जोधपुर में बारिश का कहर:मानसून की शुरुआत के साथ हादसों का सिलसिला शुरु आटिया नाले में बही कार, पति-पत्नी की दर्दनाक मौ*त !
जोधपुर में बारिश के दौरान आटिया नाले में एक कार के बह जाने से पति-पत्नी की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति लापता है। कार में चार लोग सवार थे, जिनमें से एक महिला को ग्रामीणों ने बचा लिया। हादसा ओसियां रोड पर हुआ, जब कार नाले की रपट से गुजर रही थी। पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें लापता व्यक्ति की तलाश में जुटी हैं।

जोधपुर, 21 जून 2025: राजस्थान के जोधपुर में मानसून की पहली बारिश ने जहां एक ओर हरियाली की उम्मीद जगाई, वहीं दूसरी ओर एक दुखद हादसे ने पूरे शहर को झकझोर दिया। करवड थाना क्षेत्र में भारी बारिश के बीच हुए एक भीषण सड़क हादसे में प्लाइवुड कारोबारी हरि भंडारी और उनकी एक रिश्तेदार महिला की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा दईजर के पास आटिया नाले में उस समय हुआ, जब तेज बहाव वाले पानी ने उनकी कार को अपनी चपेट में ले लिया। कार में सवार चार लोगों में से एक महिला को स्थानीय ग्रामीणों ने बचा लिया, लेकिन एक अन्य व्यक्ति, संपत सिंह, अभी भी लापता है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें लापता व्यक्ति की तलाश में जुटी हैं, लेकिन नाले में तेज बहाव के कारण राहत कार्य में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
हादसे की पूरी कहानी: खुशी का माहौल बदला मातम में
यह दिल दहलाने वाला हादसा जोधपुर के प्रताप नगर सूरसागर रोड पर डऊकिया हॉस्पिटल के पीछे शांतिनाथ नगर निवासी हरि भंडारी के परिवार के साथ हुआ। हरि भंडारी, जो जालोरी गेट क्षेत्र में अपनी प्लाई हाउस फर्म के लिए जाने जाते थे, अपने समधी के साथ परिवार के एक खास अवसर पर एकत्र हुए थे। उनके समधी अपने दोहिते के जन्मदिन के उत्सव में शामिल होने के लिए सूरत से जोधपुर आए थे। परिवार राधा रानी मंदिर दर्शन के लिए जा रहा था, जब यह हादसा हुआ।
हादसा उस समय हुआ, जब कार ओसियां रोड पर दईजर के समीप आटिया नाले की रपट से गुजर रही थी। भारी बारिश के कारण नाले में करीब 5 फीट से अधिक पानी तेज बहाव के साथ बह रहा था। बताया जा रहा है कि कार चालक को पुलिया और सड़क का सही अंदाजा नहीं लग पाया, जिसके चलते कार अनियंत्रित होकर पुलिया के नीचे जा गिरी और पानी के तेज बहाव में बह गई। इस हादसे ने खुशी के माहौल को पलभर में मातम में बदल दिया।
ग्रामीणों की बहादुरी और पुलिस का त्वरित एक्शन
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे और अपनी जान जोखिम में डालकर कार में सवार एक महिला, सूरज कंवर, को सुरक्षित निकाल लिया। हालांकि, हरि भंडारी और उनकी एक रिश्तेदार महिला को बचाया नहीं जा सका, और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। कार में सवार चौथा व्यक्ति, संपत सिंह, नाले के तेज बहाव में बह गया, जिसकी तलाश अब भी जारी है।
हादसे की जानकारी मिलते ही करवड थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गई, लेकिन नाले में पानी का तेज बहाव और कीचड़ भरी स्थिति के कारण राहत कार्य में काफी मुश्किलें आ रही हैं। पुलिस ने आसपास के वाहन चालकों से मिली सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई शुरू की और लापता व्यक्ति की तलाश के लिए व्यापक अभियान छेड़ दिया,
जोधपुर में मानसून की शुरुआत के साथ ही बारिश ने शहर को तरबतर तो किया, लेकिन इसके साथ ही सड़कों पर जलभराव और नालों में तेज बहाव ने खतरे को भी बढ़ा दिया। आटिया नाला, जहां यह हादसा हुआ, हर साल बारिश के मौसम में खतरे का सबब बन जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण हर बारिश में ऐसी घटनाएं सामने आती हैं। इस हादसे ने एक बार फिर प्रशासन के सामने जलभराव और सड़क सुरक्षा के मुद्दों को उजागर किया है।
परिवार में मातम, शहर में शोक की लहर
हरि भंडारी जोधपुर के व्यापारिक समुदाय में एक जाना-पहचाना नाम थे। उनकी अचानक मृत्यु ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे व्यापारिक समुदाय को सदमे में डाल दिया। परिवार के एक करीबी रिश्तेदार ने बताया, "हम जन्मदिन का जश्न मनाने आए थे, लेकिन यह हादसा हमारी जिंदगी का सबसे बड़ा दुख बन गया।" हादसे के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है, और स्थानीय लोग भी इस त्रासदी से स्तब्ध हैं।
प्रशासन पर सवाल, राहत कार्य में चुनौतियां
हादसे के बाद पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें लगातार लापता व्यक्ति संपत सिंह की तलाश में जुटी हैं। लेकिन नाले में तेज बहाव और गहरा पानी बचाव कार्य को और जटिल बना रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर सवाल उठाए हैं कि बारिश के मौसम में नालों और सड़कों की सफाई और सुरक्षा के लिए पहले से कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए। इस हादसे ने जोधपुर में बारिश से जुड़ी तैयारियों की कमी को फिर से उजागर किया है।
यह हादसा जोधपुर के लिए एक चेतावनी है कि मानसून के साथ आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर तैयारी और बुनियादी ढांचे की जरूरत है। प्रशासन को नालों की सफाई, सड़कों पर जलभराव की समस्या और खतरनाक रपटों पर चेतावनी बोर्ड लगाने जैसे कदम तुरंत उठाने होंगे। साथ ही, इस हादसे ने सड़क सुरक्षा और बारिश के दौरान वाहन चलाने की सावधानियों पर भी ध्यान देने की जरूरत को रेखांकित किया है।
फिलहाल, पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें लापता व्यक्ति की तलाश में जुटी हैं और इस हादसे के बाद प्रशासन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाएगा। यह त्रासदी न केवल एक परिवार का दुख है, बल्कि पूरे शहर के लिए एक सबक भी है।