इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत पूरी, पश्चिमी राजस्थान में पेयजल संकट से राहत की उम्मीद

बीकानेर/जयपुर, 11 मई 2025: राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत के लिए लागू की गई नहर बंदी रविवार को समाप्त हो गई। सरकार के इस महत्वपूर्ण फैसले के बाद हरीके बैराज और पोंग डैम से राजस्थान के लिए पानी छोड़ दिया गया है। इससे पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में गहराए पेयजल संकट से राहत मिलने की उम्मीद जगी है। हालांकि, किसानों को सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता अभी संभव नहीं है।
नहर बंदी समाप्त, पानी की आवक शुरू
राजस्थान सरकार ने शनिवार को नहर बंदी समाप्त करने का फैसला लिया, जिसके बाद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) को सूचित किया गया। रविवार सुबह से हरीके बैराज से 600 क्यूसेक और पोंग डैम से 6000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस पहल से बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर और सीकर जिलों में पेयजल आपूर्ति में सुधार होगा।
वर्तमान में इन जिलों में पीने के पानी की भारी किल्लत है। जल संकट के चलते कई इलाकों में एक दिन छोड़कर पानी की आपूर्ति की जा रही है, और केवल पहले से जमा किए गए जल भंडार पर ही निर्भरता है। नहर में नए पानी की आवक के बाद नियमित जलापूर्ति बहाल होने की संभावना है, जो गर्मी के इस मौसम में लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत साबित होगी।
बीकानेर में 2-3 दिन में राहत
बीकानेर में जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेश राजपुरोहित ने बताया कि वर्तमान में बीकानेर में 10 दिन का जल भंडार उपलब्ध है। नए पानी की आवक के साथ ही प्रतिदिन जलापूर्ति संभव हो सकेगी। उन्होंने कहा, "नहर में पानी की नई आवक से न केवल पेयजल संकट दूर होगा, बल्कि आने वाले समय में जलापूर्ति व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सकेगा।" बीकानेर में अगले 2-3 दिनों में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है, जबकि जोधपुर और बाड़मेर में पानी पहुंचने में 7 दिन लग सकते हैं।
नहर बंदी का विवरण
मरम्मत शुरू: 21 अप्रैल 2025
मरम्मत समाप्त: 20 मई 2025
पानी छोड़ा गया: 11 मई 2025
पानी कब पहुंचेगा?
बीकानेर: 2-3 दिन में
जोधपुर: 7 दिन में
बाड़मेर: 7 दिन में
पेयजल संकट से राहत, लेकिन सिंचाई पर संशय
नहर में पानी की आवक से पश्चिमी राजस्थान के प्रमुख शहरों में जल्द ही नियमित जलापूर्ति बहाल हो जाएगी। यह कदम विशेष रूप से गर्मी के मौसम में महत्वपूर्ण साबित होगा, जब जल संकट चरम पर होता है। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना संभव नहीं है। सरकार का प्राथमिक लक्ष्य पेयजल आपूर्ति को सामान्य करना है।
पश्चिमी राजस्थान के लिए उम्मीद की किरण
पश्चिमी राजस्थान के इन 10 जिलों में पानी की कमी लंबे समय से एक गंभीर समस्या रही है। इंदिरा गांधी नहर इस क्षेत्र के लिए जीवन रेखा मानी जाती है, और इसकी मरम्मत के बाद पानी की आपूर्ति शुरू होने से न केवल तात्कालिक राहत मिलेगी, बल्कि दीर्घकालिक जल प्रबंधन में भी सुधार होगा। स्थानीय निवासियों और अधिकारियों ने इस कदम को सराहा है और उम्मीद जताई है कि इससे क्षेत्र में जल संकट की स्थिति में स्थायी सुधार होगा।