साथी समूह की नवीन कार्यकारिणी का गठन, मुकेश सोनी बने अध्यक्ष

बाड़मेर साथी समूह ने रविवार को अपनी नई कार्यकारिणी का गठन किया। यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया और नई कार्यकारिणी का कार्यकाल दो वर्षों का होगा। समूह के प्रवक्ता अजयनाथ गोस्वामी ने बताया कि हाल ही में आयोजित रक्तदान शिविर और होली स्नेह मिलन समारोह के सफल आयोजन के बाद यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। नई कार्यकारिणी के गठन के साथ ही संगठन ने अपने भविष्य के लक्ष्यों को मजबूत करने की दिशा में एक नया अध्याय शुरू किया है।
नवीन कार्यकारिणी के पदाधिकारी
सर्वसम्मति से चुने गए पदाधिकारियों में मुकेश सोनी को अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। इसके अलावा, अन्य महत्वपूर्ण पदों पर निम्नलिखित सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपी गई:
महासचिव: गोगाराम सेंवर
सचिव: विक्रम सिंह राठौड़
कोषाध्यक्ष: ललित जांगिड़
सह-कोषाध्यक्ष: संजय संखलेचा
उपाध्यक्ष: महिपाल सिंह भाटी और हनवंत सिंह राठौड़
प्रवक्ता: अजयनाथ गोस्वामी
मीडिया प्रभारी: नरेश जांगिड़
वरिष्ठ सलाहकार: उदयभान सिंह
स्वागत समारोह और शपथ ग्रहण
नई कार्यकारिणी के गठन के बाद सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का भव्य स्वागत किया गया। उन्हें माला और साफा पहनाकर सम्मानित किया गया। इसके पश्चात, एक औपचारिक शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ, जिसमें सभी पदाधिकारियों ने कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने पद की गरिमा बनाए रखने की शपथ ली। इस अवसर पर उपस्थित सदस्यों ने नवनिर्वाचित टीम के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं।
पूर्व अध्यक्ष और सदस्यों की प्रतिक्रिया
साथी समूह के पूर्व अध्यक्ष ओम सिंह महेचा ने नई कार्यकारिणी के गठन को संगठन के लिए एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल कार्यकाल की कामना की। समूह के अन्य सदस्यों ने भी इस निर्णय का स्वागत किया और नई टीम से संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की अपेक्षा जताई।
भविष्य की योजनाएं
प्रवक्ता अजयनाथ गोस्वामी ने बताया कि नई कार्यकारिणी सामाजिक कार्यों, विशेष रूप से रक्तदान शिविरों और समुदाय को जोड़ने वाले आयोजनों पर विशेष ध्यान देगी। संगठन का उद्देश्य समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी पहचान को और मजबूत करना है। आने वाले दो वर्षों में कार्यकारिणी के नेतृत्व में कई नए कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है, जिसकी जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।
इस गठन के साथ ही साथी समूह ने अपने संगठनात्मक ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो भविष्य में इसके सामाजिक योगदान को और प्रभावी बनाने में सहायक सिद्ध होगा।