आईपीएस अधिकारी के पति पर ईओडब्ल्यू का शिकंजा, 24.78 करोड़ की ठगी और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने आईपीएस अधिकारी रश्मि करंदीकर के पति पुरुषोत्तम चव्हाण के खिलाफ 24.78 करोड़ रुपये की ठगी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच तेज की। चव्हाण पर मुंबई, ठाणे और पुणे में सरकारी फ्लैट का झांसा देकर 20 लोगों से ठगी का आरोप है। उनके खाते में 2.64 करोड़ रुपये मिले, जिसके स्रोत की जांच हो रही है। रश्मि करंदीकर ने शेयर बाजार में निवेश किया था, लेकिन पैसा डूब गया। वह मेडिकल छुट्टी पर हैं और पूछताछ के लिए पेश नहीं हुईं। चव्हाण के खिलाफ ईडी भी 263 करोड़ रुपये के आयकर रिफंड घोटाले की जांच कर रहा है। रश्मि ने तलाक की अर्जी दी और सरकारी आवास खाली कर दिया।

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने महाराष्ट्र कैडर की आईपीएस अधिकारी रश्मि करंदीकर के पति पुरुषोत्तम चव्हाण के खिलाफ गंभीर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में जांच तेज कर दी है। ईओडब्ल्यू ने इस साल फरवरी में चव्हाण और 11 अन्य लोगों के खिलाफ दो प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की थीं, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने मुंबई, ठाणे और पुणे में रियायती दरों पर सरकारी कोटे के फ्लैट उपलब्ध कराने का झांसा देकर 20 पीड़ितों से 24.78 करोड़ रुपये ठगे।
धोखाधड़ी का मामला
पुरुषोत्तम चव्हाण पर आरोप है कि उन्होंने भिवंडी, पुणे, पनवेल, सेवरी और बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट (बीपीटी) के प्लॉटों में फ्लैट और सरकारी जमीन देने का वादा कर अपने प्रभाव का दुरुपयोग किया। पीड़ितों को आकर्षक ऑफर देकर ठगा गया, जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने इस मामले में कार्रवाई शुरू की। इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी चव्हाण के खिलाफ 263 करोड़ रुपये के आयकर रिफंड घोटाले की अलग से जांच कर रहा है। ईडी ने पिछले साल मई 2024 में चव्हाण को गिरफ्तार किया था और उनके मालाबार हिल्स स्थित आलीशान फ्लैट को जब्त कर लिया था।
रश्मि करंदीकर पर सवाल
ईओडब्ल्यू की जांच में पाया गया कि पुरुषोत्तम चव्हाण के बैंक खाते में 2.64 करोड़ रुपये जमा थे, जिसके स्रोत को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जांच में यह भी सामने आया कि आईपीएस अधिकारी रश्मि करंदीकर ने शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडिंग में निवेश किया था, लेकिन उनका पैसा डूब गया। ईओडब्ल्यू ने महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या रश्मि करंदीकर ने अपनी संपत्ति के खुलासे में यह जानकारी दी थी कि 2017 और 2018 के बीच 90 दिनों के भीतर उनके खाते में यह राशि आई थी।
हालांकि, रश्मि करंदीकर को इस मामले में अभी तक आरोपी नहीं बनाया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब उनसे फोन पर उनके पति के खाते में आए पैसों के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने जवाब दिया, “मैं मेडिकल छुट्टी पर हूं और बात करने की हालत में नहीं हूं।” ईओडब्ल्यू ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है, लेकिन मेडिकल लीव का हवाला देकर वह अब तक पेश नहीं हुई हैं।
तलाक और सरकारी आवास का मामला
रश्मि करंदीकर ने अपने सहयोगियों के अनुसार, मानसिक उत्पीड़न और वित्तीय लेनदेन छिपाने का हवाला देते हुए बांद्रा फैमिली कोर्ट में पुरुषोत्तम चव्हाण से तलाक के लिए अर्जी दायर की है। इसके साथ ही, उन्होंने कोलाबा पुलिस स्टेशन के ऊपर स्थित अपना सरकारी आवास बिना पुलिस मुख्यालय को औपचारिक रूप से सूचित किए खाली कर दिया है, जिससे और सवाल उठ रहे हैं।
ईओडब्ल्यू और ईडी की कार्रवाई
ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने बताया कि रश्मि करंदीकर के खाते में कुछ राशि ट्रांसफर की गई थी, जो वापस नहीं की गई। जांच एजेंसी इस मामले में उनके स्पष्टीकरण का इंतजार कर रही है। दूसरी ओर, ईडी ने चव्हाण की 150 करोड़ रुपये की संपत्ति के दस्तावेज उनकी पत्नी के घर से तलाशी के दौरान बरामद किए थे।
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और प्रवर्तन निदेशालय की इस संयुक्त कार्रवाई से पुरुषोत्तम चव्हाण के खिलाफ शिकंजा और कस गया है। इस मामले में आगे की जांच से और खुलासे होने की संभावना है।