आयकर विभाग की सर्जिकल स्ट्राइक: ₹10 करोड़ नकद बरामद
आयकर विभाग की छापेमारी में ₹10 करोड़ नकद बरामद, IRS अधिकारी सिद्धार्थ गुप्ता की सटीक योजना और तकनीकी जांच से काले धन का जाल उजागर।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी (JNU) एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह हैरान करने वाली है। आयकर विभाग ने एक सटीक और सुनियोजित कार्रवाई में यूनिवर्सिटी और इसके संचालक डॉ. संदीप बख्शी के ठिकानों पर छापेमारी कर ₹10 करोड़ की नकदी बरामद की है। इस ऑपरेशन की कमान संभालने वाले दिल्ली में पदस्थ भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी सिद्धार्थ गुप्ता की सूझबूझ और तकनीकी दक्षता ने इस मामले में काले धन के जाल को उजागर करने में अहम भूमिका निभाई।
सटीक योजना और तकनीकी जांच का कमाल
सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग को जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी में अघोषित आय और संदिग्ध नकद लेन-देन की जानकारी मिली थी। छापेमारी से पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन ने करीब 15 बैग और सूटकेस में भारी मात्रा में नकदी को मुख्य दफ्तर से बाहर निकालने की कोशिश की थी। लेकिन सिद्धार्थ गुप्ता की अगुवाई वाली टीम ने इस चाल को नाकाम कर दिया।
गुप्ता ने तकनीकी जांच के तहत सीसीटीवी फुटेज का फ्रेम-दर-फ्रेम विश्लेषण किया, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की गहन पड़ताल की, और घटनास्थल का पुनर्निर्माण करके नकदी के मूवमेंट का पता लगाया। इस रणनीतिक दृष्टिकोण का नतीजा था कि आयकर विभाग ने गाड़ियों में छिपाकर ले जाई जा रही ₹10 करोड़ की नकदी को बरामद कर लिया। यह कार्रवाई न केवल आयकर विभाग की पेशेवर क्षमता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सही नेतृत्व और तकनीक के साथ कितने जटिल मामले सुलझाए जा सकते हैं।
क्या है जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी कांड?
जयपुर के जगतपुरा इलाके में स्थित जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी एक प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालय के रूप में जानी जाती है। लेकिन इस बार यह शिक्षा के बजाय काले धन और टैक्स चोरी के आरोपों के चलते चर्चा में है। आयकर विभाग की दिल्ली से आई टीम ने यूनिवर्सिटी के मुख्य कार्यालय, संचालक डॉ. संदीप बख्शी के आवास और अन्य कारोबारी ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
जांच के दौरान एडमिशन फीस की रसीदें, कैशबुक, बैंक लेन-देन के रिकॉर्ड, संदिग्ध डोनेशन एंट्रीज और यूनिवर्सिटी फाउंडेशन से जुड़े दस्तावेज खंगाले गए। सूत्रों का कहना है कि ये दस्तावेज टैक्स चोरी और अघोषित आय के गंभीर संकेत दे रहे हैं।
सिद्धार्थ गुप्ता: ऑपरेशन के पीछे का मास्टरमाइंड
इस पूरी कार्रवाई में IRS अधिकारी सिद्धार्थ गुप्ता की भूमिका को लेकर खूब चर्चा हो रही है। उनकी रणनीतिक योजना, तकनीकी विशेषज्ञता और नेतृत्व क्षमता ने इस ऑपरेशन को सफल बनाया। सूत्रों के अनुसार, गुप्ता ने न केवल नकदी के मूवमेंट को ट्रैक किया, बल्कि यूनिवर्सिटी के संदिग्ध लेन-देन के पूरे नेटवर्क को उजागर करने में भी कामयाबी हासिल की।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे छापेमारी के वीडियो में गाड़ियों से भारी मात्रा में नकदी निकालने के दृश्य ने सनसनी मचा दी है। X पर लोगों ने इस कार्रवाई को "सर्जिकल स्ट्राइक" करार देते हुए गुप्ता की तारीफ की है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन पर उठ रहे सवाल
इस छापेमारी ने जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी की साख पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। छात्रों और स्टाफ के बीच असहज माहौल है, और यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। जांच से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई अभी पूरी नहीं हुई है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
आयकर विभाग अब यूनिवर्सिटी के फंडिंग सोर्स, डोनेशन और एडमिशन प्रक्रिया की गहराई से जांच कर रहा है। संभावना है कि इस मामले में CBI या ED जैसी अन्य जांच एजेंसियां भी शामिल हो सकती हैं।