लोजर सिस्टम से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि नए सिस्टम के साथ वेंटिलेशन की समस्या को भी हल करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि नॉन-एसी कोच में यात्रियों को कोई असुविधा न हो।

मुंबई लोकल की चुनौतियां

मुंबई की सबअर्बन रेल प्रणाली में रोजाना 3,000 से अधिक सेवाएं संचालित होती हैं, जिनमें 250 से ज्यादा रैक उपयोग में लाए जाते हैं। वर्तमान में केवल 15 रैक ही ऑटोमैटिक डोर क्लोजर और एयर कंडीशनिंग सुविधा से लैस हैं। बाकी ज्यादातर रैक नॉन-एसी हैं और उनमें कोई स्वचालित दरवाजा प्रणाली नहीं है। रोजाना करीब 70 लाख यात्री इस नेटवर्क का उपयोग करते हैं, और पीक आवर्स में अत्यधिक भीड़ के कारण फुटबोर्ड पर यात्रा करना एक आम समस्या है।

सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल धनराज नील ने हादसे के कारणों की पुष्टि करते हुए बताया, “यह कोई ट्रेन टक्कर का मामला नहीं है। दोनों ट्रेनों के फुटबोर्ड पर खड़े यात्रियों के बैग आपस में टकराए, जिसके कारण यह हादसा हुआ।” उन्होंने कहा कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है और रेलवे प्रशासन मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुटा है।

क्या है ऑटोमैटिक डोर क्लोजर सिस्टम?

ऑटोमैटिक डोर क्लोजर सिस्टम मेट्रो ट्रेनों की तरह काम करता है, जिसमें ट्रेन के चलते ही दरवाजे अपने आप बंद हो जाते हैं। यह सिस्टम यात्रियों को फुटबोर्ड पर खड़े होने या दरवाजे पर लटकने से रोकता है, जिससे हादसों की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। यह तकनीक न केवल सुरक्षा बढ़ाएगी, बल्कि भीड़ प्रबंधन में भी मदद करेगी।

रेलवे की अन्य पहल

इस हादसे ने एक बार फिर मुंबई लोकल ट्रेनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की खामियों को उजागर किया है। रेलवे ने न केवल ऑटोमैटिक डोर सिस्टम लागू करने का फैसला किया है, बल्कि भविष्य में ट्रेनों की संख्या बढ़ाने और स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त उपाय करने की योजना भी बनाई है। रेलवे ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस घटना के कारण प्रभावित लोकल सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल किया जाए।

जनता और विशेषज्ञों की राय

हादसे के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने रेलवे की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। एक यूजर ने लिखा, “मुंबई की लोकल ट्रेनें हमारी जान हैं, लेकिन इनमें सुरक्षा का अभाव चिंताजनक है। ऑटोमैटिक डोर का फैसला स्वागतयोग्य है, लेकिन इसे जल्द लागू करना होगा।” वहीं, एक रिटायर्ड रेलवे अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “ऑटोमैटिक डोर सिस्टम लागू करना एक जटिल प्रक्रिया है। नॉन-एसी कोच में वेंटिलेशन का मुद्दा हल करना भी जरूरी है, वरना यात्रियों को असुविधा होगी।”

मुंब्रा हादसा मुंबई की लोकल ट्रेनों में सुरक्षा सुधारों की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है। रेलवे का ऑटोमैटिक डोर क्लोजर सिस्टम लागू करने का फैसला एक सकारात्मक कदम है, जो भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोकने में मदद कर सकता है। हालांकि, इस सिस्टम को लागू करने में समय और तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यात्रियों से अपील है कि वे भीड़भाड़ वाली ट्रेनों में फुटबोर्ड पर यात्रा करने से बचें और रेलवे के इस नए प्रयास में सहयोग करें।

 रेलवे प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और उम्मीद है कि जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे ताकि मुंबई की लोकल ट्रेनें न केवल सुविधाजनक, बल्कि पूरी तरह सुरक्षित भी बन सकें।