जयपुर में दहेज की बर्बर मांग: 11 लाख रुपये न देने पर बेटी को चरित्रहीन ठहराने की धमकी, सगाई टूटने का खतरा

जयपुर के बस्सी थाना क्षेत्र में एक पिता ने शिकायत दर्ज कराई कि उनकी बेटी की 8 महीने पहले हुई सगाई के बाद वर पक्ष ने 11 लाख रुपये दहेज की मांग की। पैसे न देने पर बेटी को चरित्रहीन बताकर रिश्ता तोड़ने की धमकी दी गई।

Nov 11, 2025 - 12:37
जयपुर में दहेज की बर्बर मांग: 11 लाख रुपये न देने पर बेटी को चरित्रहीन ठहराने की धमकी, सगाई टूटने का खतरा

राजस्थान के जयपुर जिले में दहेज प्रथा का एक ऐसा काला अध्याय सामने आया है, जो समाज की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर रहा है। बस्सी थाना क्षेत्र में रहने वाले एक पिता ने अपनी बेटी की सगाई के आठ महीने बाद वर पक्ष द्वारा लगाई गई दहेज की जबरन मांग के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। वर पक्ष ने न केवल 11 लाख रुपये की मांग की है, बल्कि पैसे न देने पर लड़की को 'चरित्रहीन' बताकर रिश्ता तोड़ने और सामाजिक कलंक लगाने की खुली धमकी भी दी है। यह मामला न केवल दहेज विरोधी कानूनों की धज्जियां उड़ाने वाला है, बल्कि महिलाओं के सम्मान पर सीधा प्रहार भी करता नजर आता है।

घटना की पूरी समयरेखा: सगाई से धमकी तक का सफर यह घटना बस्सी थाना क्षेत्र के एक साधारण परिवार से जुड़ी है, जहां सामाजिक रीति-रिवाजों के तहत लगभग आठ महीने पहले लड़की पक्ष ने वर पक्ष के साथ सगाई का आयोजन किया था। सगाई के अवसर पर लड़की के परिवार ने वर पक्ष के लिए करीब 1 लाख रुपये का खर्चा वहन किया था, जिसमें उपहार, भोजन और अन्य व्यवस्थाएं शामिल थीं। यह खर्चा पारंपरिक रूप से लड़की पक्ष द्वारा ही किया जाता है, लेकिन इसके बदले परिवार ने कभी ऐसी कठोर मांग की कल्पना भी नहीं की थी।सगाई के बाद लगभग पांच महीने बीत चुके थे, जब लड़की के पिता ने वर पक्ष से शादी का शुभ मुहूर्त निकलवाने के लिए संपर्क किया। सामान्य परिस्थितियों में यह एक खुशी भरा कदम होता, लेकिन वर पक्ष का जवाब सदमे से भरा था। उन्होंने साफ-साफ कहा, "शादी के लिए 11 लाख रुपये देने होंगे।" इतना ही नहीं, जब पिता ने इस मांग पर सवाल उठाए, तो वर पक्ष ने धमकी भरे लहजे में कहा, "अगर पैसे नहीं दिए, तो हम तुम्हारी बेटी को चरित्रहीन साबित करके रिश्ता तोड़ देंगे। हम शादी कभी नहीं होने देंगे।"यह धमकी न केवल आर्थिक शोषण का प्रतीक है, बल्कि लड़की के सम्मान को तार-तार करने की कोशिश भी है। पिता ने बताया कि वर पक्ष ने फोन पर और मैसेज के जरिए बार-बार यह दबाव बनाया, जिससे पूरा परिवार मानसिक रूप से तनावग्रस्त हो गया। लड़की की मां ने रोते हुए कहा, "हमारी बेटी ने कभी किसी का बुरा नहीं सोचा, फिर भी उन्हें इस तरह बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। यह सिर्फ पैसे की लालच नहीं, बल्कि समाज में लड़कियों को दबाने का तरीका है।"

पुलिस कार्रवाई: FIR दर्ज, जांच शुरू पीड़ित पिता ने सहनशक्ति की सीमा पार होते ही बस्सी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत मामला संज्ञान में लेते हुए वर पक्ष के खिलाफ दहेज प्रतिषेध अधिनियम (Dowry Prohibition Act, 1961) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं—जैसे धारा 498A (पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता) और धारा 506 (आपराधिक धमकी)—के तहत FIR दर्ज की है। एसएचओ बस्सी ने बताया, "शिकायत प्राप्त होते ही हमने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। वर पक्ष के सदस्यों को नोटिस जारी किए गए हैं। यदि दोष सिद्ध हुआ, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम पीड़ित परिवार को पूर्ण सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करेंगे।"पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि सगाई के समय कोई लिखित समझौता नहीं था, लेकिन मौखिक सहमति के आधार पर रिश्ता तय हुआ था। वर पक्ष के दावों की पड़ताल की जा रही है, जिसमें यह भी जांचा जा रहा है कि क्या उन्होंने पहले से ही दहेज की योजना बनाई थी। फिलहाल, वर पक्ष ने कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार वे दबाव में हैं।

दहेज प्रथा का काला सच: आंकड़ों में झलक यह घटना राजस्थान में दहेज संबंधी अपराधों की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, 2024 में राजस्थान में दहेज से जुड़े मामलों में 15% की वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें जयपुर जैसे शहरी क्षेत्र सबसे आगे हैं। सामाजिक दबाव और आर्थिक असमानता के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। महिला आयोग की सदस्य ने कहा, "दहेज न केवल अपराध है, बल्कि यह लिंग भेदभाव का रूप है। हमें जागरूकता अभियानों को तेज करना होगा।"