कोटा में फॉर्च्यूनर चला रहे सरपंच की हार्ट अटैक से मौत: डिवाइडर पर गाड़ी चढ़ी, लोगों ने पहले नशे का शक किया
कोटा में फॉर्च्यूनर चला रहे बोराबास सरपंच अर्जुन गुंजल की हार्ट अटैक से मौत, गाड़ी डिवाइडर पर चढ़कर पलटी, लोगो ने पहले नशे का शक किया
कोटा, 5 नवंबर 2025: राजस्थान के कोटा शहर में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जहां बोराबास ग्राम पंचायत के प्रशासक (सरपंच) अर्जुन गुंजल की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वे अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी चला रहे थे, जब अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। इस दौरान उनकी गाड़ी अनियंत्रित होकर तेज रफ्तार से डिवाइडर पर चढ़ गई और दूसरी लेन में पलट गई। आसपास के लोग जब घटनास्थल पर पहुंचे, तो सरपंच की गर्दन लटक रही थी और वे बेसुध पड़े थे। शुरू में लोगों ने इसे नशे के प्रभाव में चालक की लापरवाही समझा, लेकिन बाद में डॉक्टरों ने हार्ट अटैक की पुष्टि की। यह घटना कोटा शहर के किशोरपुरा थाना क्षेत्र में 4 नवंबर 2025 को दोपहर करीब 3 बजे घटी।
घटना का पूरा विवरण: कैसे हुआ हादसा? अर्जुन गुंजल (उम्र 55 वर्ष) बोराबास ग्राम पंचायत के प्रशासक के रूप में जिम्मेदारियां निभा रहे थे। वे कोटा शहर में किसी कार्य के सिलसिले में अपनी सफेद रंग की टोयोटा फॉर्च्यूनर से आ रहे थे। किशोरपुरा थाना क्षेत्र के व्यस्त सड़क मार्ग पर, जहां ट्रैफिक का दबाव हमेशा रहता है, अचानक उनकी सेहत ने उनका साथ छोड़ दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सरपंच की गाड़ी सामान्य गति से चल रही थी, लेकिन कुछ ही सेकंडों में यह तेज रफ्तार पकड़ने लगी। चालक सीट पर बैठे अर्जुन गुंजल का सिर झुक गया और वे हैंडल पर झुक गए। गाड़ी ने डिवाइडर को चढ़ते हुए करीब 10-15 फीट की छलांग लगाई और विपरीत दिशा में जाकर पलट गई।हादसे की आवाज सुनते ही आसपास के दुकानदार, राहगीर और अन्य वाहन चालक घटनास्थल पर दौड़े। "पहले तो हमें लगा कि ड्राइवर शराब या किसी नशे के नशे में है, क्योंकि गाड़ी बिना ब्रेक लगाए डिवाइडर पर चढ़ गई थी। लेकिन जब हमने कांच तोड़ा और अंदर झांका, तो सरपंच साहब की गर्दन लटक रही थी और वे बिल्कुल बेसुध थे," बताया एक प्रत्यक्षदर्शी ने। लोगे ने तुरंत गाड़ी का दरवाजा तोड़कर उन्हें बाहर निकाला और नजदीकी निजी अस्पताल पहुंचाया। वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक को मौत का मुख्य कारण बताया गया है।
सरपंच अर्जुन गुंजल: एक समर्पित प्रशासक अर्जुन गुंजल बोराबास गांव के निवासी थे और पिछले कई वर्षों से ग्राम पंचायत के प्रशासक के पद पर कार्यरत थे। वे गांव के विकास कार्यों, जैसे सड़क निर्माण, जल संरक्षण और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए जाने जाते थे। स्थानीय लोगों के अनुसार, गुंजल सरपंच जी हमेशा सक्रिय रहते थे और कोटा शहर में आते-जाते रहते थे। "वे बहुत मेहनती इंसान थे। कभी-कभी रात देर तक गांव के कामों में लगे रहते। उनकी अचानक मौत से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है," बताया बोराबास के एक ग्रामीण ने। उनके परिवार में पत्नी, दो बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता हैं। खबर मिलते ही परिवार वाले कोटा पहुंचे और शव का अंतिम संस्कार बोराबास में ही किया गया।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई; किशोरपुरा थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हादसे की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में कोई नशे या लापरवाही का कोई सबूत नहीं मिला। यह एक दुखद दुर्घटना है। हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं। सरपंच साहब के परिजनों को हर संभव सहायता दी जा रही है। जिला प्रशासन ने भी शोक व्यक्त करते हुए मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया है।
सबक और सावधानी: स्वास्थ्य की अनदेखी क्यों घातक?
यह हादसा एक बार फिर याद दिलाता है कि व्यस्त जीवनशैली में स्वास्थ्य जांच की अनदेखी कितनी खतरनाक हो सकती है। 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को नियमित हार्ट चेकअप कराना चाहिए। खासकर ड्राइविंग जैसे कार्यों के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ना न केवल चालक के लिए, बल्कि सड़क पर अन्य लोगों के लिए भी खतरा बन सकता है। कोटा ट्रैफिक पुलिस ने भी ड्राइवरों को सलाह दी है कि लंबी ड्राइव के दौरान रुक-रुककर आराम करें और स्वास्थ्य संबंधी कोई लक्षण दिखने पर तुरंत वाहन रोक दें।