NEET 2020 घोटाला: जयपुर के सचिन ने भाई अजीत को बनाया डमी कैंडिडेट, AIIMS जोधपुर में खुला फर्जीवाड़ा

जयपुर के चोमू निवासी सचिन गोरा ने नीट 2020 में अपने भाई अजीत को डमी कैंडिडेट बनाकर धोखाधड़ी की। सचिन ने अपने नाम से रजिस्ट्रेशन कर अजीत की फोटो लगाई, जिससे अजीत ने परीक्षा दी और सचिन जोधपुर AIIMS में MBBS करने लगा। चार साल बाद परिजन की शिकायत पर जयपुर पुलिस ने सचिन को जोधपुर AIIMS हॉस्टल से हिरासत में लिया। पुलिस अब इस फर्जीवाड़े की जांच कर रही है, जो शिक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करता है।

Jun 6, 2025 - 10:41
NEET 2020 घोटाला: जयपुर के सचिन ने भाई अजीत को बनाया डमी कैंडिडेट, AIIMS जोधपुर में खुला फर्जीवाड़ा

जयपुर, राजस्थान: शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर से धोखाधड़ी की सनसनीखेज खबर ने सुर्खियां बटोर ली हैं। साल 2020 की नीट (NEET) परीक्षा में लाखों छात्रों ने हिस्सा लिया था, लेकिन जयपुर के चोमू क्षेत्र के रहने वाले सचिन गोरा ने अपने चतुर दिमाग से एक ऐसी साजिश रची, जिसने शिक्षा जगत को हिलाकर रख दिया। यह कहानी जोधपुर के प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) से जुड़ी है, जहां सचिन ने अपने भाई अजीत गोरा को डमी कैंडिडेट बनाकर नीट परीक्षा पास कराई और खुद MBBS की पढ़ाई करने लगा।

फर्जीवाड़े की सुनियोजित साजिश

सचिन ने नीट 2020 की परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म में अपने नाम और अन्य विवरण तो भरे, लेकिन फोटो के स्थान पर अपने भाई अजीत की तस्वीर लगा दी। इस साजिश के तहत परीक्षा केंद्र पर सचिन की जगह अजीत ने परीक्षा दी। दोनों भाइयों की इस चालाकी ने परीक्षा प्रणाली को धोखा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अजीत ने सचिन की जगह परीक्षा दी और नीट पास कर लिया, जिसके बाद सचिन को जोधपुर AIIMS में MBBS कोर्स में दाखिला मिल गया।

सचिन पिछले चार साल से जोधपुर AIIMS के हॉस्टल नंबर 6 में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहा था। इस पूरे फर्जीवाड़े को इतनी गोपनीयता के साथ अंजाम दिया गया कि किसी को भनक तक नहीं लगी। लेकिन कहते हैं ना, "झूठ के पांव नहीं होते," और इस मामले में भी यही हुआ।

परिजनों की शिकायत ने खोला राज

सचिन और अजीत की यह साजिश तब उजागर हुई, जब सचिन के ही एक परिजन ने चोमू थाने में जाकर इस फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज कराई। परिजन ने बताया कि नीट 2020 परीक्षा में सचिन ने डमी कैंडिडेट के जरिए धोखाधड़ी की थी। इस शिकायत के आधार पर जयपुर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और जोधपुर पुलिस से संपर्क किया। जयपुर पुलिस ने जोधपुर पुलिस को इस मामले में सहयोग करने और सचिन को पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी।

जोधपुर पुलिस की त्वरित कार्रवाई

जैसे ही जोधपुर पुलिस को इस मामले की सूचना मिली, उन्होंने तुरंत AIIMS जोधपुर के हॉस्टल नंबर 6 में छापेमारी की। पुलिस ने सचिन गोरा को हिरासत में लिया और उसे जयपुर पुलिस के हवाले कर दिया। जयपुर की चोमू थाना पुलिस अब सचिन से पूछताछ कर रही है ताकि इस फर्जीवाड़े के पूरे नेटवर्क और अन्य संभावित संलिप्त लोगों का पता लगाया जा सके।

शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

यह घटना न केवल एक व्यक्ति की धोखाधड़ी की कहानी है, बल्कि यह हमारी शिक्षा और परीक्षा प्रणाली की कमजोरियों को भी उजागर करती है। नीट जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में इस तरह की धोखाधड़ी न केवल मेहनती छात्रों के साथ अन्याय है, बल्कि यह चिकित्सा क्षेत्र जैसे संवेदनशील पेशे की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाता है। सचिन और अजीत की इस साजिश ने यह दिखाया कि कैसे कुछ लोग त्वरित सफलता के लिए अनैतिक रास्तों का सहारा लेते हैं।

जयपुर पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस फर्जीवाड़े में कोई और लोग भी शामिल थे। साथ ही, यह भी जांच का विषय है कि क्या सचिन और अजीत ने इस तरह की धोखाधड़ी पहले भी की थी। जोधपुर के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि सचिन को AIIMS प्रशासन से औपचारिक नोटिस मिला था, जिसके बाद उसे हिरासत में लिया गया। अब उसे जयपुर ले जाया गया है, जहां जांच अधिकारी के सामने पेश किया जाएगा।

समाज और शिक्षा पर प्रभाव

इस घटना ने न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में शिक्षा व्यवस्था और नीट जैसी परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला उन लाखों छात्रों के लिए एक सबक है जो मेहनत और ईमानदारी के साथ अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही, यह परीक्षा आयोजकों के लिए एक चेतावनी है कि ऐसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

इस मामले में अभी कई सवाल अनुत्तरित हैं। क्या सचिन और अजीत अकेले थे, या यह किसी बड़े रैकेट का हिस्सा था? क्या इस तरह के और भी मामले सामने आएंगे? इन सवालों के जवाब जांच के बाद ही मिल पाएंगे। लेकिन इतना तय है कि यह घटना शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और पारदर्शिता की मांग को और मजबूत करेगी।