राजस्थान में प्रशासनिक बदलाव: यूआर साहू नियुक्त हुए आरपीएससी अध्यक्ष, नए डीजीपी की नियुक्ति जल्द
राजस्थान के डीजीपी यूआर साहू को राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) का अध्यक्ष नियुक्त किया है। साहू की जगह अब नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। यह प्रशासनिक बदलाव राज्य में पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया और पुलिस नेतृत्व को नई दिशा देगा।

जयपुर: राजस्थान के प्रशासनिक गलियारों में एक बार फिर बड़े बदलाव की हलचल मची है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी और राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उत्कल रंजन साहू को अब राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस महत्वपूर्ण नियुक्ति के आदेश राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने जारी किए हैं। साहू की इस नई जिम्मेदारी के साथ ही राजस्थान पुलिस को जल्द ही एक नया मुखिया मिलने की संभावना है, क्योंकि उनकी जगह नए डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
यूआर साहू: एक अनुभवी और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी
उत्कल रंजन साहू, 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी, अपनी बेदाग छवि और कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाने जाते हैं। मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले साहू ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने राजस्थान के आठ जिलों—धौलपुर, बाड़मेर, हनुमानगढ़, सीकर, बांसवाड़ा, श्रीगंगानगर, भीलवाड़ा और जोधपुर शहर—में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में कार्य किया है। वर्ष 2005 में जोधपुर एसपी के रूप में उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, 2014 से 2018 तक वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में वे खुफिया विभाग (इंटेलिजेंस) में अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रहे और 2016 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी नवाजे गए।
साहू को जून 2020 में महानिदेशक (डीजी) रैंक पर पदोन्नत किया गया था, और तब से वे होमगार्ड के डीजी के रूप में कार्यरत थे। दिसंबर 2023 में तत्कालीन डीजीपी उमेश मिश्रा के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने के बाद साहू को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था। इसके बाद फरवरी 2024 में उन्हें स्थायी रूप से राजस्थान पुलिस का महानिदेशक नियुक्त किया गया, जिस पद पर उन्होंने दो साल तक नेतृत्व प्रदान किया।
आरपीएससी अध्यक्ष के रूप में नई जिम्मेदारी
राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) राज्य में विभिन्न सरकारी सेवाओं के लिए भर्ती प्रक्रिया का संचालन करने वाली एक महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था है। साहू की नियुक्ति इस पद पर उनकी प्रशासनिक क्षमता और अनुभव का प्रमाण है। संविधान के अनुच्छेद 316 (1-ए) के अनुसार, राज्यपाल द्वारा आरपीएससी के सदस्यों में से किसी एक को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन साहू की यह नियुक्ति पूर्णकालिक अध्यक्ष के रूप में की गई है। उनका कार्यकाल 6 वर्ष या 62 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक रहेगा। इस नियुक्ति के साथ, साहू अब राज्य की भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संचालित करने की जिम्मेदारी संभालेंगे।
नए डीजीपी की नियुक्ति पर चर्चा तेज
साहू के आरपीएससी अध्यक्ष बनने के बाद राजस्थान पुलिस के नए महानिदेशक की नियुक्ति अब चर्चा का केंद्र बन गई है। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के बीच नए डीजीपी के चयन के लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, डीजीपी की नियुक्ति दो साल के लिए की जाती है, और यह प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से यूपीएससी की सिफारिशों के आधार पर पूरी की जाती है। इस दौड़ में कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं, जिनमें 1988-1990 बैच के अधिकारी शामिल हो सकते हैं।
राज्यपाल का आदेश और भविष्य की दिशा
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि साहू की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी। इस आदेश को राजस्थान के प्रशासनिक हलकों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो न केवल पुलिस विभाग बल्कि राज्य की भर्ती प्रक्रियाओं को भी नई दिशा देगा। साहू की अनुभव और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए, आरपीएससी में उनकी भूमिका से भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ने की उम्मीद है।
यूआर साहू की आरपीएससी अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति और नए डीजीपी की आगामी नियुक्ति राजस्थान के प्रशासनिक ढांचे में एक नया अध्याय शुरू कर रही है। साहू का अनुभव और उनकी कर्तव्यनिष्ठा निश्चित रूप से आरपीएससी को मजबूत करेगी, जबकि नए डीजीपी के चयन से राजस्थान पुलिस को नई दिशा मिलेगी। यह बदलाव न केवल प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगा, बल्कि आम जनता के बीच विश्वास को भी और मजबूत करेगा।