उदयपुर में साइबर ठगी का बड़ा खुलासा: ऑनलाइन गेमिंग के बहाने लाखों की ठगी, NSUI के पूर्व अध्यक्ष समेत 7 आरोपी गिरफ्तार

उदयपुर के बड़गांव में साइबर ठगी के मास्टरमाइंड NSUI पूर्व अध्यक्ष गौरव भंडारी समेत 7 आरोपी गिरफ्तार, ऑनलाइन गेमिंग के जरिए लाखों की ठगी और बैंक खातों की खरीद-फरोख्त का खुलासा

Nov 15, 2025 - 15:43
उदयपुर में साइबर ठगी का बड़ा खुलासा: ऑनलाइन गेमिंग के बहाने लाखों की ठगी, NSUI के पूर्व अध्यक्ष समेत 7 आरोपी गिरफ्तार

उदयपुर, 15 नवंबर 2025: राजस्थान के उदयपुर जिले में साइबर ठगी का एक बड़ा रैकेट पकड़ा गया है। बड़गांव थाना क्षेत्र में पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से लोगों को ठगने वाले सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक आरोपी पूर्व में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) का शहर अध्यक्ष रह चुका है, जो इस गिरोह का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। आरोपी बैंक खातों को खरीदने-बेचने का धंधा चलाकर साइबर फ्रॉड को अंजाम देते थे। पुलिस ने दबिश देकर इन सभी को पकड़ा और उनके पास से डिजिटल उपकरण व दस्तावेज बरामद किए।

गिरफ्तारी का विवरण;  बड़गांव थाने की पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के जरिए लोगों को लालच देकर ठग रहे हैं। इस पर पुलिस ने छापेमारी की योजना बनाई। गुरुवार देर रात को विभिन्न ठिकानों पर दबिश देकर सातों आरोपियों को हिरासत में लिया गया। गिरफ्तार आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं:गौरव भंडारी (मास्टरमाइंड, पूर्व NSUI शहर अध्यक्ष) ,रोहित शर्मा ,भाग्यदीप सिंह ,ब्रजराज सिंह ,पार्थ ओझा ,मयूर पटेल ,मोहित सिंह 

ये सभी उदयपुर के स्थानीय निवासी हैं और लंबे समय से संगठित तरीके से साइबर ठगी में लिप्त थे। पुलिस ने इनके कब्जे से मोबाइल फोन, लैपटॉप, बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड और अन्य डिजिटल डिवाइस बरामद किए हैं। प्रारंभिक पूछताछ में इनके द्वारा कम से कम 20 से अधिक मामलों में शामिल होने की बात सामने आई है, जिसमें लाखों रुपये की ठगी शामिल है।

ठगी का modus operandi;  आरोपी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स का सहारा लेकर लोगों को फंसाते थे। वे फर्जी ऐप्स या वेबसाइट्स के जरिए गेमिंग टूर्नामेंट्स का आयोजन करते, जहां जीतने पर भारी इनामी राशि का लालच देते। शिकार जाल में फंसने पर वे छोटी-मोटी जीत दिखाकर विश्वास जीतते और फिर बड़े निवेश की मांग करते। पैसे ट्रांसफर करने के बाद वे गायब हो जाते। इसके अलावा, आरोपी बैंक खातों को 'म्यूल अकाउंट' के रूप में खरीदने-बेचने का अवैध कारोबार भी चला रहे थे। ये खाते ठगी के पैसे ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल होते थे, जिससे असली अपराधी छिपे रहते।पुलिस के अनुसार, गौरव भंडारी इस रैकेट का सरगना था। वह न केवल तकनीकी जानकार था, बल्कि अपने राजनीतिक संपर्कों का फायदा उठाकर गिरोह को संरक्षण भी देता था। NSUI में शहर अध्यक्ष रहते हुए वह छात्र संगठनों के बीच सक्रिय था, लेकिन पद छोड़ने के बाद साइबर क्राइम की दुनिया में उतर गया। अन्य सदस्य उसके निर्देश पर काम करते थे, जैसे रोहित शर्मा और पार्थ ओझा फर्जी प्रोफाइल्स बनाते, जबकि भाग्यदीप सिंह और ब्रजराज सिंह खातों का इंतजाम करते। मयूर पटेल और मोहित सिंह पैसे के लेन-देन का हिसाब रखते थे।

मास्टरमाइंड गौरव भंडारी का बैकग्राउंड;  गौरव भंडारी उदयपुर के एक प्रमुख कॉलेज से जुड़ा रहा है और NSUI के माध्यम से स्थानीय राजनीति में सक्रिय था। वह 2022-23 तक शहर इकाई का अध्यक्ष रहा, जहां से उसे छात्रों के बीच अच्छी पकड़ मिली। लेकिन सत्ता की राजनीति से निराश होकर वह आसान कमाई के चक्कर में साइबर ठगी की ओर मुड़ गया। पुलिस ने बताया कि उसके पास उच्च स्तरीय सॉफ्टवेयर और हैकिंग टूल्स थे, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के फ्रॉड नेटवर्क से जुड़े हुए थे। गिरफ्तारी के बाद NSUI ने भी खुद को इससे अलग करते हुए बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया कि गौरव के कार्यों से संगठन का कोई लेना-देना नहीं है।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच;  एसपी (साइबर सेल) उदयपुर ने बताया कि यह कार्रवाई 'ऑपरेशन साइबर शील्ड' का हिस्सा है, जिसके तहत राज्य स्तर पर साइबर क्राइम रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। गिरफ्तार आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां रिमांड की मांग की जाएगी। पुलिस अन्य संभावित शिकारों की तलाश कर रही है और साइबर सेल को निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावित लोगों से शिकायत दर्ज करवाएं।