केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! 8वें वेतन आयोग को मंजूरी, 1 जनवरी 2026 से सैलरी में डबल होने की उम्मीद.

केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को औपचारिक मंजूरी दे दी है। यह 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है, जिससे 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों की सैलरी-पेंशन में भारी बढ़ोतरी होगी। न्यूनतम बेसिक पे 18,000 से 44,000 रुपये तक जाने की उम्मीद, फिटमेंट फैक्टर 2.44-2.46। 6 महीने देरी हुई तो एरियर एकमुश्त मिलेगा (उदाहरण: 1.56 लाख रुपये)। आयोग 18 महीने में रिपोर्ट देगा।

Oct 28, 2025 - 18:18
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! 8वें वेतन आयोग को मंजूरी, 1 जनवरी 2026 से सैलरी में डबल होने की उम्मीद.

नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने आज आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को औपचारिक मंजूरी दे दी है। यह फैसला देशभर के लगभग 48-50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 65-69 लाख पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आयोग अपने गठन के 18 महीने के अंदर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप देगा, और नई वेतन संरचना संभवतः 1 जनवरी 2026 से लागू हो जाएगी। अगर किसी कारणवश इसमें देरी हुई, तो बकाया राशि (एरियर) का भुगतान भी रेट्रोस्पेक्टिव प्रभाव से एकमुश्त किया जाएगा। यह आयोग न केवल सैलरी और पेंशन में इजाफा लाएगा, बल्कि महंगाई, जीवनयापन की बढ़ती लागत और आर्थिक बदलावों को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति मजबूत करेगा।

आठवें वेतन आयोग क्या है और इसका उद्देश्य क्या रहेगा?

केंद्रीय वेतन आयोग (Central Pay Commission - CPC) एक स्वतंत्र निकाय होता है, जो हर दशक में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों, पेंशन और अन्य सुविधाओं की समीक्षा करता है। आठवां वेतन आयोग सातवें वेतन आयोग (जो 1 जनवरी 2016 से लागू है) की जगह लेगा। इसका मुख्य उद्देश्य वर्तमान आर्थिक वास्तविकताओं के अनुरूप वेतन संरचना को अपडेट करना है। इसमें महंगाई भत्ता (DA), जो फिलहाल 55% तक पहुंच चुका है, को बेसिक पे में मर्ज करने की संभावना है, जिससे कर्मचारियों की न्यूनतम आय में भारी उछाल आएगा।आयोग में एक चेयरपर्सन, एक पार्ट-टाइम मेंबर और एक मेंबर-सेक्रेटरी शामिल होंगे। जनवरी 2025 में कैबिनेट ने इसका सैद्धांतिक अनुमोदन दिया था, और अब ToR की मंजूरी के साथ प्रक्रिया तेज हो गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह आयोग पिछले आयोगों की तरह 200 से अधिक भत्तों की समीक्षा करेगा, जिसमें कुछ को समाप्त या मर्ज किया जा सकता है, ताकि सैलरी स्ट्रक्चर सरल और पारदर्शी बने।

अपेक्षित लाभ: सैलरी में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है?

आठवें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम बेसिक पे (वर्तमान में 18,000 रुपये) को 44,000 रुपये तक बढ़ाने की उम्मीद है, जो करीब 2.44 गुना (फिटमेंट फैक्टर) की वृद्धि का संकेत देता है। इससे कुल सैलरी में 14% से 34% तक का इजाफा संभव है। उदाहरण के लिए:

न्यूनतम वेतन स्तर (लेवल 1): 18,000 रुपये से बढ़कर 30,000-44,000 रुपये हो सकता है। 

मध्यम स्तर (लेवल 10): 56,100 रुपये से 1.25-1.5 लाख रुपये तक।

उच्च स्तर (लेवल 18): 2.50 लाख रुपये से 3.5-4 लाख रुपये।

पेंशनभोगियों को भी समान अनुपात में लाभ मिलेगा। कुल मिलाकर, आयोग के लागू होने से सरकारी खजाने पर 2.4-3.2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जो जीडीपी का 0.6-0.8% होगा। लेकिन यह बदलाव न केवल कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ाएगा, बल्कि उपभोग, बचत और अर्थव्यवस्था को भी बूस्ट देगा।

देरी हुई तो क्या? 6 महीने के एरियर की गणना कैसे होगी?

यदि सिफारिशें 1 जनवरी 2026 के बजाय 6 महीने बाद (जुलाई 2026) लागू होती हैं, तो सरकार बकाया राशि का एकमुश्त भुगतान करेगी। यह प्रक्रिया रेट्रोस्पेक्टिव होगी, यानी 1 जनवरी से ही नया वेतनमान लागू माना जाएगा।

उदाहरण से समझें: मान लीजिए किसी कर्मचारी का बेसिक पे 18,000 रुपये से बढ़कर 44,000 रुपये हो जाता है। 

मासिक वृद्धि: 26,000 रुपये। 6 महीने का एरियर: 26,000 × 6 = 1,56,000 रुपये (एकमुश्त भुगतान)। 

वास्तविक राशि कर्मचारी के पे लेवल, फिटमेंट फैक्टर और DA मर्ज पर निर्भर करेगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि कुल एरियर बिलियन डॉलर में हो सकता है, लेकिन यह कर्मचारियों के लिए 'बोनस' जैसा होगा। ध्यान दें, पिछले आयोगों में भी ऐसी देरी हुई थी, लेकिन एरियर हमेशा समय पर मिला।

कब होगा पूरा क्रियान्वयन? संभावित चुनौतियां

समयसीमा: आयोग गठन के 18 महीने में रिपोर्ट सौंपेगा, यानी अप्रैल 2027 तक। उसके बाद कैबिनेट और संसद की मंजूरी में 3-9 महीने लग सकते हैं। इसलिए, पूर्ण लागू होना 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत में संभव है। 

चुनौतियां: बजट आवंटन की कमी, ToR फाइनलाइजेशन में देरी, और रक्षा-गृह मंत्रालय से इनपुट लेना। कुछ रिपोर्ट्स में देरी की आशंका जताई गई है, लेकिन मंत्री वैष्णव ने आश्वासन दिया कि समय पर लागू होगा।

प्रभाव: यह बदलाव न केवल केंद्रीय कर्मचारियों तक सीमित रहेगा, बल्कि राज्य सरकारें, PSU, स्वायत्त संस्थाएं और यहां तक कि प्राइवेट सेक्टर की सैलरी बेंचमार्किंग पर भी असर डालेगा।

केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने इस मंजूरी का स्वागत किया है, लेकिन DA मर्ज और फिटमेंट फैक्टर पर स्पष्टता की मांग की है। कुल मिलाकर, यह फैसला लाखों परिवारों की आर्थिक उम्मीदों को मजबूत करेगा।