गुर्जर आंदोलन: 8 जून को पीलूपुरा में महापंचायत, विजय बैंसला ने दी सरकार को मंत्रालय बांटने की चेतावनी

राजस्थान में गुर्जर आंदोलन फिर से उभर रहा है। 5% आरक्षण सहित मांगों को लेकर विजय बैंसला ने 8 जून को पीलूपुरा में महापंचायत बुलाई है। सरकार को चेतावनी दी कि मांगें न मानी तो मंत्रालय बांट देंगे।

Jun 7, 2025 - 18:52
गुर्जर आंदोलन: 8 जून को पीलूपुरा में महापंचायत, विजय बैंसला ने दी सरकार को मंत्रालय बांटने की चेतावनी

राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ रहा है। गुर्जर समुदाय अपनी लंबित मांगों, विशेष रूप से सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण के पूर्ण लाभ, को लेकर आक्रोशित है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला के नेतृत्व में 8 जून 2025 को भरतपुर के पीलूपुरा में एक महापंचायत का ऐलान किया गया है, जो 2008 के हिंसक आंदोलन का केंद्र रहा था। इस महापंचायत में आंदोलन की भविष्य की रणनीति तय की जाएगी।

विजय बैंसला का सख्त रुख

विजय बैंसला, जो दिवंगत कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र और गुर्जर आंदोलन के प्रमुख नेता हैं, ने शनिवार को सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "मैं पिछले 17 महीनों से सरकार को अपनी मांगों से अवगत करा रहा हूं। मैंने मंत्रियों, ACS होम और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा, लेकिन सरकार का कहना है कि उन्हें कुछ नहीं बताया गया।"

बैंसला ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, "कल हम एक छोटी-सी चिट्ठी देंगे। अगर 12 बजे तक उसका मसौदा नहीं आया, तो हम 1 बजे मंत्रालय बांट देंगे। किसी को रेल मंत्रालय, किसी को सड़क, तो किसी को भोजन मंत्रालय।" उन्होंने साफ किया कि समाज सम्मान देता है, लेकिन अगर सरकार समाज के साथ राजनीति करेगी, तो "समाज आपको राजनीति करना भुला देगा।"

उन्होंने 17 साल के संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान केवल दो मांगें पूरी हुईं, बाकी सभी मांगें अधूरी हैं। बैंसला ने समाज से एकजुटता की अपील की और कहा, "8 जून की महापंचायत में इतनी तादाद में पहुंचें कि दुनिया को पता चले कि गुर्जर एक जिंदा कौम है।"

महापंचायत की तैयारियां और मांगें

गुर्जर समुदाय गांव-गांव जाकर पीले चावल बांटकर लोगों को महापंचायत में शामिल होने का न्योता दे रहा है। इस आयोजन में राजस्थान के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और हरियाणा से भी गुर्जर समुदाय के लोग शामिल होंगे। महापंचायत में हजारों लोगों के जुटने की संभावना है।

गुर्जर समाज की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

  • 5 प्रतिशत आरक्षण का पूर्ण लाभ: एमबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) के तहत 5% आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करना और रोस्टर प्रणाली में संशोधन ताकि उचित प्रतिनिधित्व मिले।
    मुकदमों की वापसी: पिछले आंदोलनों के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस लेना।
  • अनुकंपा नियुक्ति: आंदोलन में मारे गए लोगों के आश्रितों को नौकरी देना।
  • देवनारायण योजना का सही क्रियान्वयन: योजना के तहत पात्र लोगों को वास्तविक लाभ सुनिश्चित करना।
  • रीट भर्ती 2018: 372 रिक्त पदों पर नियुक्ति।

प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया

महापंचायत के ऐलान के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर है। भरतपुर के पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने पीलूपुरा में स्थिति का जायजा लिया और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक के पास संभावित धरने को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है, क्योंकि अतीत में गुर्जर आंदोलनों ने रेल और सड़क यातायात को बाधित किया था।

प्रशासन ने गुर्जर नेताओं के साथ बातचीत की कोशिश की, लेकिन बैंसला ने साफ कर दिया कि "बंद कमरों में बातचीत नहीं होगी। सरकार जो भी प्रस्ताव देना चाहती है, वह 8 जून से पहले समाज के सामने रखे।" जिला कलेक्टर अमित यादव और आईजी राहुल प्रकाश ने समाज से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा कि सरकार वार्ता के लिए तैयार है।

दूसरी ओर, दौसा के गाजीपुर में देवनारायण मंदिर परिसर में 14 गांव के पंच-पटेलों की बैठक हुई, जिसमें गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम भी शामिल हुए। हालांकि, विजय बैंसला इस बैठक में नहीं पहुंचे और तिघरिया से सीधे पीलूपुरा चले गए।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

गुर्जर आरक्षण आंदोलन की शुरुआत 2006 में हुई थी, जब समुदाय ने विशेष पिछड़ा वर्ग (SBC) के तहत आरक्षण की मांग उठाई। 2008, 2010 और 2015 में यह आंदोलन उग्र रूप ले चुका है, जिसमें रेल पटरियां और हाईवे जाम किए गए। 2008 में पीलूपुरा में पुलिस गोलीबारी में कई प्रदर्शनकारी मारे गए थे, जिसके बाद यह स्थान आंदोलन का प्रतीक बन गया।

सामाजिक और राजनीतिक माहौल

गुर्जर समुदाय का मानना है कि सरकार ने पिछले समझौतों का पालन नहीं किया। विजय बैंसला, जो 2023 में भाजपा के टिकट पर देवली-उनियारा से चुनाव हार चुके हैं, ने समाज को एकजुट करने के लिए कई गांवों का दौरा किया है। सोशल मीडिया पर भी आंदोलन को लेकर सक्रियता बढ़ी है, जिस पर प्रशासन कड़ी नजर रख रहा है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .