2700 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में ED की बड़ी कार्रवाई: राजस्थान, गुजरात और दिल्ली में 24 ठिकानों पर छापेमारी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2700 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, सीकर, झुंझुनूं, गुजरात के अहमदाबाद और दिल्ली में 24 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई शेल कंपनियों और हवाला नेटवर्क से जुड़े एक बड़े वित्तीय घोटाले को उजागर करने के लिए है। ईडी ने दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं, और जांच जारी है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2700 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राजस्थान, गुजरात और दिल्ली के 24 स्थानों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया है। यह कार्रवाई राजस्थान के चार शहरों—जयपुर, जोधपुर, सीकर और झुंझुनूं—तथा गुजरात के अहमदाबाद और दिल्ली में की गई। यह ऑपरेशन मनी लॉन्ड्रिंग के एक व्यापक नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
छापेमारी का विवरण
ईडी की टीमें सुबह से ही इन शहरों में सक्रिय हैं और संदिग्ध ठिकानों पर तलाशी ले रही हैं। राजस्थान में जयपुर और जोधपुर के अलावा सीकर और झुंझुनूं में भी कई स्थानों पर जांच चल रही है। गुजरात के अहमदाबाद और दिल्ली में भी संदिग्ध व्यक्तियों और संस्थानों के परिसरों पर छापे मारे गए हैं। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई 2700 करोड़ रुपये की अवैध वित्तीय गतिविधियों से जुड़ी है।
मामले की पृष्ठभूमि
हालांकि मामले का पूरा ब्योरा अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है, लेकिन ईडी सूत्रों का कहना है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का एक जटिल मामला है, जिसमें शेल कंपनियों और हवाला नेटवर्क का उपयोग किया गया। जांच एजेंसी को शक है कि इस मामले में बड़ी राशि को फर्जी दस्तावेजों और अवैध बैंक खातों के जरिए विदेशों में हस्तांतरित किया गया।
अब तक की कार्रवाई
स्थान: राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, सीकर, झुंझुनूं; गुजरात के अहमदाबाद; और दिल्ली में कुल 24 ठिकानों पर तलाशी।
उद्देश्य: 2700 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सबूत जुटाना और संदिग्धों की पहचान करना।
कानूनी आधार: मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत कार्रवाई।
परिणाम: ईडी ने महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और अन्य साक्ष्य जब्त किए हैं, जिनका विश्लेषण जारी है। संदिग्धों को समन या गिरफ्तारी की संभावना है।
यह कार्रवाई राजस्थान में ईडी की हालिया बड़ी कार्रवाइयों में से एक है। पहले भी जल जीवन मिशन जैसे मामलों में छापेमारी हो चुकी है, लेकिन इस बार की राशि और दायरा इसे खास बनाता है। जांच एजेंसी का मानना है कि इस मामले में बड़े कॉरपोरेट और प्रभावशाली लोग शामिल हो सकते हैं।
ईडी की जांच अभी शुरुआती चरण में है। जब्त दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की गहन पड़ताल के बाद और खुलासे होने की उम्मीद है। जांच का फोकस धन के स्रोत और इसके हस्तांतरण के रास्तों को उजागर करना है। हवाला और शेल कंपनियों के जरिए हुए लेनदेन की परतें खोलने का प्रयास जारी है।
संभावित प्रभाव
इस कार्रवाई से राजस्थान, गुजरात और दिल्ली के व्यापारिक व राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई है। अभी तक किसी बड़े नाम का खुलासा नहीं हुआ, लेकिन जांच के अगले चरण में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं। यह मामला राजस्थान की सियासत और व्यापारिक गतिविधियों पर भी असर डाल सकता है।