बाड़मेर की बेटी कृष्णा भाटी ने CDS 2024 में 16वीं रैंक लाकर रचा इतिहास, थार का गौरव बरकरार

बाड़मेर की बेटी कृष्णा भाटी ने CDS 2024 परीक्षा में 16वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया। "थार के वीर" कार्यक्रम की प्रेरणा से बाड़मेर के युवा लगातार सेना में अधिकारी बन रहे हैं। कृष्णा की इस उपलब्धि ने बाड़मेर में गर्व और खुशी की लहर दौड़ा दी है, जो युवाओं के लिए प्रेरणा और देशभक्ति का प्रतीक है।

May 24, 2025 - 13:13
बाड़मेर की बेटी कृष्णा भाटी ने CDS 2024 में 16वीं रैंक लाकर रचा इतिहास, थार का गौरव बरकरार

बाड़मेर, राजस्थान का एक ऐसा जिला जो अपनी वीरता, संस्कृति और साहस की कहानियों के लिए जाना जाता है, एक बार फिर गर्व के क्षणों से सराबोर है।ऑपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता के बाद अब बाड़मेर की बेटी कृष्णा भाटी ने संयुक्त रक्षा सेवा (CDS) 2024 परीक्षा में 16वीं रैंक हासिल कर जिले का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। यह खबर बाड़मेर के लिए सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक कहानी है, जो थार के रेगिस्तान में देशभक्ति और मेहनत की नई इबारत लिख रही है।

कृष्णा भाटी: थार की चमकती सितारा
बाड़मेर शहर की निवासी कृष्णा भाटी ने अपनी लगन और मेहनत से CDS 2024 में 16वीं रैंक हासिल की। यह परीक्षा, जो भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में अधिकारियों की भर्ती के लिए आयोजित होती है, अपनी कठिनाई के लिए जानी जाती है। कृष्णा ने न केवल लिखित परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि सेवा चयन बोर्ड (SSB) के साक्षात्कार और मेडिकल टेस्ट में भी अपनी काबिलियत साबित की। उनकी यह सफलता बाड़मेर की बेटियों के लिए एक मिसाल है और पूरे जिले के लिए गर्व का पल।

कृष्णा भाटी, बाड़मेर शहर की निवासी और पूर्व उप सभापति श्री चैन सिंह जी की सुपौत्री तथा श्री जय सिंह जी की पुत्री, ने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर यूपीएससी द्वारा आयोजित CDS (कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज) 2024 परीक्षा में 16वीं रैंक प्राप्त की। यह परीक्षा भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में अधिकारियों की भर्ती के लिए आयोजित की जाती है, जो देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक है। कृष्णा का यह चयन न केवल उनके व्यक्तिगत समर्पण को दर्शाता है, बल्कि बाड़मेर के युवाओं में छिपी अपार संभावनाओं को भी उजागर करता है।

थार के वीर कार्यक्रम: बाड़मेर के युवाओं की प्रेरणा
कृष्णा की इस उपलब्धि के पीछे बाड़मेर में चल रहे "थार के वीर" कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह कार्यक्रम स्थानीय युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने और उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था। इस पहल ने बाड़मेर के बेटे-बेटियों को सेना में अधिकारी बनने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिसके परिणामस्वरूप जिले से लगातार युवा सेना में उच्च पदों पर चयनित हो रहे हैं। थार के वीर कार्यक्रम ने न केवल युवाओं को प्रेरित किया, बल्कि उन्हें कठिन परीक्षाओं की तैयारी के लिए संसाधन और प्रोत्साहन भी प्रदान किया।

बाड़मेर का गौरव: एक नई मिसाल
कृष्णा भाटी की इस उपलब्धि ने बाड़मेर को गौरवान्वित किया है। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि बाड़मेर की बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। छोटे शहरों और कस्बों से आने वाले युवाओं के लिए यह एक प्रेरणा है कि सही दिशा, मेहनत और समर्पण के साथ वे भी देश की सेवा में उच्च पदों पर आसीन हो सकते हैं। कृष्णा ने न केवल अपने परिवार और जिले का नाम ऊंचा किया, बल्कि उन तमाम युवतियों के लिए एक मिसाल कायम की है जो अपने सपनों को सच करने की राह पर हैं।

CDS परीक्षा और चयन प्रक्रिया
CDS परीक्षा, जो यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाती है, में उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा, सेवा चयन बोर्ड (SSB) साक्षात्कार, और मेडिकल टेस्ट जैसे कई चरणों से गुजरना पड़ता है। लिखित परीक्षा में सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी, और गणित जैसे विषय शामिल होते हैं, जबकि SSB साक्षात्कार में उम्मीदवारों की मानसिक और शारीरिक योग्यता का कठिन मूल्यांकन किया जाता है। कृष्णा ने इन सभी चरणों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर 16वीं रैंक हासिल की, जो उनकी बौद्धिक क्षमता और शारीरिक दक्षता का प्रमाण है।

बाड़मेर के लिए सुखद क्षण
कृष्णा की इस उपलब्धि ने बाड़मेर के लोगों में खुशी और गर्व की लहर दौड़ा दी है। सोशल मीडिया पर स्थानीय लोग और संगठन उनकी इस सफलता की सराहना कर रहे हैं। X पर पोस्ट में एक यूजर ने लिखा, "थार के वीर कार्यक्रम की प्रेरणा से अब बाड़मेर में लगातार बेटे-बेटियां सेना में अधिकारी के रूप में चयनित हो रहे हैं, ये बाड़मेर के लिए सुखद और गौरव की बात है।" यह भावना पूरे जिले में गूंज रही है।

देशभक्ति का जज्बा और भविष्य की राह
कृष्णा भाटी की इस उपलब्धि ने बाड़मेर के युवाओं में देशभक्ति का नया जज्बा जगाया है। उनकी सफलता यह दर्शाती है कि कठिन परिश्रम और सही मार्गदर्शन के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। बाड़मेर, जो पहले अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के लिए जाना जाता था, अब युवा प्रतिभाओं के उभरने के लिए भी चर्चा में है। थार के वीर जैसे कार्यक्रम और कृष्णा जैसी प्रेरणादायक शख्सियतें अन्य युवाओं को सेना में शामिल होने और देश की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।

बाड़मेर की बेटी कृष्णा भाटी ने CDS 2024 में 16वीं रैंक हासिल कर न केवल अपने परिवार और जिले का गौरव बढ़ाया, बल्कि पूरे देश के सामने एक मिसाल पेश की। उनकी यह उपलब्धि बाड़मेर के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है और थार के वीर कार्यक्रम की सफलता का जीवंत उदाहरण है। यह कहानी न केवल बाड़मेर की बेटियों की ताकत को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि छोटे शहरों से निकलकर भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं। बाड़मेर आज गर्व और गौरव से भरा हुआ है, और कृष्णा भाटी इस गौरव की नई प्रतीक बन चुकी हैं।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ