बाड़मेर: प्रेम संबंधों की आग में जलकर टैंक में कूदी प्रेमी जोड़ा, युवती की दर्दनाक मौत; युवक जिंदगी-मौत से जूझ रहा
बाड़मेर के चौहटन क्षेत्र में शादीशुदा प्रेमी-प्रेमिका डूंगराराम (25) और लक्ष्मी (20) दो दिन गायब रहने के बाद पानी के टैंक में कूद गए। ग्रामीणों ने निकाला तो युवती की मौत हो गई, युवक गंभीर रूप से घायल है। अवैध प्रेम संबंध और सामाजिक दबाव को घटना का मुख्य कारण माना जा रहा है।
बाड़मेर, 3 दिसंबर 2025: राजस्थान के बाड़मेर जिले के चौहटन थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना ने इलाके को सन्नाटे में डुबो दिया है। लव अफेयर के जाल में फंस चुके एक शादीशुदा युवक और एक विवाहित युवती ने कथित तौर पर आत्महत्या का प्रयास किया। दोनों ने बुधवार सुबह करीब 8:30 बजे अमरावास कोनरा गांव के एक पानी के टैंक में कूदकर अपनी जान देने का मन बना लिया। ग्रामीणों की तत्परता से दोनों को टैंक से बाहर निकाला गया, लेकिन युवती की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि युवक की हालत गंभीर बनी हुई है। उसे प्राथमिक उपचार के बाद बाड़मेर के महात्मा गांधी अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
घटना का पूरा विवरण: दो दिनों की गुमशुदगी के बाद टूटा सब्र घटना अमरावास कोनरा गांव की है, जो बाड़मेर जिले के चौहटन तहसील में स्थित एक छोटा-सा ग्रामीण इलाका है। यहां के निवासी डूंगराराम (उम्र 25 वर्ष) और लक्ष्मी (उम्र 20 वर्ष) के बीच लंबे समय से प्रेम संबंध चल रहे थे। डूंगराराम अमरावास कोनरा गांव का ही रहने वाला है, जबकि लक्ष्मी आटिया गांव की निवासी है। दोनों ही विवाहित हैं—डूंगराराम की शादी को कुछ वर्ष हो चुके थे, वहीं लक्ष्मी की भी शादी हो चुकी थी। परिजनों के अनुसार, दोनों के बीच का यह अवैध प्रेम संबंध समाजिक दबाव और पारिवारिक विरोध के कारण तनाव का शिकार हो गया था।पिछले दो दिनों से दोनों लापता थे। सोमवार रात से ही लक्ष्मी अपने घर से गायब हो गई थी, जबकि डूंगराराम भी मंगलवार सुबह से नजर नहीं आया। परिजनों ने दोनों के मोबाइल फोन बंद होने पर चिंता जताई और आसपास तलाश शुरू कर दी। लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि दोनों ने एक साथ कदम उठाने का फैसला कर लिया है। बुधवार सुबह जब ग्रामीण टैंक के पास से गुजर रहे थे, तो उन्होंने देखा कि युवती और युवक टैंक में कूदने की कोशिश कर रहे हैं। चीख-पुकार मचाने पर कुछ ग्रामीणों ने फौरन डुबकी लगाकर दोनों को बाहर निकाला।लक्ष्मी को बचाने की सारी कोशिशें नाकाम रहीं। वह पानी में डूबने से पहले ही बेहोश हो चुकी थी, और मौके पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दूसरी ओर, डूंगराराम को स्थानीय स्तर पर सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देकर होश में लाया गया, लेकिन उसकी सांसें कमजोर थीं। चौहटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद उसे बाड़मेर के जिला अस्पताल भेज दिया गया, जहां वह वेंटिलेटर पर है। डॉक्टरों के मुताबिक, युवक की हालत नाजुक बनी हुई है, और अगले 24 घंटे उसके लिए निर्णायक होंगे।
पुलिस की तत्परता: जांच शुरू, परिजनों पर सवाल सूचना मिलते ही चौहटन थाना प्रभारी ने अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए। पुलिस ने युवती के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए चौहटन अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया। प्रारंभिक जांच में यह साफ हो गया है कि यह प्रेम प्रसंग से उपजी त्रासदी है। दोनों के परिजनों से पूछताछ की जा रही है, और यह पता लगाया जा रहा है कि क्या कोई बाहरी दबाव या धमकी का कारक था। थाना प्रभारी ने बताया, "दोनों दो दिनों से लापता थे। ग्रामीणों की सतर्कता ने कम से कम एक जान तो बचा ली। हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, और युवक के बयान पर भी नजर रखी जा रही है।"ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में ऐसे प्रेम संबंध अक्सर समाजिक कलंक का शिकार हो जाते हैं। एक बुजुर्ग निवासी ने कहा, "ये दोनों बच्चे थे, लेकिन परिवार और समाज का दबाव इतना बढ़ गया कि उन्होंने यह कदम उठा लिया। हमें और जागरूकता फैलानी होगी।"
पृष्ठभूमि: प्रेम के बंधन में बंधा जोड़ा, लेकिन समाज की दीवारें ऊंची डूंगराराम एक मजदूर परिवार से ताल्लुक रखता है और गांव में छोटे-मोटे काम करता है। उसकी शादी तीन वर्ष पूर्व हुई थी, लेकिन वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं था। लक्ष्मी, जो आटिया गांव की रहने वाली है, हाल ही में विवाहित हुई थी। दोनों की मुलाकात स्थानीय बाजार या सामाजिक आयोजनों के दौरान हुई थी, जो धीरे-धीरे प्रेम में बदल गई। परिजनों को जब इसकी भनक लगी, तो उन्होंने सख्ती बरतनी शुरू कर दी। गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने की बजाय परिजन खुद तलाश में जुटे रहे, लेकिन अंत में यह दुखद अंत हो गया।यह घटना बाड़मेर जैसे रूढ़िवादी इलाके में प्रेम संबंधों की जटिलताओं को उजागर करती है। पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं, जहां युवा जोड़े समाजिक दबाव में कट्टर कदम उठा लेते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि काउंसलिंग और जागरूकता अभियान ऐसे मामलों को रोक सकते हैं।