खाटूश्याम मंदिर से अपहृत 3 साल के रक्षम की मथुरा से नाटकीय बरामदगी, आरोपी ने गांव के प्रधान को सौंपा बच्चा और हुआ फरार

6 जून 2025 को राजस्थान के खाटूश्यामजी मंदिर से भोपाल के 3 साल के रक्षम जाटव का अपहरण हुआ था। वह अपनी मां और नानी के साथ दर्शन के लिए आया था। एक अज्ञात युवक ने विश्वास जीतकर बच्चे को अगवा कर लिया। सीकर पुलिस ने 400+ सीसीटीवी फुटेज खंगालकर 10 जून को मथुरा के स्यारहा गांव से रक्षम को बरामद किया। आरोपी ने

Jun 11, 2025 - 13:28
खाटूश्याम मंदिर से अपहृत 3 साल के रक्षम की मथुरा से नाटकीय बरामदगी, आरोपी ने गांव के प्रधान को सौंपा बच्चा और हुआ फरार

राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर में 6 जून 2025 को एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया था, जब मध्य प्रदेश के भोपाल से दर्शन के लिए आए एक परिवार के 3 साल के मासूम बच्चे रक्षम जाटव का अपहरण हो गया। लेकिन चार दिन की गहन तलाश और पुलिस की त्वरित कार्रवाई के बाद, रक्षम को आखिरकार मथुरा के स्यारहा गांव से सुरक्षित बरामद कर लिया गया। इस घटना ने न केवल परिवार को राहत दी, बल्कि धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल भी खड़े किए।

घटना का प्रारंभ: जयपुर से शुरू हुआ विश्वास का खेल

भोपाल के पुष्पा नगर निवासी अजय कुमार जाटव का परिवार, जिसमें उनकी पत्नी ललिता जाटव, सास आशा देवी और तीन साल का बेटा रक्षम शामिल थे, निर्जला एकादशी के अवसर पर खाटूश्यामजी मंदिर में दर्शन के लिए 6 जून को ट्रेन से रवाना हुआ। जयपुर रेलवे स्टेशन पर उनकी मुलाकात एक 25-30 वर्षीय अज्ञात युवक से हुई, जिसने खुद को मथुरा-वृंदावन का निवासी और खाटूश्यामजी का भक्त बताया। उसने परिवार के साथ यात्रा करने की इच्छा जताई और उनका विश्वास जीत लिया। परिवार ने उसे अपने साथ शामिल होने दिया, और वह जयपुर से ऑटो, फिर बस और रींगस होते हुए खाटूश्यामजी तक उनके साथ रहा।

मंदिर परिसर में निर्जला एकादशी के कारण भारी भीड़ थी। इस दौरान युवक ने चालाकी से ललिता और आशा को सुझाव दिया कि वह रक्षम को संभाल लेगा, ताकि वे दोनों आराम से दर्शन कर सकें। भरोसे में आकर मां और नानी ने रक्षम को उस युवक के हवाले कर दिया। दर्शन के बाद जब वे लौटीं, तो न तो रक्षम वहां था और न ही वह युवक। इस घटना ने परिवार को सदमे में डाल दिया, और मंदिर परिसर में हड़कंप मच गया।

पुलिस की तलाश और सीसीटीवी फुटेज की भूमिका

घटना की सूचना मिलते ही खाटूश्यामजी थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। सीकर पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला विशेष टीम (DST) सहित पांच टीमें गठित कीं, जो मथुरा-वृंदावन, जयपुर और खाटूश्यामजी के आसपास के क्षेत्रों में तलाश में जुट गईं। मंदिर परिसर और आसपास के 400 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। फुटेज में आरोपी युवक रक्षम को गोद में लिए दिखाई दिया, जो एक दुकान पर बच्चे को फ्रूटी पिलाते और थाने के आसपास घूमते हुए कैद हुआ। एक वीडियो में रक्षम अपनी मां और नानी को "बाय-बाय" करते भी दिखा, जिसे ललिता ने दर्शन से पहले रिकॉर्ड किया था।

परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण फिरौती की मांग की आशंका कम थी, जिसने पुलिस को यह संदेह दिया कि अपहरण का मकसद बच्चे को भीख मंगवाने या अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के लिए हो सकता है।

मथुरा में बरामदगी: एक नाटकीय मोड़

चार दिन की अथक तलाश के बाद, 10 जून 2025 को सीकर पुलिस को सूचना मिली कि रक्षम मथुरा के स्यारहा गांव में है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया। चौंकाने वाली बात यह थी कि आरोपी ने रक्षम को गांव के प्रधान को सौंप दिया और खुद फरार हो गया। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने संभवतः पुलिस की बढ़ती सक्रियता और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पकड़े जाने के डर से बच्चे को छोड़ने का फैसला किया।

खाटूश्यामजी थाना प्रभारी पवन कुमार चौबे ने बताया कि पुलिस ने बच्चे को सकुशल मां ललिता जाटव और नानी आशा देवी के साथ खाटूश्यामजी लाया, जहां परिवार का पुनर्मिलन हुआ। ललिता ने रोते हुए कहा, "मेरा सबकुछ लुट गया था, तीन बेटियों के बाद कई मन्नतों से मेरा बेटा हुआ था। भगवान ने उसे वापस लौटा दिया।" परिवार ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राजस्थान सरकार और सीकर पुलिस को धन्यवाद दिया।

पुलिस की जांच और भविष्य की कार्रवाई

पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की तलाश जारी है। सीसीटीवी फुटेज में उसकी तस्वीरें स्पष्ट होने के कारण पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही उसकी पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना ने धार्मिक स्थलों पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। सीकर पुलिस ने आमजन से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या बच्चे के साथ दिखने वाले व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।

परिवार का दर्द और समाज में चिंता

रक्षम तीन बहनों में इकलौता भाई है, और उसके जन्म के लिए परिवार ने कई मंदिरों में मन्नतें मांगी थीं। इस घटना ने भोपाल के नवीन नगर, ऐशबाग क्षेत्र में रहने वाले परिवार और मोहल्ले में गहरी चिंता पैदा की थी। रक्षम की बरामदगी के बाद स्थानीय लोग और परिवार श्याम बाबा का आभार व्यक्त कर रहे हैं।

यह घटना एक चेतावनी है कि धार्मिक स्थलों पर भीड़ का फायदा उठाकर अपराधी ऐसी वारदातों को अंजाम दे सकते हैं। माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वे अपने बच्चों को किसी अजनबी के भरोसे न छोड़ें और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर विशेष सावधानी बरतें। रक्षम की सुरक्षित वापसी ने परिवार को नई जिंदगी दी, लेकिन इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जर्रूरत पर बल दिया है।