हरा सूटकेस का खौफनाक रहस्य: गाजियाबाद की नहर किनारे छिपा हत्या और विश्वासघात का खेल
नीले ड्रम के बाद अब हरे सूटकेस ने सबका दिल दहला दिया है बता दे की उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर इलाके में आज सुबह एक सनसनीखेज घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया।बता दे की शिव वाटिका के पास नहर के किनारे, सुबह की सैर करने वालों की नजर एक हरे रंग के सूटकेस पर पड़ी। सूटकेस से हल्की-हल्की बदबू उठ रही थी, और उस पर मक्खियां भिनभिना रही थीं। पहले तो लोगों ने इसे कोई लावारिस सामान समझा, लेकिन जब एक राहगीर ने पास जाकर देखा, तो सूटकेस के कोने से रिसता खून और उसकी टूटी हुई चेन ने सबके होश उड़ा दिए।
जब पुलिस ने सूटकेस खोला, तो अंदर का मंजर दिल दहलाने वाला था। जिसमे एक 26 साल की युवती का शव, जिसकी गर्दन अस्वाभाविक रूप से मुड़ी हुई थी, नाक और मुंह से खून रिस रहा था। उसके शरीर पर चोट के निशान और गले पर गहरे निशान साफ बता रहे थे कि उसकी हत्या कितनी बेरहमी से की गई थी। मांग में सिंदूर और पैरों में बिछिया देखकर पुलिस ने अंदाजा लगाया कि वह शादीशुदा थी। लेकिन उसकी पहचान का कुछ पता नहीं चला और यह घटना एक रहस्य बन कर रहे गयी और लोगों में दशहत का माहोल भी बनता हुआ देखा गया क्यूंकि सूटकेस में कोई कागज, कोई नाम, कोई सुराग नहीं। नीले ड्रम के बाद अब हरा सूटकेस जिससे लोग डरे हुए सोशल मीडिया पर चर्चाएं है की अब क्या क्या देखना पड़ेगा
जांच की शुरुआत एक अनजान चेहरा और छिपा सच
एसीपी अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस और फॉरेंसिक टीम तुरंत एक्टिव नज़र आई। सूटकेस को कपड़े में लपेटा गया था, मानो कोई इसे जल्दबाजी में छिपाना चाहता हो। फॉरेंसिक टीम ने मौके से खून के नमूने, कपड़े के रेशे, और आसपास की मिट्टी को इकट्ठा किया। प्रारंभिक जांच में रेप और हत्या की आशंका जताई गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, लेकिन पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल था—यह महिला कौन थी, और उसे इस तरह नहर के किनारे क्यों फेंका गया?
पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए। एक धुंधली फुटेज में रात के अंधेरे में एक काली कार नहर के पास रुकती दिखी। कार से एक व्यक्ति उतरा, जिसने सूटकेस को नहर की ओर खींचा और फिर तेजी से गायब हो गया। लेकिन चेहरा? धुंधला। कार का नंबर? आधा ही दिखा। यह एक ब्लाइंड मर्डर केस था, जो पुलिस के लिए किसी पहेली से कम नहीं था।
कहानी में ट्विस्ट प्रेम, धोखा, और साजिश
जांच आगे बढ़ी तो पुलिस को एक चौंकाने वाला सुराग मिला। नहर से कुछ किलोमीटर दूर एक सुनसान गली में एक टूटा हुआ मोबाइल फोन बरामद हुआ। फॉरेंसिक जांच में पता चला कि फोन का सिम कार्ड उसी इलाके के एक टावर से आखिरी बार एक्टिव था, जहां शव मिला। सिम कार्ड की डिटेल्स ने पुलिस को एक नाम तक पहुंचाया—विक्रम चौधरी, एक 32 साल का बिजनेसमैन, जो गाजियाबाद के पॉश इलाके में रहता था।
विक्रम को हिरासत में लिया गया। शुरुआत में उसने अनजान बनने की कोशिश की, लेकिन जब पुलिस ने उसके घर से एक हरे रंग का सूटकेस (जो नहर वाले सूटकेस से मिलता-जुलता था) और कुछ खून के धब्बे बरामद किए, तो वह टूट गया। उसने कबूल किया कि मृतका उसकी पत्नी माया थी, जिसके साथ उसका रिश्ता पिछले कुछ महीनों से तनावपूर्ण था। माया की मांग में सिंदूर और बिछिया उसकी शादीशुदा जिंदगी की कहानी बयां कर रही थी, लेकिन विक्रम का दावा था कि माया का किसी और के साथ अफेयर था।
खुलासा: एक खतरनाक जुनून
विक्रम ने बताया कि उस रात माया ने उसे एक होटल में मिलने बुलाया था। वहां दोनों के बीच तीखी बहस हुई। विक्रम को शक था कि माया उसे छोड़कर अपने प्रेमी के साथ भागने की योजना बना रही थी। गुस्से में उसने माया का गला दबा दिया। डर के मारे उसने शव को अपने घर लाया, एक पुराने सूटकेस में बंद किया, और रात के अंधेरे में नहर के पास फेंक दिया। लेकिन रेप का एंगल? विक्रम ने इससे इनकार किया। पुलिस को संदेह था कि विक्रम पूरी सच्चाई नहीं बता रहा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हुई, जिसने इस केस को और भी सनसनीखेज बना दिया। क्या विक्रम अकेला था, या कोई और भी इस साजिश में शामिल था?
सोशल मीडिया पर हंगामा और समाज का गुस्सा-
जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर फैली, लोगों में गुस्सा और डर दोनों फैल गया। एक यूजर ने लिखा, “यह गाजियाबाद अब सुरक्षित नहीं रहा। महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।” वहीँ एक और यूज़र ने सवाल उठाया, “पुलिस हर बार सीसीटीवी फुटेज की बात करती है, लेकिन अपराधी इतने बेखौफ क्यों हैं?” यह घटना न केवल एक क्राइम की कहानी थी, बल्कि समाज में बढ़ते अविश्वास और हिंसा की तस्वीर भी पेश कर रही थी।
पुलिस की चुनौती और अनसुलझा रहस्य -
पुलिस ने विक्रम को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन कई सवाल अब भी अनसुलझे हैं। क्या माया का कोई प्रेमी वाकई था, या यह विक्रम की कहानी का हिस्सा था? सूटकेस में मिले कपड़े और कुछ गहने माया के नहीं थे—यह किसका सामान था? क्या कोई तीसरा शख्स इस हत्याकांड में शामिल था? पुलिस अब नहर के आसपास के और सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, और फॉरेंसिक टीम सूटकेस के अंदर मिले एक अनजान हेयरपिन की जांच कर रही है, जो इस केस में नया ट्विस्ट ला सकता है।