बीसलपुर बांध ने रचा इतिहास 2025 में 22 साल का हर रिकॉर्ड तोड़ा 3 बार डैम भर गया.
बीसलपुर बांध ने 2025 में 8 रिकॉर्ड ध्वस्त किए! 136.9 TMC पानी छोड़ा – डैम 3½ बार भर सकता था। 100 दिन से ज्यादा गेट खुले, अभी भी 1500 क्यूसेक बह रहा। जुलाई में पहली बार गेट खुले, अक्टूबर-नवंबर में फिर खुल गए। जयपुर-अजमेर-टोंक की 1 करोड़+ आबादी को अगले साल भी पानी पक्का। 83 हजार हेक्टेयर खेत हरे, 6 करोड़ की मछली कमाई। प्रकृति + इंजीनियरिंग का कमाल!
जयपुर/टोंक. राजस्थान की लाइफलाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध ने इस मानसून सीजन में कमाल कर दिया। जुलाई से शुरू हुई भारी बारिश की वजह से बांध न सिर्फ जल्दी लबालब भर गया, बल्कि अब तक का सबसे ज्यादा पानी छोड़ने का कीर्तिमान स्थापित कर दिया। गुरुवार (6 नवंबर) को पानी निकासी का 100वां दिन पूरा हो गया और अभी भी एक गेट 25 सेंटीमीटर खुला है, जिससे 1500 क्यूसेक पानी बनास नदी में जा रहा है। कुल मिलाकर अब तक 136.9 TMC पानी की निकासी हो चुकी है – इतना पानी कि बांध की पूरी क्षमता (लगभग 38-40 TMC) को तीन बार से ज्यादा भर सके!बांध के इतिहास (2004 से अब तक) में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक सीजन में इतने लंबे समय तक गेट खुले रहें। पहले सबसे ज्यादा 2019 में 64 दिन गेट खुले थे, लेकिन इस बार 90 दिन लगातार निकासी के बाद अक्टूबर में बंद हुए गेट नवंबर में फिर खुल गए। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह सब तेज बारिश और कैचमेंट एरिया में लगातार पानी की आवक की वजह से संभव हुआ।
इस साल टूटे 8 बड़े रिकॉर्ड
सबसे जल्दी पूर्ण भराव: पहली बार जुलाई में ही 315.50 RL मीटर तक लेवल पहुंचा।
जुलाई में गेट ओपन: इतिहास में पहली बार जुलाई (24 जुलाई) को गेट खोलकर पानी छोड़ा।
अधिकतम गेट एक साथ: एक बार में 8 गेट खोले गए।
90 दिन लगातार निकासी: 24 जुलाई से 21 अक्टूबर तक बिना रुके।
अक्टूबर में दोबारा गेट ओपन: 28 अक्टूबर को फिर शुरू, पहली बार लास्ट वीक में।
नवंबर में भी जारी: पहली बार नवंबर में गेट खुले और पानी बहता रहा।
100+ दिन गेट खुले: 100वां दिन 6 नवंबर को, अभी 101वें दिन भी जारी।
सबसे ज्यादा निकासी: 136.9 TMC (2016 का रिकॉर्ड 134.238 TMC टूटा)।
साल दर साल निकासी का रिकॉर्ड
2004: 26.18 TMC
2006: 43.25 TMC
2014: 11.202 TMC
2016: 134.238 TMC
2019: 93.605 TMC
2022: 13.246 TMC
2024: 31.433 TMC
2025: 136.9 TMC+ (जारी)
कैसे हुई रिकॉर्ड बारिश?
जुलाई में मानसून जोरदार आया। कैचमेंट में लगातार वर्षा से आवक बढ़ी। अक्टूबर अंत में फिर बारिश हुई तो गेट दोबारा खुल गए – 28 को 1, 30 को 2 गेट। नवंबर में आवक कम हुई, लेकिन लेवल मेंटेन रखने के लिए एक गेट अब भी खुला है। डाउनस्ट्रीम में ईसरदा बांध के भी गेट खुल रहे हैं, बनास नदी में तेज बहाव अलर्ट जारी।
अधिकारियों का बयान
बीसलपुर प्रोजेक्ट के XEN मनीष बंसल और JE दिनेश बैरवा बोले, "बांध पूरी तरह सुरक्षित है। लेवल कंट्रोल के लिए नियंत्रित निकासी जारी। यह खुशहाली की बारिश का नतीजा है, जो किसानों-पशुपालकों के लिए वरदान साबित होगा।"
आमजन के लिए खुशखबरी
बांध का लगातार भरा रहना मतलब अगले साल भी पेयजल और सिंचाई की कोई दिक्कत नहीं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जुलाई में गेट खुलते समय कहा था, "श्री गिरिराज जी की कृपा से खुशहाली की वर्षा। वंदे गंगा अभियान से जल संरक्षण मजबूत होगा।"बीसलपुर की यह कहानी राजस्थान के जल प्रबंधन की मिसाल है। बारिश थमने के बावजूद बांध की जलधारा जारी – प्रकृति और इंसानी मेहनत का परफेक्ट मेल!