अजमेर के नाज होटल में भीषण आग: चार की मौत, कई झुलसे, मां ने खिड़की से फेंककर बचाई बच्चे की जान
अजमेर के डिग्गी बाजार स्थित नाज होटल में 1 मई 2025 को सुबह 8 बजे शॉर्ट सर्किट से लगी भीषण आग में चार लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक बच्चा शामिल है। आग पांच मंजिला होटल की सभी मंजिलों तक फैल गई। कई जायरीन खिड़कियों से कूदकर बचे, एक मां ने अपने बच्चे को खिड़की से फेंककर बचाया।

अजमेर के डिग्गी बाजार स्थित नाज होटल में 1 मई 2025 की सुबह करीब 8 बजे लगी भीषण आग ने भयावह तबाही मचाई। इस हादसे में चार लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। आग इतनी तेजी से फैली कि पांच मंजिला होटल की सबसे ऊपरी मंजिल तक पहुंच गई। होटल में ठहरे जायरीनों और अन्य मेहमानों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोगों ने जान बचाने के लिए खिड़कियों से कूदना पड़ा। इस दौरान एक मां ने अपने बच्चे को आग की चपेट में आने से बचाने के लिए उसे खिड़की से नीचे फेंक दिया, जिससे बच्चा मामूली रूप से झुलस गया।
हादसे का भयावह मंजर
जानकारी के अनुसार, आग सुबह 8 बजे के आसपास शॉर्ट सर्किट की वजह से शुरू हुई। प्रत्यक्षदर्शी मांगीलाल कलोसिया ने बताया, "एसी फटने की जोरदार आवाज आई थी। मैं और मेरी पत्नी किसी तरह भागकर बाहर निकले। हमने तुरंत टैक्सी ड्राइवर को बुलाया और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। लेकिन फायर ब्रिगेड को आने में आधा घंटा लग गया।" उन्होंने आगे बताया कि बाहर से कांच तोड़कर लोगों को बचाने की कोशिश की गई। एक महिला ने अपने बच्चे को ऊपर से उनकी गोद में फेंका, जो मामूली रूप से झुलस गया। एक युवक भी खिड़की से कूद गया, जिसके सिर में गंभीर चोटें आईं।
होटल में उस समय बड़ी संख्या में जायरीन ठहरे हुए थे, जो अजमेर शरीफ दरगाह के दर्शन के लिए आए थे। आग की लपटें देखकर लोगों ने खिड़कियों के शीशे तोड़े और कूदकर अपनी जान बचाई। कुछ लोग धुएं और आग की चपेट में आ गए, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।
जेएलएन अस्पताल में इलाज, चार की मौत
हादसे के बाद घायलों को तुरंत जवाहरलाल नेहरू (जेएलएन) मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. अनिल सामरिया ने बताया, "आठ झुलसे हुए लोगों को अस्पताल लाया गया था। इनमें से चार की मौत हो चुकी है, जिसमें एक बच्चा भी शामिल है। तीन अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है।" घायलों में ज्यादातर लोग गंभीर रूप से झुलसे हैं, और उनका इलाज जारी है।
संकरी गलियों ने बढ़ाई बचाव कार्य की मुश्किलें
होटल डिग्गी बाजार की संकरी गलियों में स्थित है, जिसके कारण बचाव कार्य में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में देरी हुई, और संकरे रास्तों ने रेस्क्यू ऑपरेशन को और जटिल बना दिया। बचाव कार्य के दौरान कई पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मियों की तबीयत भी बिगड़ गई। मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु जांगिड़ सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। एसडीआरएफ की टीम को भी बचाव कार्य के लिए बुलाया गया।
शॉर्ट सर्किट बना आग का कारण
प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। होटल की पांच मंजिलों में से सभी मंजिलें आग की चपेट में आ गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग के साथ एक जोरदार धमाका भी हुआ, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। फायर ब्रिगेड की आधा दर्जन गाड़ियों ने करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक भारी नुकसान हो चुका था।
प्रशासन का रवैया और भविष्य की चिंताएं
इस हादसे ने एक बार फिर होटल और गेस्ट हाउसों में अग्नि सुरक्षा के इंतजामों पर सवाल उठाए हैं। संकरी गलियों में बने बहुमंजिला भवनों में आग बुझाने के लिए पर्याप्त संसाधनों की कमी स्पष्ट दिखाई दी। स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने प्रशासन पर देरी से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। मांगीलाल ने कहा, "अगर फायर ब्रिगेड समय पर पहुंच जाती, तो शायद कुछ और जिंदगियां बचाई जा सकती थीं।"
पुलिस और प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाया जा रहा है कि होटल में अग्नि सुरक्षा के क्या इंतजाम थे और शॉर्ट सर्किट की घटना को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए थे।
शोक और संवेदना
इस दुखद हादसे पर स्थानीय नेताओं और प्रशासन ने गहरा शोक व्यक्त किया है। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की जा रही है, और मृतकों के परिजनों को सहायता प्रदान करने की बात कही गई है। अजमेर शरीफ जैसे धार्मिक स्थल पर आने वाले जायरीनों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई जा रही है।
यह हादसा न केवल अजमेर, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि अग्नि सुरक्षा और आपातकालीन तैयारियों को और मजबूत करने की जरूरत है, खासकर उन इलाकों में जहां संकरी गलियां और पुरानी इमारतें जोखिम को बढ़ाती हैं।