अमरनाथ यात्रा: जर्जर ट्रेन में बीएसएफ जवानों की यात्रा, रेलवे की लापरवाही से आहत देश का गौरव ...

अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए त्रिपुरा से जम्मू-कश्मीर जा रहे 1200 बीएसएफ जवानों को नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने 6 जून को जर्जर ट्रेन मुहैया कराई, जिसमें टूटे दरवाजे, गंदे टॉयलेट, और कॉकरोच थे। जवानों ने यात्रा से इनकार किया, जिसके बाद 10 जून को नई ट्रेन दी गई। रेल मंत्रालय ने चार अधिकारियों को निलंबित किया। यात्रा के लिए 42,000-58,000 सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे, जिसमें जैमर, फेस रिकग्निशन, ड्रोन, और पोनी वालों का सत्यापन जैसे सुरक्षा उपाय शामिल हैं।

Jun 11, 2025 - 19:27
अमरनाथ यात्रा: जर्जर ट्रेन में बीएसएफ जवानों की यात्रा, रेलवे की लापरवाही से आहत देश का गौरव ...

अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा ड्यूटी के लिए त्रिपुरा के उदयपुर से जम्मू-कश्मीर जाने वाले लगभग 1200 बीएसएफ जवानों को नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) ने एक विशेष ट्रेन मुहैया कराई थी। लेकिन ट्रेन की हालत इतनी खराब थी कि जवानों ने इसमें यात्रा करने से इनकार कर दिया। बीएसएफ ने रेलवे से जवानों की सुविधा के लिए AC-2 टियर के 2 कोच, AC-3 टियर के 2 कोच, 16 स्लीपर कोच और 4 जनरल/SLR कोच की मांग की थी।

ट्रेन का निरीक्षण बीएसएफ के कंपनी कमांडर ने किया, जिसमें कई खामियां सामने आईं। ट्रेन के डिब्बों का महीनों से इस्तेमाल नहीं हुआ था, जिसके कारण खिड़कियां और दरवाजे टूटे हुए थे। टॉयलेट्स की हालत अत्यंत गंदी थी, वॉश बेसिन गायब थे, और बिजली कनेक्शन नहीं था। सीटों पर गद्दियां उखड़ी हुई थीं, फर्श पर कॉकरोच घूम रहे थे, और कई डिब्बों में बल्ब तक नहीं थे। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में ट्रेन की जर्जर स्थिति स्पष्ट दिखाई दी।

बीएसएफ की कड़ी आपत्ति के बाद रेलवे ने त्वरित कार्रवाई की। 10 जून को एक नई ट्रेन मुहैया कराई गई, जिसमें जवानों की सुविधा और गरिमा का ध्यान रखा गया। इस मामले में रेल मंत्रालय ने चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया, जिनमें अलीपुरद्वार मंडल के कोचिंग डिपो अधिकारी और तीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर शामिल हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "देश की सुरक्षा में तैनात जवानों की गरिमा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है।" रेलवे ने इस घटना की आंतरिक जांच के आदेश भी दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।

अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम

अमरनाथ यात्रा 2025, जो 3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी, के लिए केंद्र सरकार ने अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस बार यात्रा की सुरक्षा के लिए 42,000 से 58,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे, जिनमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 581 कंपनियां शामिल हैं। इनमें से 424 कंपनियां जम्मू-कश्मीर में नई तैनाती होंगी, जबकि 156 कंपनियां पहले से ही 'ऑपरेशन सिन्दूर' के तहत वहां मौजूद हैं।

प्रमुख सुरक्षा उपाय:

  1. जैमर की तैनाती: पहली बार यात्रा के काफिले की सुरक्षा के लिए पहलगाम और बालटाल मार्ग पर जैमर लगाए जाएंगे। ये जैमर संदिग्ध संचार को ब्लॉक करेंगे और CAPF द्वारा संचालित होंगे।

  2. फेस रिकग्निशन सिस्टम (FRS): जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहलगाम रूट पर FRS स्थापित किया है, जो ब्लैक लिस्टेड व्यक्तियों और सक्रिय आतंकियों की पहचान कर सुरक्षा बलों को तुरंत अलर्ट करेगा।

  3. पोनी वालों का सत्यापन: श्रद्धालुओं को कंधे पर ले जाने वाले पोनी वालों और पिट्ठू सर्विस वालों का सत्यापन किया जाएगा। आपराधिक रिकॉर्ड वाले व्यक्तियों को अनुमति नहीं दी जाएगी।

  4. घोड़े-खच्चर की टैगिंग: यात्रा में उपयोग होने वाले घोड़े और खच्चरों को टैग किया गया है ताकि रूट से हटने पर उनकी रियल-टाइम ट्रैकिंग की जा सके।

  5. रोड ओपनिंग पार्टी और विशेष टीमें: रोड ओपनिंग पार्टियां (ROP) मार्गों को सुरक्षित करेंगी। क्विक एक्शन टीमें, बॉम्ब डिफ्यूजल स्क्वॉड, K9 यूनिट्स (प्रशिक्षित खोजी कुत्ते), और ड्रोन निगरानी यात्रा को सुरक्षित रखने के लिए तैनात होंगे।

  6. ग्राम रक्षा गार्ड (VDG) प्रशिक्षण: बीएसएफ ने अमरनाथ यात्रा से पहले VDG सदस्यों को आधुनिक हथियारों और सीमा सुरक्षा की विशेष ट्रेनिंग दी है, खासकर पाकिस्तान के लॉन्च पैड सक्रिय होने की खुफिया जानकारी के बाद।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया और सरकार पर हमला

कांग्रेस ने अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए बीएसएफ जवानों को जर्जर ट्रेन मुहैया कराए जाने की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने X पर कई पोस्ट के जरिए मोदी सरकार और रेल मंत्रालय की आलोचना की, इसे जवानों के अपमान और राष्ट्रवाद के खोखले दावों का प्रतीक बताया।

जर्जर ट्रेन की स्थिति और जवानों का विरोध

6 जून को नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे द्वारा त्रिपुरा से जम्मू-कश्मीर जा रहे 1200 बीएसएफ जवानों को दी गई ट्रेन की हालत बेहद खराब थी। टूटे दरवाजे, गंदे टॉयलेट और कॉकरोच के कारण जवानों ने यात्रा से इनकार कर दिया, जिसके बाद 10 जून को नई ट्रेन दी गई।

रेल मंत्रालय की कार्रवाई

घटना के बाद रेल मंत्रालय ने चार अधिकारियों को निलंबित किया। हालांकि, कांग्रेस ने इसे नाकाफी बताते हुए सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाए, खासकर जवानों की सुविधाओं की अनदेखी को लेकर।

अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा इंतजाम

यात्रा के लिए 42,000-58,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होगी, जिसमें जैमर, फेस रिकग्निशन, ड्रोन और पोनी वालों का सत्यापन जैसे सुरक्षा उपाय शामिल हैं। कांग्रेस ने इन उपायों के बावजूद जवानों के साथ हुए व्यवहार को शर्मनाक ठहराया।

सोशल मीडिया पर कांग्रेस का प्रहार

@INCIndia, @drshamamohd और @INCUttarPradesh जैसे कांग्रेस के आधिकारिक X हैंडल्स ने ट्रेन की खराब स्थिति को उजागर करते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा। पार्टी ने इसे भाजपा के पीआर-केंद्रित शासन और जवानों के प्रति लापरवाही का उदाहरण बताया।

यात्रा की पृष्ठभूमि और चुनौतियां

अमरनाथ यात्रा, जो 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बर्फ के शिवलिंग के दर्शन के लिए आयोजित होती है, हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। 2023 में 4.5 लाख और 2012 में रिकॉर्ड 6.35 लाख तीर्थयात्री शामिल हुए थे। हालांकि, अतीत में आतंकी हमलों के कारण यात्रा की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती रही है। इस बार, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी लॉन्च पैड के सक्रिय होने की खुफिया जानकारी ने सुरक्षा बलों को और सतर्क कर दिया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू में यात्रा की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की, जिसमें CRPF और BSF के महानिदेशकों ने भी हिस्सा लिया। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यात्रा मार्ग, श्रीनगर, और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में किसी भी खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह तैयार हों।

बीएसएफ जवानों को जर्जर ट्रेन उपलब्ध कराने की घटना ने रेलवे की लापरवाही को उजागर किया, लेकिन रेल मंत्रालय की त्वरित कार्रवाई और नई ट्रेन की व्यवस्था ने जवानों की गरिमा को बहाल किया। दूसरी ओर, अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए किए गए व्यापक सुरक्षा इंतजाम यह सुनिश्चित करेंगे कि लाखों श्रद्धालु सुरक्षित रूप से बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकें। जैमर, FRS, और ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों के साथ-साथ 58,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती इस यात्रा को अब तक की सबसे सुरक्षित यात्राओं में से एक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .