जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में बड़े फेरबदल: 10 पुलिस निरीक्षकों का ट्रांसफर, साइबर क्राइम और स्पेशल टीम को मिली मजबूती
जयपुर कमिश्नरेट ने 10 पुलिस निरीक्षकों का ट्रांसफर किया; 4 को साइबर क्राइम थाने और 4 को स्पेशल टीम में तैनात कर अपराध नियंत्रण को मजबूत बनाया।
जयपुर, 13 नवंबर 2025: राजस्थान की राजधानी जयपुर में पुलिस विभाग में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए जयपुर पुलिस कमिश्नरेट ने गुरुवार को 10 पुलिस निरीक्षकों (सीआई) के ट्रांसफर आदेश जारी किए हैं। इस फेरबदल का मुख्य उद्देश्य साइबर क्राइम जैसे उभरते अपराधों से निपटने के लिए विशेषज्ञता बढ़ाना और क्राइम स्पेशल टीम (सीएसटी) को और सशक्त बनाना है। इन ट्रांसफर से कमिश्नरेट की विशेष इकाइयों में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद की जा रही है, खासकर डिजिटल अपराधों और संगठित गुंडागर्दी के मामलों में।ट्रांसफर आदेशों के तहत कुल 10 निरीक्षकों को विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इनमें से चार निरीक्षकों को साइबर क्राइम यूनिट में तैनाती दी गई है, जबकि चार अन्य को क्राइम स्पेशल टीम (सीएसटी) में स्थानांतरित किया गया है। शेष दो निरीक्षकों को प्रशासनिक और अपराध शाखा से जुड़े पदों पर लगाया गया है। यह कदम जयपुर में बढ़ते साइबर फ्रॉड, ऑनलाइन ठगी और डिजिटल अपराधों को देखते हुए उठाया गया है, जहां हाल के महीनों में ऐसे मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
साइबर क्राइम थाने में चार नए चेहरे; साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को काबू करने के लिए कमिश्नरेट ने अनुभवी अधिकारियों को इस यूनिट में तैनात किया है। नई तैनाती निम्नलिखित है:
पुलिस निरीक्षक प्रेम कुमार शर्मा: लंबे समय से अपराध जांच में सक्रिय रहे शर्मा को साइबर थाने में प्रमुख भूमिका सौंपी गई है। वे साइबर फ्रॉड और डेटा चोरी के मामलों की जांच का नेतृत्व करेंगे।
रामधन मीणा: मीणा, जो पहले सामान्य अपराध इकाई में कार्यरत थे, अब साइबर यूनिट में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करेंगे। वे ऑनलाइन स्कैमिंग और हैकिंग से जुड़े केसों पर फोकस करेंगे।
सुषमा चौधरी: महिला अधिकारी चौधरी को साइबर क्राइम में महिलाओं और बच्चों से जुड़े डिजिटल अपराधों की जांच सौंपी गई है। उनकी तैनाती से यूनिट में लैंगिक संवेदनशीलता बढ़ेगी।
जितेंद्र चौधरी: चौधरी को साइबर इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा और फॉरेंसिक जांच की जिम्मेदारी दी गई है। वे तकनीकी अपराधों में डिजिटल साक्ष्यों के संग्रह पर काम करेंगे।ये चारों अधिकारी साइबर थाने को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे, जहां हाल ही में दर्ज सौ से अधिक मामलों की जांच चल रही है।
क्राइम स्पेशल टीम (सीएसटी) को चार नई ताकत; जयपुर कमिश्नरेट की स्पेशल टीम, जो संगठित अपराध, गैंगस्टरों और हाई-प्रोफाइल केसों पर काम करती है, को भी चार नए निरीक्षकों से मजबूती मिली है। ये तैनातियां सीएसटी की क्षमता को दोगुना करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं:
महेश चंद शर्मा: अनुभवी अधिकारी शर्मा को सीएसटी में ऑपरेशनल लीडर की भूमिका दी गई है। वे गैंगवार और आर्म्स एक्ट के मामलों में सक्रिय रहेंगे।
सुनील कुमार: कुमार, जो पहले ट्रैफिक यूनिट में थे, अब स्पेशल टीम में इंटेलिजेंस गेदरिंग पर फोकस करेंगे।
सज्जन सिंह: सिंह को हाई-रिस्क ऑपरेशनों और सरेंडरिंग गैंगस्टर्स की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
रतन सिंह: सिंह स्पेशल टीम में स्नैचिंग और वाहन चोरी जैसे स्ट्रीट क्राइम्स की जांच संभालेंगे। सीएसटी में ये नई नियुक्तियां शहर की कानून-व्यवस्था को और सख्त बनाने में सहायक सिद्ध होंगी, खासकर त्योहारों के सीजन में अपराध दर को नियंत्रित करने के लिए।
अन्य महत्वपूर्ण तैनातियां; ट्रांसफर के दायरे में दो अन्य निरीक्षकों को भी प्रमुख पद दिए गए हैं:हेमंत जनागल: इंस्पेक्टर जनागल को विशेष पुलिस आयुक्त के स्टाफ ऑफिसर के रूप में तैनात किया गया है। यह भूमिका प्रशासनिक समन्वय और नीति कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण होगी, जहां वे उच्च स्तरीय मीटिंग्स और रिपोर्टिंग संभालेंगे।
कविता: इंस्पेक्टर कविता को अपराध शाखा आयुक्तालय जयपुर में स्थानांतरित किया गया है। वे अपराध रिकॉर्ड प्रबंधन और जांच रिपोर्ट्स की समीक्षा पर काम करेंगी, जो कमिश्नरेट की समग्र कार्यप्रणाली को मजबूत करेगी।
ट्रांसफर का पृष्ठभूमि और प्रभाव; ये ट्रांसफर जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ के नेतृत्व में किए गए हैं, जो हाल के पुलिस रिफॉर्म्स का हिस्सा हैं। कमिश्नरेट ने बताया कि ये बदलाव विभाग की दक्षता बढ़ाने और विशेषज्ञता के आधार पर तैनाती सुनिश्चित करने के लिए हैं। साइबर क्राइम यूनिट में नई तैनाती से अपेक्षा है कि डिजिटल अपराधों की सॉल्वेंसी रेट 20% तक बढ़ जाएगी। इसी तरह, सीएसटी को मजबूत करने से शहर में अपराधियों पर नकेल कसी जा सकेगी।