फतेहपुर में मकबरे पर भगवा झंडा: हिंदू संगठनों का मंदिर दावा, पथराव और तोड़फोड़ से तनाव

फतेहपुर के अबूनगर में नवाब अब्दुल समद मकबरे को हिंदू संगठनों ने ठाकुर जी मंदिर बताकर भगवा झंडा फहराया और तोड़फोड़ की। जवाब में पथराव और सड़क जाम हुआ, जिससे तनाव बढ़ गया। पुलिस ने हालात काबू में किए, और पुरातत्व विभाग से जांच का वादा किया गया।

Aug 11, 2025 - 17:18
फतेहपुर में मकबरे पर भगवा झंडा: हिंदू संगठनों का मंदिर दावा, पथराव और तोड़फोड़ से तनाव
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अबूनगर रेडइया में 200 साल पुराने नवाब अब्दुल समद मकबरे को लेकर सोमवार को तनाव चरम पर पहुंच गया। हिंदू संगठनों ने मकबरे को ठाकुर जी और शिव मंदिर बताते हुए उस पर भगवा झंडा फहराया, तोड़फोड़ की और हनुमान चालीसा का पाठ किया। जवाब में मुस्लिम समुदाय ने पथराव शुरू किया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। जिला प्रशासन ने हालात नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया है।

मकबरे पर भगवा झंडा और तोड़फोड़

सदर कोतवाली क्षेत्र के अबूनगर में स्थित मकबरे पर भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल और मठ मंदिर संरक्षण समिति के नेतृत्व में सैकड़ों लोग पहुंचे। उन्होंने मकबरे को प्राचीन ठाकुर जी मंदिर बताते हुए भगवा झंडा फहराया और दो मजारों को लाठी-डंडों से तोड़ दिया। हिंदू संगठनों ने कमल के फूल और त्रिशूल जैसे प्रतीकों को मंदिर का सबूत बताया। बजरंग दल के सह-संयोजक धर्मेंद्र सिंह ने कहा, “यह हमारा मंदिर है, और हम पूजा-अर्चना करने आए हैं।”

पथराव और सड़क जाम

हिंदू संगठनों की कार्रवाई के बाद मुस्लिम समुदाय ने विरोध में पथराव शुरू किया, जिससे डाक बंगला चौराहे पर तनाव बढ़ गया। हजारों लोग आमने-सामने आ गए, और सड़कों पर जाम लग गया। हिंदू संगठनों ने सड़क जाम कर हनुमान चालीसा का पाठ किया, जबकि मुस्लिम पक्ष ने मकबरे को ऐतिहासिक बताते हुए अभिलेखों का हवाला दिया। राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल ने दावा किया कि मकबरा नवाब अब्दुल समद का है और इसका मुतवल्ली मोहम्मद अनीश है।

प्रशासन की तत्परता

जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कार्रवाई शुरू की। डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे, और पुलिस ने हिंदू संगठनों को समझाकर हटाया। तीन प्लाटून पीएसी सहित 10 थानों की पुलिस और हर गली-चौराहे पर सुरक्षा बल तैनात किए गए। प्रयागराज जोन के आईजी अजय मिश्रा और कमिश्नर विजय विश्वास पंत भी घटनास्थल पर पहुंचे। प्रशासन ने पुरातत्व विभाग से मकबरे की जांच का आश्वासन दिया है।

ऐतिहासिक दावे और विवाद

हिंदू संगठनों का कहना है कि मकबरा 200 साल पहले मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। मठ मंदिर संरक्षण समिति ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर स्थल के सौंदर्यीकरण की मांग की। दूसरी ओर, ऐतिहासिक दस्तावेजों में यह मकबरा नवाब अब्दुल समद खान का बताया जाता है। इतिहासकारों ने चेतावनी दी कि इस तरह के दावों से सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। प्रशासन ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

कानून-व्यवस्था पर नजर

फतेहपुर में तनाव को देखते हुए पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस ने भगवा झंडा हटा दिया है, लेकिन मुस्लिम पक्ष के लोग अभी भी आसपास की गलियों में मौजूद हैं। प्रशासन ने दोनों समुदायों से संयम बरतने और हिंसा से बचने की अपील की है। पुरातत्व विभाग की जांच के बाद ही इस विवाद का समाधान होने की उम्मीद है।