राजस्थान में बदमाशों के 'इंटरव्यू' लेकर चलाने वाला कॉर्पोरेट गैंग: 64 सदस्य एक्टिव; कांस्टेबल पर जानलेवा हमला समेत 12 मामलों में वांटेड आरोपी गिरफ्तार

राजस्थान के बाड़मेर में पुलिस ने कुख्यात अपराधी अजय सिंह निवासी दुधवा (30) को गिरफ्तार किया, जो 'कॉर्पोरेट गैंग' का प्रमुख था। यह गैंग सदस्यों की भर्ती के लिए इंटरव्यू लेता था और वसूली, हत्या की धमकी जैसे अपराध करता था। आरोपी पर 12 मामले दर्ज हैं, जिसमें कांस्टेबल पर हमला शामिल है। छापेमारी में पिस्टल, तमंचे, नकदी और गैंग दस्तावेज जब्त हुए। गैंग के 64 सदस्य राज्य में सक्रिय हैं, पुलिस आगे कार्रवाई करेगी।

Nov 2, 2025 - 12:13
राजस्थान में बदमाशों के 'इंटरव्यू' लेकर चलाने वाला कॉर्पोरेट गैंग: 64 सदस्य एक्टिव; कांस्टेबल पर जानलेवा हमला समेत 12 मामलों में वांटेड आरोपी गिरफ्तार

बाड़मेर, 2 नवंबर 2025:

राजस्थान पुलिस ने एक सनसनीखेज गिरफ्तारी को अंजाम दिया है, जिसमें एक कुख्यात अपराधी को उसके लंबे समय से सक्रिय 'कॉर्पोरेट गैंग' के प्रमुख के रूप में पकड़ा गया। यह गैंग बदमाशों को भर्ती करने के लिए 'इंटरव्यू' प्रक्रिया अपनाता था, जो किसी संगठित अपराध सिंडिकेट की तरह काम करता था। गिरफ्तार आरोपी पर कांस्टेबल पर जानलेवा हमला करने के अलावा कुल 12 आपराधिक मामलों में वॉरंटेड था। पुलिस के अनुसार, यह गैंग वर्तमान में 64 सक्रिय सदस्यों के साथ राज्य के विभिन्न जिलों में सक्रिय है और संगठित अपराधों में लिप्त रहा है।

आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी का विवरण: गिरफ्तार आरोपी का नाम अजय सिंह निवासी दुधवा (उम्र 30 वर्ष) बताया जा रहा है, जो बाड़मेर जिले के दुधवा गांव का निवासी है। वह पिछले कई वर्षों से अपराध की दुनिया में सक्रिय था और अपने गैंग को एक 'कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर' में चलाता था। पुलिस को मुखबिरों से गुप्त सूचना मिली थी कि अजय सिंह बाड़मेर के निकटवर्ती जंगलों में अपने साथियों के साथ छिपा हुआ है और नई भर्ती की योजना बना रहा था। बाड़मेर पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने 25 हजार इनामी बदमाश अजय सिंह को धर दबोचा। उसके पास से मिले दस्तावेजों में गैंग के सदस्यों की 'प्रोफाइल' और 'इंटरव्यू रिकॉर्ड' भी जब्त किए गए, जो इस संगठन की पेशेवरता को दर्शाते हैं।

'कॉर्पोरेट गैंग' की अनोखी कार्यप्रणाली:  पुलिस जांच के अनुसार, अजय सिंह का यह गैंग किसी पारंपरिक गुंडा गिरोह से अलग था। वह संभावित सदस्यों का चयन करने के लिए एक व्यवस्थित 'इंटरव्यू' प्रक्रिया अपनाता था, जिसमें उम्मीदवारों से उनके अपराधी बैकग्राउंड, हथियार चलाने की क्षमता, वफादारी और 'टास्क हैंडलिंग' स्किल्स की जांच की जाती थी। सफल उम्मीदवारों को 'ट्रेनिंग सेशन' दिए जाते थे, जिसमें अपराध की योजना, भागने की तकनीकें और पुलिस से बचाव के गुर सिखाए जाते। गैंग के 64 सक्रिय सदस्य विभिन्न जिलों जैसे बालोतरा जैसलमेर ओर जोधपुर  में बंटे हुए हैं। ये सदस्य मुख्य रूप से वसूली, जबरन जमीन हड़पना, हत्या की धमकी, अवैध शराब तस्करी और पुलिसकर्मियों पर हमले जैसे अपराधों में लिप्त रहते हैं। अजय सिंह खुद को गैंग का 'सीईओ' बताता था और सदस्यों को 'मासिक सैलरी' के रूप में हिस्सा बांटता था। पुलिस ने खुलासा किया कि गैंग ने डिजिटल तरीके से भी काम किया, जिसमें एन्क्रिप्टेड ऐप्स पर मीटिंग्स और पेमेंट ट्रांसफर शामिल थे।

आपराधिक इतिहास: 12 मामलों में वॉरंटेड:   अजय सिंह पर कुल 12 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख है 2023 में बाड़मेर के एक कांस्टेबल पर जानलेवा हमला। उस घटना में अजय सिंह  और उसके साथियों ने एक पुलिस चेकपोस्ट पर हमला बोल दिया था, जिसमें कांस्टेबल को गंभीर चोटें आईं थीं। इसके अलावा, उसके खिलाफ हत्या के प्रयास, लूटपाट, जबरन वसूली, अवैध हथियार रखने और संगठित अपराध के तहत IPC की धारा 302, 307, 395 और MCOCA  जैसी धाराओं में केस दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, अजय सिंह ने अपने गैंग के जरिए कम से कम 5 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की है, जो विभिन्न अपराधों से अर्जित हुई। वह कई बार जेल से फरार हो चुका था और फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल करता था।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की योजना:  पुलिस ने बताया कि यह गिरफ्तारी हमारे लिए एक बड़ी सफलता है। अजय सिंह जैसे अपराधी राज्य की कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रहे थे। हम गैंग के बाकी 64 सदस्यों को चिह्नित कर चुके हैं और जल्द ही इन्हें भी दबोचेंगे। इंटरव्यू प्रक्रिया के दस्तावेजों से हमें नई लीड्स मिली हैं।" पुलिस ने आरोपी को 7 दिनों की रिमांड पर लिया है, जिसमें गैंग के नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा, राजस्थान पुलिस ने राज्यव्यापी अभियान शुरू करने की घोषणा की है, जिसमें ऐसे 'कॉर्पोरेट स्टाइल' गैंग्स पर नकेल कसी जाएगी। मुखबिर नेटवर्क को मजबूत करने और साइबर फॉरेंसिक जांच पर जोर दिया जा रहा है।