घर में लगी आग, BSF जवानों ने बुझाई: झोपड़ी में रखा सारा सामान जलकर हुआ खाक, बकरी भी झुलसी

बाड़मेर के केलनोर गांव में मंगलाराम के घर में लगी आग से झोपड़ी और सामान जलकर राख हो गया बीएसएफ जवानों ने ग्रामीणों की मदद से आग बुझाई बकरी झुलसी कोई मानवीय क्षति नहीं

Nov 17, 2025 - 10:30
घर में लगी आग, BSF जवानों ने बुझाई: झोपड़ी में रखा सारा सामान जलकर हुआ खाक, बकरी भी झुलसी

। राजस्थान के बाड़मेर जिले के चौहटन उपखंड के केलनोर गांव में रविवार शाम को एक घर में अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया। आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और देखते ही देखते एक कच्ची झोपड़ी में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। घटना इतनी भयावह थी कि आग की लपटों ने न केवल घरेलू सामग्री को निगल लिया, बल्कि छप्पर से बंधी एक बकरी भी बुरी तरह झुलस गई। ग्रामीणों की सूचना पर बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के जवान और स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे। बीएसएफ जवानों ने ग्रामीणों के सहयोग से कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया, जिससे बड़ा हादसा टल गया।

घटना की पूरी जानकारी;  घटना रविवार शाम को मंगलाराम पुत्र महेशाराम निवासी केलनोर के घर पर हुई। मंगलाराम का घर गांव के एक सामान्य इलाके में स्थित कच्चा मकान था, जहां वे अपनी आजीविका के लिए चारा, घरेलू सामान और पशुओं को रखते थे। सूत्रों के अनुसार, आग की शुरुआत अज्ञात कारणों से हुई। संभवतः किसी चिंगारी या छोटी सी लापरवाही ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। शाम के समय घर में परिवार के सदस्य मौजूद थे, लेकिन भाग्यवश कोई मानवीय हानि नहीं हुई। आग फैलते ही घर के अंदर रखा चारा, अनाज, बर्तन, कपड़े और अन्य जरूरी सामग्री जलकर खाक हो गई। कच्चे छप्पर की वजह से आग तेजी से फैली, और धुंए की वजह से पूरा इलाका घिर गया। सबसे दर्दनाक पहलू यह था कि छप्पर से बंधी एक बकरी आग की चपेट में आ गई। बकरी बुरी तरह झुलस गई, और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि बकरी परिवार के लिए महत्वपूर्ण थी, क्योंकि मंगलाराम का परिवार मुख्य रूप से पशुपालन पर निर्भर है।

बीएसएफ और ग्रामीणों की तत्परता से टला बड़ा हादसा;  जैसे ही आग की खबर गांव में फैली, स्थानीय ग्रामीण दौड़ पड़े। लेकिन आग बुझाने के लिए कोई आधुनिक उपकरण न होने से स्थिति बेकाबू हो रही थी। तभी बीएसएफ के जवान, जो पास के क्षेत्र में तैनात हैं, को सूचना मिली। बीएसएफ की चौकी से कुछ ही दूरी पर होने के कारण जवान फौरन मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर बाल्टियों और उपलब्ध साधनों से पानी डालना शुरू कर दिया। लगभग आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पूर्ण रूप से काबू पा लिया गया। ग्रामीणों ने बीएसएफ जवानों की तारीफ की। एक ग्रामीण ने बताया, "अगर बीएसएफ के भाई न आते, तो आग पूरे गांव में फैल जाती। उनकी बहादुरी ने हमारी जान बचाई।" बीएसएफ के अधिकारियों ने भी घटना पर संज्ञान लिया और प्रभावित परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। फिलहाल, फायर ब्रिगेड की टीम को बुलाने में देरी हुई, लेकिन स्थानीय स्तर पर ही संकट टल गया।

प्रभावित परिवार की दुर्दशा;  मंगलाराम का परिवार अब बेघर हो चुका है। उनके पास न तो छत बची है और न ही कोई सामान। आग से हुए नुकसान का अनुमान लाखों रुपये का लगाया जा रहा है। परिवार में पत्नी और छोटे बच्चे हैं, जो इस सदमे से जूझ रहे हैं। जिला प्रशासन से परिवार को तत्काल राहत मिलने की उम्मीद है। स्थानीय पंचायत ने भी प्रभावित परिवार को अस्थायी आश्रय और भोजन की व्यवस्था की है।

आग लगने के संभावित कारण और सबक;  प्रारंभिक जांच में आग के कारणों का पता नहीं चल सका है। अधिकारी अनुमान लगा रहे हैं कि यह किसी खुली आग या विद्युत शॉर्ट सर्किट से लगी हो सकती है। केलनोर जैसे ग्रामीण इलाकों में कच्चे घरों में आग का खतरा हमेशा बना रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जागरूकता अभियान चलाकर और फायर सेफ्टी उपकरण उपलब्ध कराकर ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।