AI के जाल में फंसी मासूम जिंदगी: बेटी और मां को रे*प की धमकी, हर दिल से जुड़ा ये दर्द
एक 10वीं की छात्रा की हंसी ऑनलाइन गेमिंग में फंसी, जहां AI से बने अश्लील वीडियो ने उसे और उसके पिता को बदनाम किया। दो आरोपियों ने रेप की धमकियों और ब्लैकमेल से उसकी जिंदगी नर्क बना दी। डिप्रेशन में डूबी बेटी का राज मां ने खोला, पुलिस ने जाल बिछाया, और कोर्ट ने सजा सुनाई। पर क्या यह अंत है? या हर घर के लिए एक चेतावनी, कि तकनीक का साया कितना खतरनाक हो सकता है?

राजस्थान की राजधानी जयपुर के मानसरोवर इलाके में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दुरुपयोग कर एक 10वीं कक्षा की छात्रा और उसके पिता का अश्लील वीडियो बनाया गया। इस मामले में दो आरोपी, एक नाबालिग स्कूल छात्र और दूसरा 20 वर्षीय कॉलेज छात्र वंश राणा, गिरफ्तार किए गए हैं। दोनों ने न केवल फर्जी वीडियो बनाकर छात्रा को ब्लैकमेल किया, बल्कि उसे और उसकी मां को रेप की धमकी भी दी।
शिप्रापथ थाने में 19 अप्रैल 2025 को पीड़िता की मां ने पॉक्सो और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया। एफआईआर के अनुसार, पीड़िता, जो 10वीं कक्षा की छात्रा है, ऑनलाइन गेमिंग के दौरान आरोपियों से परिचित हुई थी। दोनों पक्षों ने इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर संपर्क नंबर साझा किए और कई इंस्टाग्राम ग्रुप्स में शामिल हो गए।
16 अप्रैल को एक लाइव चैट के दौरान, जब पीड़िता ने एक अन्य लड़की का पक्ष लेते हुए आरोपी को तमीज से बात करने की सलाह दी, तो नाबालिग आरोपी ने अपने साथी वंश राणा के साथ मिलकर उसे गाली-गलौच और अश्लील मैसेज भेजने शुरू कर दिए। आरोपियों ने पीड़िता और उसकी मां को रेप की धमकी दी और अश्लील फोटो-वीडियो की मांग की।
AI का दुरुपयोग और ब्लैकमेलिंग
आरोपियों ने पीड़िता की इंस्टाग्राम प्रोफाइल से चुराए गए फोटो का उपयोग कर AI तकनीक से उसके और उसके पिता के साथ अश्लील वीडियो बनाया। इस वीडियो को इंस्टाग्राम रील पर शेयर करते हुए पीड़िता और उसके पिता को टैग कर आपत्तिजनक दावे किए गए। लगातार धमकियों और ब्लैकमेलिंग के कारण पीड़िता डिप्रेशन में चली गई, उसने स्कूल और कोचिंग जाना बंद कर दिया।
पीड़िता की मां ने उसकी बिगड़ती मानसिक स्थिति को देखकर उसका मोबाइल फोन चेक किया, जिससे पूरे मामले का खुलासा हुआ। मां ने पुलिस को वीडियो और आपत्तिजनक मैसेज के सबूत सौंपे।
पुलिस की कार्रवाई
शिप्रापथ थाना प्रभारी राजेंद्र गोदारा के नेतृत्व में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। पीड़िता की इंस्टाग्राम आईडी से आरोपियों की फर्जी आईडी ट्रेस की गईं। मेटा कंपनी से डेटा प्राप्त कर साइबर और टेक्निकल टीम की मदद से आरोपियों के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी का पता लगाया गया।
जांच में सामने आया कि चार फर्जी इंस्टाग्राम आईडी दिल्ली, पंजाब और गुजरात से संचालित हो रही थीं। आईपी एड्रेस और मोबाइल नंबर के दस्तावेजों के आधार पर पुलिस ने पहले जालोर और फिर गुजरात के वापी में नाबालिग आरोपी को 18 मई को गिरफ्तार किया। दूसरा आरोपी, वंश राणा, 7 जून को दिल्ली से पकड़ा गया।
कोर्ट का फैसला
पॉक्सो कोर्ट के जज तिरुपति कुमार गुप्ता ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। नाबालिग आरोपी को 3 जून को किशोर न्याय बोर्ड ने बाल सुधार गृह भेज दिया, जबकि वंश राणा 26 जून तक जेल में है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि नाबालिग को जमानत देने से उसका नैतिक और मनोवैज्ञानिक विकास खतरे में पड़ सकता है। साथ ही, इससे पीड़िता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और न्याय का उद्देश्य विफल होगा।
आरोपियों का बैकग्राउंड
पुलिस जांच में पता चला कि नाबालिग आरोपी ने ही पीड़िता के नाम से आपत्तिजनक इंस्टाग्राम ग्रुप बनाया और अश्लील सामग्री पोस्ट की, जिसे वंश राणा ने अपने अकाउंट से शेयर किया। नाबालिग के पिता गुजरात में कपड़ा व्यवसायी हैं। पिछले साल 10वीं में 90% अंक लाने वाला यह छात्र इस बार केवल 50% अंक ही ला सका, क्योंकि वह दिनभर मोबाइल पर व्यस्त रहता था। इसी तरह, वंश राणा, जो ग्रेजुएशन कर रहा है, मोबाइल की लत के कारण पढ़ाई में कमजोर हो गया था।