अंता उपचुनाव 2025: आज सुबह 8 बजे से शुरू होगी मतगणना, 20 राउंड में तय होगी हार-जीत, दोपहर तक आएंगे रिजल्ट

अंता विधानसभा उपचुनाव की मतगणना आज सुबह 8 बजे से बॉयज पीजी कॉलेज में शुरू, 20 राउंड में दोपहर तक रिजल्ट, भाजपा-कांग्रेस में मुख्य मुकाबला, निर्दलीय नरेश मीणा बढ़ा रहे रोमांच

Nov 14, 2025 - 07:57
अंता उपचुनाव 2025: आज सुबह 8 बजे से शुरू होगी मतगणना, 20 राउंड में तय होगी हार-जीत, दोपहर तक आएंगे रिजल्ट

बारां, 14 नवंबर 2025: राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की मतगणना आज (शुक्रवार) सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। यह उपचुनाव पिछले महीने हुए मतदान के बाद अब अपने चरम पर पहुंच चुका है, जहां कुल 20 राउंड की लंबी प्रक्रिया के बाद दोपहर तक हार-जीत का फैसला हो जाएगा। इस चुनाव में मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवारों की मौजूदगी ने इसे और भी रोमांचक बना दिया है। कुल 15 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें भाजपा की मोरपाल सुमन और कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया प्रमुख दावेदार हैं।

मतगणना की व्यवस्था: 14 टेबल पर 20 राउंड की गिनती मतगणना की कमान बारां जिले के बॉयज पीजी कॉलेज के सेमिनार हॉल में संभाली जाएगी। यहां सुबह 8 बजे से प्रक्रिया का आगाज होगा, जिसमें कुल 14 टेबल लगाई गई हैं ताकि गिनती सुचारू रूप से चल सके। मतगणना की शुरुआत डाक मतपत्रों (पोस्टल बैलेट) की गणना से होगी, जो आमतौर पर प्रारंभिक रुझाव प्रदान करते हैं। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। कुल मिलाकर 20 राउंड की यह प्रक्रिया लगभग 4-5 घंटे चलेगी, और उम्मीद है कि दोपहर 2 बजे तक स्पष्ट रुझान और अंतिम परिणाम सामने आ जाएंगे।चुनाव आयोग की सख्त निगरानी में हो रही इस गणना के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जिला प्रशासन ने मतगणना स्थल के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया है, और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीम भी तैयार रखी गई है। मतगणना प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सभी उम्मीदवारों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे, जो हर राउंड में गिनती की निगरानी करेंगे।

उम्मीदवारों का चेहरा: भाजपा vs कांग्रेस, निर्दलीय का दांव अंता विधानसभा सीट, जो बारां जिले के ग्रामीण इलाकों को कवर करती है, पर इस बार 15 उम्मीदवारों की मौजूदगी ने चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है। मुख्य मुकाबला भाजपा की मोरपाल सुमन और कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया के बीच है। मोरपाल सुमन, जो स्थानीय स्तर पर किसान मुद्दों पर मुखर रही हैं, भाजपा की ओर से विकास और केंद्र सरकार की योजनाओं को प्रमुखता दे रही हैं। वहीं, प्रमोद जैन भाया, जो कांग्रेस के पुराने दिग्गज हैं, स्थानीय बेरोजगारी, सिंचाई और महंगाई जैसे मुद्दों पर हमलावर हैं।हालांकि, सबसे बड़ा ट्विस्ट निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा की एंट्री से आया है। नरेश मीणा, जो मीणा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, ने वोटों के ध्रुवीकरण की संभावना पैदा कर दी है। उनका वोट बैंक मुख्य रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों से आ सकता है, जो भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती बन सकता है। अन्य उम्मीदवारों में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और अन्य छोटे दलों के नाम भी शामिल हैं, लेकिन उनका प्रभाव सीमित दिख रहा है।पिछले विधानसभा चुनाव में यह सीट भाजपा के पास थी, लेकिन विधायक के निधन के बाद हुए उपचुनाव ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। मतदान 5 नवंबर को हुआ था, जिसमें 68% से अधिक वोटिंग दर्ज की गई थी। प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक, निर्दलीय वोटों के कारण परिणाम अप्रत्याशित हो सकते हैं।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और महत्व अंता विधानसभा राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा का हिस्सा है, जो हाड़ौती क्षेत्र की राजनीति का केंद्र बिंदु माना जाता है। यह सीट परंपरागत रूप से भाजपा का गढ़ रही है, लेकिन 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने इसे छीन लिया था। वर्तमान उपचुनाव राज्य सरकार की लोकप्रियता का आईना बनेगा, खासकर किसान आंदोलनों और जल संकट के बीच। जीतने वाली पार्टी को न केवल स्थानीय मुद्दों पर मजबूती मिलेगी, बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भी रणनीति तय करने में मदद मिलेगी।

अपेक्षित रुझान और प्रभाव;   मतगणना के दौरान पहले कुछ राउंड डाक मतपत्रों से ही शुरुआती संकेत दे देंगे, जो अक्सर शहरी और सरकारी कर्मचारियों के वोटों को प्रतिबिंबित करते हैं। यदि नरेश मीणा मजबूत प्रदर्शन करते हैं, तो वोट विभाजन से कांग्रेस को फायदा हो सकता है, जैसा कि विशेषज्ञों का अनुमान है। हालांकि, भाजपा की संगठनात्मक ताकत और स्थानीय नेताओं की सक्रियता इसे उलट सकती है। दोपहर तक आने वाले रिजल्ट न केवल अंता के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान की राजनीति के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।