राजस्थान की सियासत में नया मोड़: सचिन पायलट और अशोक गहलोत की मुलाकात ने मचाई हलचल

सचिन पायलट ने अशोक गहलोत को राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि के लिए दौसा में होने वाले कार्यक्रम का निमंत्रण दिया। दोनों नेताओं की मुलाकात ने राजस्थान की सियासत में एकता के संकेत दिए। सबकी नजर 11 जून के आयोजन पर टिकी है।

Jun 7, 2025 - 15:38
Jun 7, 2025 - 15:43
राजस्थान की सियासत में नया मोड़: सचिन पायलट और अशोक गहलोत की मुलाकात ने मचाई हलचल

राजस्थान की राजनीति में आज एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और AICC महासचिव सचिन पायलट पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जयपुर स्थित सिविल लाइंस सरकारी आवास पर पहुंचे। यह मुलाकात स्वर्गीय राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि के अवसर पर 11 जून को दौसा में आयोजित होने वाले श्रद्धांजलि कार्यक्रम के लिए निमंत्रण देने के सिलसिले में हुई। करीब दो घंटे तक चली इस मुलाकात ने राजस्थान की सियासत में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।

राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर भंडाना में विशेष आयोजन

11 जून को दौसा के भंडाना-जीरोटा में राजेश पायलट स्मारक पर स्वर्गीय राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर एक भव्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होगा। इस अवसर पर सचिन पायलट, उनकी मां रमा पायलट, पायलट परिवार के अन्य सदस्य और कांग्रेस के कई प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे। 25 वर्ष पहले दौसा-जयपुर मार्ग पर भंडाना में एक सड़क हादसे में राजेश पायलट का निधन हो गया था। दौसा पायलट परिवार की कर्मस्थली रहा है, जहां से राजेश पायलट लंबे समय तक सांसद रहे और केंद्र में गृह राज्य मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दीं। उनका मशहूर नारा ‘राम राम सा’ आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।

गहलोत ने याद किए राजेश पायलट के साथ पुराने दिन

मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने कहा, “AICC महासचिव सचिन पायलट ने मुझे स्व. राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि के कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। मैं और राजेश पायलट 1980 में पहली बार एक साथ लोकसभा पहुंचे और लगभग 18 साल तक सांसद रहे। उनके आकस्मिक निधन का दुख आज भी बना हुआ है। उनके जाने से कांग्रेस को गहरा आघात लगा।” गहलोत के इस बयान से दोनों नेताओं के बीच पुराने रिश्तों की गर्माहट झलकी।

गहलोत-पायलट के बीच सियासी तनाव की पृष्ठभूमि

गौरतलब है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबे समय से सियासी तनाव रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत को मुख्यमंत्री और पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच मतभेद गहरे हो गए। हर साल राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर भंडाना में होने वाले आयोजन में गहलोत और उनके समर्थक आमतौर पर शामिल नहीं होते। ऐसे में इस बार सचिन पायलट का गहलोत के आवास पर जाकर निमंत्रण देना और गहलोत का इसे स्वीकार करना एक बड़े सियासी संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

क्या कम होगी गहलोत-पायलट की सियासी दूरी?

यह मुलाकात राजस्थान कांग्रेस में एकता का संदेश दे रही है। सियासी हलकों में चर्चा है कि दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात लंबे समय से चली आ रही तनातनी को कम करने की दिशा में एक कदम हो सकती है। सभी की नजर अब 11 जून को भंडाना में होने वाले आयोजन पर टिकी है, जहां गहलोत की मौजूदगी और दोनों नेताओं का एक मंच पर आना राजस्थान की राजनीति में नया अध्याय लिख सकता है। क्या यह मुलाकात कांग्रेस में एकजुटता की नई शुरुआत करेगी, यह देखना दिलचस्प होगा।

Yashaswani Journalist at The Khatak .