अजमेर पुलिस की धमाकेदार कार्रवाई, 15वीं बार अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कसा शिकंजा, एक महिला हिरासत में, अब तक 28 दस्तयाब

अजमेर पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ 15वीं बड़ी कार्रवाई में एक महिला को हिरासत में लिया। विशेष अभियान के तहत अब तक 28 घुसपैठियों को पकड़ा जा चुका है। दरगाह क्षेत्र और संवेदनशील इलाकों में छापेमारी तेज, 10,000 से अधिक लोगों की जांच। पुलिस फर्जी दस्तावेजों और घुसपैठ नेटवर्क की गहन जांच कर रही है। पकड़ी गई महिला को डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा। अभियान से अजमेर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हो रही है।

May 8, 2025 - 19:06
May 8, 2025 - 19:07
अजमेर पुलिस की धमाकेदार कार्रवाई, 15वीं बार अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कसा शिकंजा, एक महिला हिरासत में, अब तक 28 दस्तयाब

अजमेर, राजस्थान: अजमेर पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ अपनी ताबड़तोड़ कार्रवाई को जारी रखते हुए 15वीं बार बड़ी सफलता हासिल की है। इस बार पुलिस ने एक बांग्लादेशी महिला को हिरासत में लिया है, जो अवैध रूप से भारत में रह रही थी। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुए इस विशेष अभियान में अब तक 28 बांग्लादेशी घुसपैठियों को दस्तयाब किया जा चुका है। यह कार्रवाई न केवल अजमेर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर रही है, बल्कि अवैध घुसपैठ के नेटवर्क को ध्वस्त करने में भी अहम भूमिका निभा रही है।

अजमेर पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और स्थानीय पुलिस ने राजस्थान पुलिस मुख्यालय, जयपुर के निर्देश पर अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ सघन अभियान छेड़ रखा है। इस अभियान के तहत दरगाह क्षेत्र, तारागढ़ पहाड़ी, अंदरकोट, नई सड़क, और अन्य संवेदनशील इलाकों में लगातार छापेमारी की जा रही है। ताजा कार्रवाई में पुलिस ने एक बांग्लादेशी महिला को हिरासत में लिया, जिसके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं मिले। सूत्रों के अनुसार, यह महिला लंबे समय से अजमेर में खानाबदोश की तरह रह रही थी और अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा ले रही थी।

पुलिस की सतर्कता और रणनीति
अजमेर की पुलिस अधीक्षक (एसपी) वंदिता राणा के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस अभियान में विशेष टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें होटलों, धर्मशालाओं, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, ईंट भट्टों, कारखानों, और कच्ची बस्तियों में संदिग्धों की जांच कर रही हैं। एसपी राणा ने बताया कि पिछले पांच महीनों में लगभग 10,000 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है, जिसमें से 28 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है, और संदिग्धों के दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।

महिला घुसपैठिया की गिरफ्तारी का खुलासा
हालिया कार्रवाई में पकड़ी गई महिला की पहचान अभी गोपनीय रखी गई है, लेकिन पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वह बांग्लादेश के किसी ग्रामीण इलाके से ताल्लुक रखती है। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पार करके अजमेर पहुंची थी। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या वह किसी बड़े घुसपैठ नेटवर्क का हिस्सा थी और उसके साथ अन्य संदिग्ध भी शामिल हैं या नहीं। महिला को अलवर के डिटेंशन सेंटर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

अजमेर क्यों बन रहा है घुसपैठियों का ठिकाना?
अजमेर का दरगाह क्षेत्र और आसपास के इलाके अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता के कारण घुसपैठियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। यहां मुफ्त भोजन, आसान रोजगार, और भीड़भाड़ के कारण पहचान छिपाना आसान हो जाता है। कई घुसपैठिए फर्जी आधार कार्ड, राशन कार्ड, और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज बनवाकर सामान्य नागरिकों की तरह रह रहे हैं। पुलिस ने इस समस्या से निपटने के लिए स्थानीय लोगों से भी सहयोग मांगा है और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने की अपील की है।

अब तक की उपलब्धियां और भविष्य की योजना

  • 28 बांग्लादेशी पकड़े गए: पिछले कुछ महीनों में अजमेर पुलिस ने 28 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है, जिनमें पुरुष, महिलाएं, और नाबालिग शामिल हैं।
  • 10,000 से अधिक की जांच: पांच महीनों में 10,000 से ज्यादा लोगों के दस्तावेजों की जांच की गई।
  • निष्कासन की प्रक्रिया: पकड़े गए घुसपैठियों को डिटेंशन सेंटर भेजकर उनके निष्कासन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
    एसपी वंदिता राणा ने कहा, “हमारा अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक एक भी अवैध नागरिक अजमेर में मौजूद है। हमारी प्राथमिकता देश की सुरक्षा और नागरिकों का हित है।”

रोचक तथ्य और जनता की प्रतिक्रिया

  • अजमेर पुलिस की इस कार्रवाई को सोशल मीडिया पर खूब सराहा जा रहा है। एक यूजर ने X पर लिखा, “अजमेर पुलिस की सख्ती से घुसपैठियों में खौफ है। देश की सुरक्षा के लिए यह जरूरी कदम है।”
  • कुछ लोग यह सवाल भी उठा रहे हैं कि इतनी बड़ी संख्या में घुसपैठिए अजमेर जैसे शहर में कैसे बस गए? क्या स्थानीय प्रशासन पहले नाकाम रहा?
  • पुलिस ने खुलासा किया कि कई घुसपैठिए 10-12 साल से अजमेर में रह रहे थे, जो स्थानीय समुदाय के बीच पूरी तरह घुलमिल गए थे।


अजमेर पुलिस का यह अभियान केवल शुरुआत है। राजस्थान सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर पूरे राज्य में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। अलवर, जयपुर, और उदयपुर जैसे शहरों में भी सैकड़ों संदिग्ध पकड़े जा चुके हैं। अजमेर पुलिस अब डिजिटल डेटाबेस और स्थानीय खुफिया तंत्र को और मजबूत करने की योजना बना रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

यह कार्रवाई न सिर्फ अजमेर बल्कि पूरे देश में अवैध घुसपैठ के खिलाफ एक मजबूत संदेश दे रही है।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ