मंदिर में जल रहे दिए से घर में लगी आग: अलमारी में रखे लाखों के सोने-चांदी के आभूषण गल गए, घर में रखा सामान राख
अजमेर के कोटड़ा खाटू श्याम विहार में मंदिर के दिए से लगी आग से कैलाश रावत का घर जला, लाखों के जेवर पिघले, पूरा सामान राख, फायर ब्रिगेड ने काबू पाया
अजमेर (राजस्थान), 15 नवंबर 2025: राजस्थान के अजमेर शहर के कोटड़ा खाटू श्याम विहार कॉलोनी में शनिवार शाम को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। एक घर में पूजा स्थल पर जल रहे दीयों से लगी आग ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटों ने न केवल घर के सामान को राख कर दिया, बल्कि अलमारी में संजोए लाखों रुपये के सोने-चांदी के आभूषण भी पिघलकर बर्बाद हो गए। यह हादसा इतना भयावह था कि पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और पड़ोसी घबराहट में इधर-उधर भागने लगे।
घटना का विवरण: पूजा की धार्मिक रस्म बनी विपदा का कारण घटना शनिवार शाम करीब 6 बजे की बताई जा रही है। पीड़ित कैलाश रावत का परिवार कोटड़ा खाटू श्याम विहार कॉलोनी में रहता है। घर के एक कमरे में बने छोटे से मंदिर में श्याम बाबा के दर्शन के लिए दीये जलाए गए थे। सूत्रों के अनुसार, दीयों की लौ एक पुरानी लकड़ी की शेल्फ या आसपास रखे सूखे फूलों-पत्तों से लगी और धीरे-धीरे आग ने जोर पकड़ लिया। शुरुआत में परिवार वालों को लगा कि यह मामूली चिंगारी है, लेकिन देखते ही देखते आग की लपटें पूरे कमरे में फैल गईं।कैलाश रावत ने बताया, "हम लोग शाम को पूजा कर रहे थे। अचानक मंदिर की तरफ से धुआं उठने लगा। जब तक हम पानी लाते, आग ने अलमारी तक पहुंच ली। वहां हमारे परिवार के सभी महत्वपूर्ण आभूषण थे – शादी-विवाह के सोने के हार, चांदी के कंगन, ब्रेसलेट और अन्य जेवरात, जिनकी कीमत लाखों में थी। सब कुछ पिघल गया।" आग इतनी तेज थी कि अलमारी के अंदर रखे आभूषण गर्मी से पिघलकर एक गूंठ बन गए, जिन्हें अब भी बचाने की कोशिश की जा रही है।
भारी नुकसान: लाखों का सामान राख, परिवार सदमे में आग ने न केवल आभूषणों को नष्ट किया, बल्कि घर के अन्य सामान को भी चपेट में ले लिया। लिविंग रूम के सोफा, टीवी, फर्नीचर, कालीन और रसोई का सामान जलकर राख हो गया। अनुमान है कि कुल नुकसान 10 से 15 लाख रुपये का है, जिसमें आभूषणों का हिस्सा सबसे बड़ा है। सौभाग्य से परिवार के किसी सदस्य को चोट नहीं लगी, लेकिन मानसिक सदमा गहरा है। कैलाश रावत की पत्नी और बच्चे अभी भी सदमे में हैं। पड़ोसियों ने बताया कि आग की लपटें इतनी तेज थीं कि घर के बाहर तक धुआं फैल गया, जिससे कई परिवारों को अपने घर खाली करने पड़े।
त्वरित कार्रवाई: फायर ब्रिगेड और पुलिस ने बुझाई आग, जांच शुरू जैसे ही आग की जानकारी मिली, पड़ोसियों ने तुरंत हरीभाऊ उपाध्याय नगर थाने को सूचना दी। कुछ ही मिनटों में थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। साथ ही, अजमेर नगर निगम की फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां भी घटनास्थल पर पहुंच गईं। फायरफाइटर्स ने करीब 45 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पा लिया। अगर थोड़ी देरी होती, तो आग पड़ोसी घरों तक फैल जाती।पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पुष्टि की कि आग का कारण मंदिर में जल रहे दीये ही थे। थाना प्रभारी ने कहा, "हम घटनास्थल का मुआयना कर रहे हैं। कोई लापरवाही तो नहीं हुई, यह जांच का विषय है। पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता दी जा रही है।" फॉरेंसिक टीम भी आभूषणों के पिघले हुए टुकड़ों की जांच कर रही है, ताकि कितना नुकसान हुआ है, इसका सटीक आकलन हो सके। जिला प्रशासन ने परिवार को अस्थायी आश्रय और राहत सामग्री उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
सबक और सावधानियां: धार्मिक आस्था के बीच सतर्कता जरूरी यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि धार्मिक रस्मों के दौरान भी सुरक्षा के मानकों का पालन करना कितना जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि घरों में मंदिर बनाते समय अग्निरोधी सामग्री का उपयोग करें, दीये हमेशा धातु के थालों में जलाएं और आसपास ज्वलनशील वस्तुओं को दूर रखें। अजमेर जैसे धार्मिक नगरी में ऐसी घटनाएं दुर्लभ नहीं हैं, लेकिन हर बार नुकसान ही होता है। स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि कॉलोनी में फायर सेफ्टी जागरूकता कैंप लगाए जाएं।