जोधपुर में रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल: प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ आक्रोश,

जोधपुर में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने उदयपुर में डॉ. रवि शर्मा की करंट से मौत के बाद प्रशासनिक लापरवाही के विरोध में हड़ताल शुरू की। मथुरादास माथुर (एमडीएम) अस्पताल में ओपीडी और सामान्य सेवाएं ठप, मरीज परेशान। रेजिडेंट्स ने मुआवजे और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। जोधपुर में भी हाल ही में करंट की घटना सामने आई थी। रैली निकालकर विरोध दर्ज; मांगें न मानी गईं तो जयपुर के एसएमएस रेजिडेंट्स के साथ आंदोलन तेज करने की चेतावनी।

Jun 28, 2025 - 13:56
जोधपुर में रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल: प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ आक्रोश,

राजस्थान के जोधपुर में चिकित्सा व्यवस्था एक बार फिर संकट में है। उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज में वाटर कूलर में करंट लगने से सीनियर रेजिडेंट डॉ. रवि शर्मा की मौत के बाद अब जोधपुर के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने भी प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ मोर्चा खोल  है। जोधपुर के डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज से जुड़े मथुरादास माथुर (एमडीएम) अस्पताल, महात्मा गांधी अस्पताल, और उम्मेद अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल के कारण अस्पताल की ओपीडी और सामान्य वार्ड सेवाएं ठप हो गई हैं, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं, आईसीयू, लेबर रूम, और ईओटी सेवाओं को हड़ताल से अलग रखा गया है।

हड़ताल का कारण और मांगें:

रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल का मुख्य कारण उदयपुर में डॉ. रवि शर्मा की करंट लगने से हुई दुखद मृत्यु है। रेजिडेंट्स का आरोप है कि यह घटना प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम थी। उनकी मांग है कि मृतक डॉक्टर के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, वे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। रेजिडेंट डॉक्टर्स ने यह भी बताया कि जोधपुर में दो दिन पहले पीजी हॉस्टल में करंट की घटना सामने आई थी, जिसमें सौभाग्यवश कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन यह भी प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।

जोधपुर के सबसे बड़े मथुरादास माथुर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में 490 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर्स कार्यरत हैं। हड़ताल के कारण ओपीडी और वार्डों में मरीजों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है। कई मरीज बिना इलाज के वापस लौट रहे हैं, जबकि कुछ निजी अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं। अस्पताल प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्थाएं करने का दावा किया है, लेकिन मरीजों की भीड़ और सीमित संसाधनों के कारण स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

रैली और विरोध प्रदर्शन:

रेजिडेंट डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को लेकर जोधपुर में रैली निकाली और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के अध्यक्ष डॉ. हीरालाल यादव ने कहा कि प्रशासन की चुप्पी और लापरवाही अस्वीकार्य है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट यूनियन के साथ मिलकर आगे की रणनीति तय की जाएगी, जिसमें राज्यव्यापी आंदोलन और पूर्ण कार्य बहिष्कार भी शामिल हो सकता है।

पहले भी उठ चुके हैं सवाल:

यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल का रास्ता अपनाया है। हाल ही में, जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में रेजिडेंट डॉ. राकेश बिश्नोई की आत्महत्या के मामले में भी रेजिडेंट्स ने प्रशासनिक क्रूरता और लापरवाही का आरोप लगाते हुए हड़ताल की थी। उस समय भी मृतक के परिवार को मुआवजा और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी थी।

प्रशासन का रुख:

मथुरादास माथुर अस्पताल के उप अधीक्षक डॉ. धर्मेंद्र गुर्जर ने बताया कि अस्पताल ने मरीजों की सुविधा के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं की हैं, ताकि हड़ताल का प्रभाव कम किया जा सके। हालांकि, रेजिडेंट्स का कहना है कि उनकी मांगों पर सहमति के बावजूद प्रशासन ने अभी तक लिखित आश्वासन नहीं दिया है, जिसके कारण वे हड़ताल पर अड़े हुए हैं।

मरीजों की परेशानी:

हड़ताल के कारण जोधपुर के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को लंबी कतारों और देरी का सामना करना पड़ रहा है। कई मरीज बिना इलाज के वापस लौट रहे हैं, जबकि गंभीर मरीजों को आपातकालीन सेवाओं के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। यह स्थिति विशेष रूप से उन मरीजों के लिए चिंताजनक है जो दूर-दराज से इलाज के लिए जोधपुर आते हैं।

रेजिडेंट डॉक्टर्स ने स्पष्ट किया है कि उनकी मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी। जयपुर के एसएमएस रेजिडेंट यूनियन के साथ बातचीत कर आंदोलन को और व्यापक करने की योजना बनाई जा रही है। रेजिडेंट्स का कहना है कि यह आंदोलन केवल एक डॉक्टर की मौत का नहीं, बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय की सुरक्षा और सम्मान का सवाल है।

जोधपुर में रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल ने एक बार फिर चिकित्सा व्यवस्था में व्याप्त खामियों को उजागर किया है। प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा के अभाव जैसे मुद्दों ने न केवल डॉक्टर्स के बीच आक्रोश पैदा किया है, बल्कि मरीजों की परेशानियों को भी बढ़ा दिया है। अब यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस संकट का समाधान कैसे करता है और क्या रेजिडेंट्स की मांगें समय रहते पूरी हो पाएंगी।