अलवर में वाटर पार्क हादसा: स्विमिंग पूल में डूबने से 11 साल के बच्चे की मौत, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
अलवर के गोल्डन बाग वाटर पार्क में 11 वर्षीय नमन राजपूत की स्विमिंग पूल में डूबने से मौत हो गई। वह अपने माता-पिता और भाइयों के साथ पार्क आया था। हादसे के समय कोई लाइफगार्ड या सुरक्षा सुविधा उपलब्ध नहीं थी। परिजनों ने प्रबंधन पर लापरवाही और गार्डों पर बदसलूकी का आरोप लगाया। हादसे के बाद परिजनों ने अस्पताल के बाहर धरना दिया और कार्रवाई की मांग की।

अलवर, राजस्थान में एक दुखद हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। स्विमिंग पूल में 11 वर्षीय नमन राजपूत की डूबने से मौत हो गई। यह घटना 18 जून 2025 की शाम करीब 4 बजे की बताई जा रही है। नमन अपने माता-पिता और दो भाइयों के साथ वाटर पार्क में मौज-मस्ती के लिए आया था, लेकिन लापरवाही और अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के कारण उसकी जान चली गई। हादसे के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने वाटर पार्क प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया।
हादसे का विवरण
नमन राजपूत, जो अलवर के एमआईए थाना क्षेत्र के झारेड़ा गांव का निवासी था, अपनी मां सुरेखा, पिता गजराज सिंह और दो भाइयों के साथ गोल्डन बाग वाटर पार्क में समय बिताने आया था। परिचित संदीप के अनुसार, नमन स्विमिंग पूल में नहा रहा था, तभी वह गहरे पानी में डूब गया। हैरानी की बात यह रही कि इस दौरान न तो कोई लाइफगार्ड मौजूद था और न ही किसी ने बच्चे के डूबने की घटना को समय रहते देखा। काफी देर बाद जब किसी की नजर नमन पर पड़ी, तो उसे पूल से बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। परिजन उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
वाटर पार्क में लापरवाही और बदसलूकी के आरोप
हादसे के बाद गोल्डन बाग वाटर पार्क की सुरक्षा व्यवस्था और प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठे। परिचित संदीप ने बताया कि वाटर पार्क में न तो कोई सुरक्षा किट उपलब्ध थी और न ही चिकित्सा सुविधाएं। पानी की गुणवत्ता भी खराब थी, और मोटी फीस वसूलने के बावजूद प्रबंधन ने बुनियादी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि बच्चे के डूबने के बाद भी वाटर पार्क में डीजे बजता रहा। संदीप ने आरोप लगाया कि प्रबंधन ने डीजे को जानबूझकर बंद नहीं किया ताकि हादसे की खबर अन्य लोगों तक न पहुंचे।
जब स्थानीय लोगों और परिजनों ने प्रबंधन से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए, तो वहां मौजूद गार्डों ने कथित तौर पर बदसलूकी शुरू कर दी। इससे नाराज परिजनों और अन्य लोगों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का कहना है कि अगर समय पर लाइफगार्ड या बचाव उपकरण मौजूद होते, तो नमन की जान बचाई जा सकती थी।
परिजनों का विरोध और धरना
नमन की मौत से आहत परिजनों ने जिला अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने वाटर पार्क प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई और सुरक्षा व्यवस्था की जांच की मांग की। परिजनों का कहना था कि प्रबंधन की लापरवाही ने उनके बच्चे की जान ले ली। धरने के दौरान परिजनों ने यह भी मांग की कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए वाटर पार्क में सुरक्षा मानकों को सख्त किया जाए। प्रशासन की ओर से उचित कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद परिजनों ने धरना समाप्त किया।
पुलिस कार्रवाई और जांच
सदर थाने के एएसआई रूप चंद ने बताया कि उन्हें बच्चे के डूबने की सूचना मिलने के बाद अस्पताल पहुंचकर घटना की जानकारी ली गई। परिजनों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया जाएगा और वाटर पार्क प्रबंधन के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हादसे के लिए जिम्मेदार लापरवाही किस स्तर पर हुई।
नमन राजपूत की मौत एक दुखद हादसा है, जो वाटर पार्कों में लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का परिणाम है। परिजनों का गुस्सा और प्रशासन से कार्रवाई की मांग जायज है। यह घटना प्रशासन और वाटर पार्क संचालकों के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों और पर्यटकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियम, नियमित निरीक्षण और प्रशिक्षित लाइफगार्ड की मौजूदगी सुनिश्चित करना जरूरी है।