दिशा पाटनी के घर फायरिंग करने वाले बदमाश एनकाउंटर में मारे गए
बरेली में दिशा पाटनी के घर पर 11-12 सितंबर को हुई फायरिंग की जिम्मेदारी गोल्डी बराड़-रोहित गोदारा गैंग ने ली; लाल जूतों के सुराग से पुलिस ने दो बदमाशों को गाजियाबाद में एनकाउंटर में ढेर किया

बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के बरेली स्थित घर पर हाल ही में हुई फायरिंग की घटनाओं ने सनसनी मचा दी है। 11 और 12 सितंबर को हुए इन हमलों की जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा गैंग ने ली है। पुलिस ने 2500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालकर दो बदमाशों, रविंद्र और अरुण, की पहचान की, जिन्हें गाजियाबाद में एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। रोहित गोदारा गैंग ने इसे धर्म की लड़ाई बताते हुए धमकी दी है कि उनके साथी "ढेर नहीं, शहीद" हुए हैं।
11 और 12 सितंबर को हुई फायरिंग
सिविल लाइंस में दिशा पाटनी के घर पर 11 सितंबर की सुबह 4:30 बजे गोल्डी बराड़-रोहित गोदारा गैंग के शूटर विजय और नकुल ने फायरिंग की। यह घटना ज्यादा चर्चा में नहीं आई, लेकिन अगले दिन, 12 सितंबर की रात 2 बजे, रविंद्र और अरुण ने दोबारा उनके घर पर हमला किया। दोनों बदमाश फायरिंग के बाद फरार हो गए, लेकिन सोमवार को गाजियाबाद में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए। इन चारों बदमाशों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
लाल जूतों ने पकड़वाए बदमाश
बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि पुलिस ने शहर, हाईवे और टोल प्लाजा के 2500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। फुटेज में रविंद्र और अरुण के लाल जूते एक अहम सुराग बने। 12 सितंबर की रात 2:32 बजे दोनों झुमका चौराहा पर पहुंचे, जहां 22 मिनट तक रुककर एक दुकान पर चाय पी और कैश में भुगतान किया। इसके बाद वे 3:24 बजे चौपुला चौराहा और 3:33 बजे दिशा पाटनी के घर पहुंचे। फायरिंग के दौरान अरुण बाइक चला रहा था और हेलमेट पहने था, जबकि रविंद्र, जो विदेशी पिस्टल से फायरिंग कर रहा था, लाल जूते पहने पीछे बैठा था।
एसएसपी ने कहा, "अंधेरे के कारण कई फुटेज में चेहरे स्पष्ट नहीं थे, लेकिन लाल जूते हर फुटेज में नजर आए, जिससे बदमाशों की लोकेशन ट्रेस करने में मदद मिली।" हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान पुलिस की मदद से गैंग के 515 बदमाशों की एल्बम तैयार की गई, जिसके आधार पर रविंद्र और अरुण की पहचान हुई।
गैंग की धमकी और धर्म का मुद्दा
रोहित गोदारा के नाम से एक फेसबुक अकाउंट पर हमले को धर्म की लड़ाई बताते हुए धमकी दी गई। गैंग ने दावा किया कि दिशा पाटनी और उनकी बहन खुशबू पाटनी ने संतों का अपमान किया, जिसके जवाब में यह हमला कराया गया। गोल्डी बराड़ गैंग ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालकर और पुर्तगाल के फोन नंबर से दिल्ली के कुछ मीडिया हाउस को वॉयस मैसेज भेजकर हमले की जिम्मेदारी ली। गैंग ने बॉलीवुड को भी धमकाते हुए कहा कि वहां सनातन धर्म के खिलाफ कार्य हो रहा है।
खुशबू पाटनी का विवाद
दिशा पाटनी का परिवार सिविल लाइंस में रहता है, जहां उनके पिता रिटायर्ड सीओ जगदीश पाटनी, मां पदमा और बहन रिटायर्ड मेजर खुशबू पाटनी रहती हैं। जगदीश ने बताया कि 11 सितंबर की फायरिंग की जानकारी उन्हें सुबह पड़ोसियों से मिली। 12 सितंबर को तड़के आहट सुनकर जब वे बालकनी में आए, तब तक बदमाश फायरिंग कर फरार हो चुके थे।
जुलाई में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने 'लिव-इन रिलेशनशिप' पर टिप्पणी की थी, जिसका खुशबू पाटनी ने वीडियो जारी कर तीखा विरोध किया था। इंटरनेट मीडिया पर यह भी चर्चा हुई कि खुशबू ने संत प्रेमानंद के खिलाफ बयान दिया, लेकिन उन्होंने सफाई दी कि उन्होंने प्रेमानंद महाराज के खिलाफ कुछ नहीं कहा। गोल्डी बराड़ गैंग ने खुशबू के बयान को आधार बनाकर हमले की साजिश रची।
पुलिस की कार्रवाई
जगदीश पाटनी की शिकायत पर दो अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। छह पुलिस टीमें, जिनमें चार एसपी शामिल थे, जांच में लगाई गईं। शुरुआती 24 घंटों में पुलिस को पता चला कि बदमाश दिल्ली की ओर से आए और फायरिंग के बाद नैनीताल रोड की ओर भागे। रामपुर के घमौरा में बदमाश पंजाब होटल में रुके थे, जहां से वे फायरिंग के लिए निकले।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों के आधार पर रविंद्र और अरुण को ट्रेस किया, जिन्हें गाजियाबाद में एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। विजय और नकुल अभी फरार हैं, और उनकी तलाश जारी है।