बाड़मेर में ऑपरेशन शील्ड: ड्रोन हमले की मॉक ड्रिल से प्रशासन ने दिखाई तत्परता

बाड़मेर में 'ऑपरेशन शील्ड' के तहत उतरलाई आवासीय परिसर में ड्रोन हमले की मॉक ड्रिल आयोजित की गई। जिला कलेक्टर टीना डाबी और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा के नेतृत्व में NDRF, SDRF, पुलिस, और मेडिकल टीमें शामिल हुईं। सायरन बजते ही राहत कार्य शुरू हुए, जिसमें 52 काल्पनिक घायलों को बचाया गया, 6 को जिला अस्पताल रेफर किया गया। यह अभ्यास सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा तत्परता और समन्वय को परखने के लिए था।

May 31, 2025 - 19:38
बाड़मेर में ऑपरेशन शील्ड: ड्रोन हमले की मॉक ड्रिल से प्रशासन ने दिखाई तत्परता

राजस्थान के सीमावर्ती जिले बाड़मेर में भारत-पाकिस्तान तनाव और हाल के सुरक्षा अलर्ट के मद्देनजर प्रशासन ने अपनी आपातकालीन तैयारियों को परखने के लिए एक व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया। यह अभ्यास 'ऑपरेशन शील्ड' के तहत उतरलाई आवासीय परिसर में किया गया, जहां ड्रोन हमले की स्थिति का अनुकरण किया गया। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपात स्थिति में प्रशासन और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय, तत्परता, और राहत कार्यों की प्रभावशीलता को जांचना था।

मॉक ड्रिल का आयोजन

31 मई 2025 को बाड़मेर के उतरलाई आवासीय परिसर में यह मॉक ड्रिल आयोजित की गई। जैसे ही सायरन की आवाज गूंजी, प्रशासन और सुरक्षा बल तुरंत हरकत में आए। इस अभ्यास में ड्रोन हमले की काल्पनिक स्थिति को दर्शाया गया, जिसमें 52 लोग घायल होने का अनुकरण किया गया। इनमें से 6 लोगों को गंभीर रूप से घायल माना गया, जिन्हें तुरंत जिला अस्पताल रेफर किया गया। शेष 46 लोगों का प्राथमिक उपचार मौके पर ही किया गया।

प्रशासन की सक्रियता

जिला कलेक्टर टीना डाबी और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा के नेतृत्व में प्रशासनिक और पुलिस टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं। उनके साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), पुलिस, मेडिकल टीमें, और सिविल डिफेंस की टीमें भी राहत कार्य में शामिल हुईं। एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की तैनाती ने बचाव कार्य को और तेज किया। जिला कलेक्टर टीना डाबी ने नागरिकों से इस तरह के अभ्यास में सहयोग करने की अपील की और अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी।

राहत और बचाव कार्य

मॉक ड्रिल के दौरान, घायलों को तुरंत एम्बुलेंस के जरिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि सभी विभागों के बीच समन्वय बना रहे। सायरन की आवाज और तेजी से सक्रिय होती टीमें इस बात का प्रमाण थीं कि बाड़मेर प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस अभ्यास ने न केवल अधिकारियों की तत्परता को परखा, बल्कि आमजन में आपात स्थिति के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई।

ऑपरेशन शील्ड का महत्व

ऑपरेशन शील्ड हाल के भारत-पाक तनाव और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़े सुरक्षा अलर्ट के संदर्भ में आयोजित किया गया। बाड़मेर और जैसलमेर जैसे सीमावर्ती जिलों में ड्रोन गतिविधियों की खबरों के बाद यह मॉक ड्रिल और भी महत्वपूर्ण हो गई। इसका उद्देश्य न केवल प्रशासनिक तैयारियों को परखना था, बल्कि नागरिकों को यह विश्वास दिलाना भी था कि उनकी सुरक्षा के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क और सक्षम है।

बाड़मेर में आयोजित इस मॉक ड्रिल ने प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया और समन्वय की क्षमता को प्रदर्शित किया। जिला कलेक्टर टीना डाबी और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा के नेतृत्व में यह अभ्यास न केवल एक सफल प्रयास रहा, बल्कि यह भी संदेश दे गया कि बाड़मेर प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। इस तरह के अभ्यास भविष्य में किसी वास्तविक खतरे के समय नुकसान को कम करने और त्वरित राहत सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ