बाड़मेर में आंधी-तूफान का कहर: 14 घंटे से बिजली गुल, तपती गर्मी में जनजीवन बेहाल
बाड़मेर में बीती रात की तूफानी आंधी और बारिश ने बिजली व्यवस्था को ठप कर दिया। शहर और ग्रामीण इलाकों में 8 से 14 घंटे से बिजली आपूर्ति बंद है, क्योंकि विद्युत पोल और तार क्षतिग्रस्त हो गए। विद्युत विभाग को फॉल्ट का पता नहीं चल रहा, जिससे मरम्मत में देरी हो रही है। भीषण गर्मी में बिजली संकट ने जनजीवन को प्रभावित किया है,

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर - बाड़मेर, 5 मई 2025: रेगिस्तानी जिला बाड़मेर में बीती रात आए तूफानी आंधी और बारिश ने भारी तबाही मचाई है। शहर सहित ग्रामीण इलाकों में पिछले 8 से 14 घंटों से विद्युत आपूर्ति ठप पड़ी है, जिसके चलते भीषण गर्मी में लोगों का जीना मुहाल हो गया है। विद्युत विभाग को फॉल्ट का पता नहीं चल पा रहा है, और कई कॉलोनियों में बिजली गायब होने से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
तूफान ने बिगाड़ी बिजली व्यवस्था
बीती रात करीब 10:30 बजे शुरू हुई तेज आंधी और बारिश ने बाड़मेर में भारी नुकसान पहुंचाया। सुबह 4 बजे के आसपास मौसम ने एक बार फिर करवट बदली, और तेज अंधड़ के साथ गर्जना और हवाओं ने माहौल को डरावना बना दिया। इस दौरान कई जगहों पर बिजली के पोल और खंभे गिर गए, तार टूट गए, और पेड़ों की टहनियां बिजली लाइनों पर गिरने से विद्युत आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई। शहर की कई कॉलोनियों में 12 से 14 घंटे से बिजली नहीं है, वहीं ग्रामीण इलाकों की स्थिति और भी बदतर बताई जा रही है।
विद्युत विभाग की लाचारी
विद्युत विभाग के अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती फॉल्ट का पता लगाने की है। कई जगहों पर खंभे गिरने और तार टूटने की सूचना है, लेकिन सटीक फॉल्ट का पता नहीं चल पाने से मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो सका है। ग्राम लक्ष्मीपुरा, तहसील शिव में पिछले चार दिनों से बिजली आपूर्ति बंद है, और स्थानीय लोगों ने कई बार अधिकारियों को सूचित करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
तपती गर्मी में जनता परेशान
बाड़मेर में मई की शुरुआत में ही तापमान 48 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। ऐसे में बिजली की अनुपस्थिति ने लोगों की मुश्किलें दोगुनी कर दी हैं। पानी की आपूर्ति भी बिजली पर निर्भर होने के कारण प्रभावित हुई है, जिससे पीने के पानी की किल्लत हो रही है। अस्पतालों और स्कूलों में भी बिजली संकट का असर देखने को मिल रहा है। स्थानीय निवासी अमनदीप सिंह ने बताया, "हर बार आंधी-बारिश में यही हाल होता है। पुराने तारों और खंभों की मरम्मत नहीं की जाती, और विभाग कोई ध्यान नहीं देता।"
ग्रामीण इलाकों की स्थिति बदतर
शहर में जहां बिजली बहाली के लिए कुछ प्रयास हो रहे हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी गंभीर है। कई गांवों में बिजली के खंभे और तार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग के कर्मचारियों की कमी और संसाधनों के अभाव में मरम्मत कार्य में देरी हो रही है। लक्ष्मीपुरा गांव के एक निवासी ने कहा, "चार दिन से अंधेरे में हैं, और कोई सुनने वाला नहीं है।"
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 3-4 दिनों तक बाड़मेर सहित राजस्थान के कई हिस्सों में आंधी, बारिश और मेघगर्जना की संभावना जताई है। इससे तापमान में कुछ कमी आ सकती है, लेकिन बिजली व्यवस्था पर और दबाव पड़ने की आशंका है।
जनता की मांग
स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि पुराने और जर्जर तारों को बदलने, पेड़ों की छंटाई करने, और वैकल्पिक बिजली व्यवस्था की तैयारी पहले से करनी चाहिए थी। व्यापारी दानिश खां ने कहा, "बिजली का कोई शेड्यूल नहीं है। ट्रिपिंग और कटौती ने व्यापार और घरेलू जीवन दोनों को प्रभावित किया है।"
निष्कर्ष
बाड़मेर में तूफानी आंधी और बारिश ने जहां गर्मी से कुछ राहत दी, वहीं बिजली संकट ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। विद्युत विभाग के सामने फॉल्ट ढूंढने और आपूर्ति बहाल करने की बड़ी चुनौती है। अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई, तो भीषण गर्मी में जनता की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
सुझाव: बिजली विभाग को चाहिए कि वह तत्काल मरम्मत कार्य शुरू करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए पहले से तैयारियां रखे। साथ ही, जनता को नियमित अपडेट देकर उनकी चिंताओं को कम किया जाए।