रेप के दोषी आसाराम बापू को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ी राहत: मेडिकल आधार पर 6 महीने की जमानत, राजस्थान HC के फैसले पर निर्भर

रेप के दोषी आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट ने मेडिकल आधार पर 6 महीने की जमानत दी, राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाया गया, 86 वर्षीय आसाराम 13 साल से जेल में हैं।,

Nov 6, 2025 - 13:34
रेप के दोषी आसाराम बापू को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ी राहत: मेडिकल आधार पर 6 महीने की जमानत, राजस्थान HC के फैसले पर निर्भर

अहमदाबाद/जोधपुर, 6 नवंबर 2025:

वर्षों से जेल की सलाखों के पीछे रहने वाले विवादास्पद स्वयंभू संत आसाराम बापू को एक बार फिर न्यायिक राहत मिली है। गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को रेप मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 86 वर्षीय आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मेडिकल ग्राउंड्स के आधार पर 6 महीने की अंतरिम जमानत मंजूर कर दी। इस फैसले से आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल से बाहर रहने की अनुमति मिल गई है, लेकिन सशर्त। कोर्ट ने सजा को स्थगित करते हुए निर्देश दिया है कि वे इस अवधि में इलाज पर ध्यान दें और कोर्ट के आदेशों का पालन करें। यह निर्णय राजस्थान हाईकोर्ट के हालिया फैसले को आधार बनाकर लिया गया, जहां आसाराम को स्वास्थ्य आधार पर समान राहत दी गई थी।

कोर्ट में क्या हुआ: वकील के तर्क और फैसला गुजरात हाईकोर्ट की खंडपीठ ने आज आसाराम उर्फ आशुमल (86) की याचिका पर विस्तृत सुनवाई की। याचिका में मेडिकल आधार पर जमानत की मांग की गई थी। आसाराम के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कोर्ट में दलीलें पेश करते हुए कहा, "आसाराम 13 साल से जेल में बंद हैं। हिरासत प्रमाण पत्र के अनुसार, छूट सहित कुल 12 साल, 11 महीने और 27 दिन की सजा काट ली है, जबकि वास्तविक हिरासत अवधि 11 साल, 6 महीने और 3 दिन की है।" उन्होंने आगे जोड़ा कि उम्रदराज आसाराम को कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिनमें हृदय रोग, डायबिटीज, प्रोस्टेट की समस्या और मानसिक तनाव शामिल हैं। जेल में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाएं अपर्याप्त हैं, जिससे उनकी हालत बिगड़ रही है।वकील कामत ने राजस्थान हाईकोर्ट के हालिया फैसले का हवाला दिया, जहां 29 अगस्त 2025 को आसाराम की अंतरिम जमानत को मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर बढ़ाया गया था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी जनवरी 2025 में गुजरात रेप केस में 31 मार्च तक जमानत दी थी, जिसे बाद में विस्तारित किया गया। "उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए स्थायी जमानत की जरूरत है, लेकिन फिलहाल अंतरिम राहत दी जाए," कामत ने गुजारिश की।कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पेश वकील की दलीलों को सुना, जहां जमानत का विरोध किया गया। सरकार ने तर्क दिया कि आसाराम जैसे दोषी को जमानत देकर समाज में खतरा पैदा हो सकता है, लेकिन मेडिकल रिपोर्टों की जांच के बाद कोर्ट ने स्वास्थ्य आधार को प्राथमिकता दी। जस्टिस इलेश जे. वोरा और जस्टिस संदीप एन. भट्ट की बेंच में शुरुआत में मतभेद उभरा, लेकिन तीसरे जज की राय से फैसला 6 महीने की जमानत के पक्ष में हो गया। कोर्ट ने कहा, "मेडिकल आधार पर्याप्त है, लेकिन यह अंतिम विस्तार हो सकता है। अगली सुनवाई पर मेरिट पर विचार होगा।"इस फैसले से आसाराम को 6 महीने (लगभग 180 दिन) तक जेल से बाहर रहने की छूट मिली है। वे अपने आश्रम या निर्दिष्ट स्थान पर रह सकेंगे, लेकिन यात्रा प्रतिबंध, नियमित रिपोर्टिंग और इलाज की प्रगति रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।

आसाराम केस का पृष्ठभूमि: 2013 से चली आ रही कानूनी लड़ाई आसाराम बापू पर 2013 में गुजरात के एक नाबालिग लड़की से रेप का आरोप लगा था। यह घटना अहमदाबाद के निकट उनके आश्रम में हुई थी। सीबीआई कोर्ट ने 2023 में उन्हें दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा, राजस्थान के जोधपुर में 16 वर्षीय लड़की से रेप के मामले में भी 2018 से वे उम्रकैद काट रहे हैं। कुल मिलाकर, आसाराम पर कई यौन शोषण, हत्या और साजिश के केस दर्ज हैं।जेल में 11 साल से अधिक समय बिताने के बाद आसाराम ने कई बार जमानत की कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2025 में गुजरात केस में पहली अंतरिम जमानत दी, जिसे बाद में गुजरात और राजस्थान हाईकोर्ट ने विस्तारित किया। मार्च 2025 में गुजरात HC ने 3 महीने की जमानत दी, जून में इसे एक महीने बढ़ाया, जुलाई में फिर विस्तार और अगस्त में राजस्थान HC ने 29 अगस्त तक बढ़ाया। सितंबर में एक बार अस्वीकृति के बाद नवंबर में यह नया फैसला आया। कुल जमानत अवधि अब 6 महीने की हो गई है, जो राजस्थान HC के फैसले पर आधारित है।जमानत के बाद क्या?

 परिवार और अनुयायियों की प्रतिक्रिया;  जमानत मिलते ही आसाराम के परिवार और अनुयायी उत्साहित दिखे। जोधपुर के पाल गांव स्थित आश्रम में सेवादारों ने आतिशबाजी की और प्रार्थना सभाएं आयोजित कीं। आसाराम के बेटे नारायण साईं ने कहा, "पिताजी की सेहत के लिए यह राहत जरूरी थी। कोर्ट का फैसला न्यायपूर्ण है।" हालांकि, पीड़ित पक्ष के वकील राकेश अग्रवाल ने निराशा जताई: "यह अंतरिम है, लेकिन समाज के लिए खतरा। हम सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।"आसाराम अब आरोग्य हॉस्पिटल या आश्रम में इलाज करवाएंगे। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जमानत का दुरुपयोग होने पर इसे रद्द किया जा सकता है। अगली सुनवाई में मेडिकल रिपोर्ट और केस की मेरिट पर विचार होगा।