बाहुबली की दहाड़ से गूंजेगा अंतरिक्ष भारत लॉन्च करेगा अपना सबसे भारी संचार उपग्रह CMS-03, नौसेना की ताकत बनेगा नया हथियार.
इसरो आज शाम 5:26 बजे श्रीहरिकोटा से LVM3-M5 ('बाहुबली') रॉकेट द्वारा 4,410 किग्रा वजनी CMS-03 (GSAT-7R) संचार उपग्रह लॉन्च करेगा। यह भारत का अब तक का सबसे भारी घरेलू रॉकेट से प्रक्षेपित उपग्रह है, जो भारतीय नौसेना की समुद्री संचार और निगरानी क्षमता को मजबूत करेगा। मिशन आत्मनिर्भरता का प्रतीक है और लाइव इसरो यूट्यूब व डीडी नेशनल पर देखा जा सकता है।
नई दिल्ली/श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज इतिहास के पन्नों में एक नया स्वर्णिम अध्याय जोड़ने जा रहा है। शाम 5:26 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से 'बाहुबली' के नाम से मशहूर LVM3-M5 रॉकेट गरजेगा और 4,410 किलोग्राम वजनी CMS-03 (जिसे GSAT-7R भी कहा जा रहा है) उपग्रह को भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (GTO) में स्थापित करेगा। यह इसरो का अब तक का सबसे भारी संचार उपग्रह है, जो भारतीय नौसेना की समुद्री निगरानी और संचार क्षमताओं को आसमान छूने वाली ऊंचाई देगा।
मिशन की पूरी डिटेल: क्या है खास?
उपग्रह की ताकत: CMS-03 एक मल्टी-बैंड संचार उपग्रह है, जो भारतीय भूभाग, द्वीपसमूह और हिंद महासागर क्षेत्र में हाई-स्पीड डेटा ट्रांसफर, वॉयस कम्युनिकेशन और रियल-टाइम निगरानी सुनिश्चित करेगा। नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और ड्रोन से सीधा संपर्क मजबूत होगा, जिससे दुश्मन की हर गतिविधि पर पैनी नजर रहेगी। हालांकि इसरो ने रक्षा उपयोग की आधिकारिक पुष्टि नहीं की, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह नौसेना का सबसे उन्नत स्पेस-बेस्ड नेटवर्किंग टूल साबित होगा।
रॉकेट का पराक्रम: 43.5 मीटर लंबा LVM3-M5 तीन चरणों वाला दैत्य है – दो सॉलिड बूस्टर (S200), लिक्विड कोर स्टेज (L110) और क्रायोजेनिक अपर स्टेज (C25)। इसकी लिफ्टिंग पावर 4 टन तक की है, जो भारत को भारी उपग्रहों के लिए पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाती है। यह इस रॉकेट की पांचवीं ऑपरेशनल उड़ान होगी, जिसने पहले चंद्रयान-3 की सफल चंद्र लैंडिंग में अहम भूमिका निभाई थी।
ऐतिहासिक उपलब्धि: पहले ऐसे भारी उपग्रहों के लिए इसरो फ्रेंच गुयाना के एरियन रॉकेट पर निर्भर था। अब LVM3 की बदौलत भारत खुद के दम पर 4,000 किग्रा+ उपग्रह GTO में पहुंचा सकेगा। इससे पहले सबसे भारी GSAT-11 (5,854 किग्रा) को 2018 में एरियन-5 से लॉन्च किया गया था, लेकिन CMS-03 घरेलू रॉकेट से सबसे वजनी भारतीय पेलोड बनेगा।
कब और कहां देखें लाइव?
समय: रविवार, 2 नवंबर 2025, शाम 5:26 बजे (IST)।
लाइव स्ट्रीम: इसरो के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल (@ISRO) पर फुल HD में देखें। साथ ही डीडी नेशनल टीवी पर भी प्रसारण होगा। मिशन की हर सेकंड की अपडेट – रॉकेट की उड़ान, स्टेज सेपरेशन से लेकर उपग्रह की ऑर्बिट इंजेक्शन तक – लाइव दिखाई जाएगी।
क्यों है यह मील का पत्थर?
यह मिशन न सिर्फ तकनीकी स्वावलंबन का प्रतीक है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी बूस्ट देगा। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती सक्रियता के बीच नौसेना की 'ब्लू वॉटर' क्षमता मजबूत होगी। इसरो के वैज्ञानिकों ने प्री-लॉन्च टेस्ट पूरे कर लिए हैं – रॉकेट और उपग्रह को दूसरे लॉन्च पैड पर इंटीग्रेट कर दिया गया है।भारत का अंतरिक्ष सफर अब रुकने वाला नहीं!