बाड़मेर में ऑपरेशन सिंदूर के बाद हाई अलर्ट: स्कूल-आंगनवाड़ी बंद, परीक्षाएं स्थगित, मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट से बढ़ी सतर्कता

बाड़मेर जिले में ऑपरेशन सिंदूर के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से जिला कलेक्टर टीना डाबी ने सभी सरकारी और निजी विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों में आगामी आदेश तक अवकाश घोषित किया। सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं।

May 8, 2025 - 08:15
May 8, 2025 - 08:17
बाड़मेर में ऑपरेशन सिंदूर के बाद हाई अलर्ट: स्कूल-आंगनवाड़ी बंद, परीक्षाएं स्थगित, मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट से बढ़ी सतर्कता

बाड़मेर, 8 मई 2025: भारत-पाकिस्तान सीमा के नजदीक बसे बाड़मेर जिले में ऑपरेशन सिंदूर के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। जिला कलेक्टर टीना डाबी ने राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों में आगामी आदेश तक अवकाश घोषित कर दिया है। साथ ही, जिले में होने वाली सभी परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं। यह निर्णय ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद उपजे तनाव और राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए लिया गया है।

7 मई को पहला आदेश, फिर बढ़ाई सख्ती

जिला कलेक्टर टीना डाबी ने 7 मई को सुबह पहला आदेश जारी किया था, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों के चलते जिले के सभी राजकीय और गैर-राजकीय विद्यालयों में एक दिन का अवकाश घोषित किया गया था। इस दौरान सभी परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई थीं। उसी दिन बाड़मेर में राष्ट्रीय सुरक्षा को परखने के लिए मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों को जांचना था। मॉक ड्रिल के दौरान प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने और सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की थी।

हालांकि, मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट के बाद देर रात जिला कलेक्टर ने एक और महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। नए आदेश में अवकाश की अवधि को बढ़ाते हुए सभी सरकारी, गैर-सरकारी विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों को आगामी आदेश तक बंद रखने का निर्देश दिया गया। इस कदम से जिले में सुरक्षा को लेकर गंभीरता और सतर्कता का माहौल साफ दिखाई दे रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर और बाड़मेर की स्थिति

ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की ओर से 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था। 6-7 मई की रात को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक एयर स्ट्राइक की, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के गढ़ों को निशाना बनाया गया। इस कार्रवाई में अनुमानित 80 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए।

चूंकि बाड़मेर भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब है, इस ऑपरेशन के बाद सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। पंजाब और जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ राजस्थान के बाड़मेर, बीकानेर और गंगानगर जैसे सीमावर्ती जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और हाई अलर्ट जारी है। बाड़मेर में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट का आयोजन भी इसी सतर्कता का हिस्सा था, जो अमृतसर जैसे अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में भी देखा गया।

जिला कलेक्टर का बयान

जिला कलेक्टर टीना डाबी ने अपने बयान में कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर बाड़मेर जिले में सभी राजकीय और गैर-राजकीय विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों में आगामी आदेश तक अवकाश घोषित किया गया है। यह निर्णय नागरिकों की सुरक्षा और आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी परीक्षाएं स्थगित की जा रही हैं और प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है।

मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट से सतर्कता

7 मई को बाड़मेर में आयोजित मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट का मकसद आपातकालीन परिस्थितियों में प्रशासन और नागरिकों की तैयारियों को परखना था। इस दौरान बिजली आपूर्ति को नियंत्रित किया गया और लोगों से घरों में रहने की अपील की गई। यह मॉक ड्रिल देशभर में सिविल डिफेंस वर्कर्स द्वारा किए गए अभ्यास का हिस्सा थी, जिसमें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी इसी तरह की गतिविधियां देखी गईं। मॉक ड्रिल के दौरान प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि यह केवल एक अभ्यास है, लेकिन नागरिकों से सावधानी बरतने का आग्रह किया गया। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ