देशभर में ईद-उल-अजहा की रौनक, मस्जिदों और ईदगाहों में सुबह 8 बजे होगी विशेष नमाज
आज 7 जून 2025 को भारत में ईद-उल-अजहा (बकरीद) धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह 8 बजे देशभर की मस्जिदों और ईदगाहों में विशेष नमाज अदा की जाएगी, जिसमें हजारों लोग शामिल होंगे। यह त्योहार हजरत इब्राहिम के बलिदान की याद में मनाया जाता है, जिसमें कुर्बानी और दान की परंपरा निभाई जाती है। भाईचारा, शांति, और सामाजिक एकता इस पर्व का मुख्य संदेश है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

आज, 7 जून 2025 को भारत भर में मुस्लिम समुदाय ईद-उल-अजहा, जिसे बकरीद या कुर्बानी की ईद भी कहा जाता है, बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मना रहा है। यह पवित्र त्योहार इस्लामी कैलेंडर के आखिरी महीने, धुल-हिज्जा की 10वीं तारीख को मनाया जाता है, जो हजरत इब्राहिम की अल्लाह के प्रति निष्ठा और बलिदान की भावना को याद करता है। इस अवसर पर देशभर की मस्जिदों और ईदगाहों में सुबह 8 बजे से विशेष नमाज अदा की जाएगी, जिसमें हजारों लोग एक साथ अल्लाह के सामने सजदा करेंगे।
ईद-उल-अजहा का महत्व:
ईद-उल-अजहा का त्योहार हजरत इब्राहिम की उस ऐतिहासिक घटना की याद में मनाया जाता है, जब उन्होंने अल्लाह के आदेश पर अपने पुत्र हजरत इस्माइल की कुर्बानी देने की इच्छा जताई थी। इस्लामी मान्यता के अनुसार, अल्लाह ने उनकी आस्था की परीक्षा ली और अंतिम क्षण में उनके बेटे की जगह एक जानवर की कुर्बानी का आदेश दिया। यह त्योहार न केवल कुर्बानी का प्रतीक है, बल्कि आत्मचिंतन, परोपकार, और सामाजिक एकता का भी संदेश देता है। यह हज यात्रा के अंतिम चरण के साथ भी जुड़ा है, जो इस समय सऊदी अरब में संपन्न हो रहा है।
नमाज और उत्सव की तैयारियां:
देशभर की प्रमुख मस्जिदों और ईदगाहों में सुबह 8 बजे से ईद की विशेष नमाज अदा की जाएगी। दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद, फतेहपुरी मस्जिद, मुंबई की माहिम दरगाह, लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह, और भोपाल की ईदगाह सहित कई स्थानों पर हजारों लोग एकत्र होंगे। नमाज के बाद खुतबा (धार्मिक भाषण) होगा, जिसमें भाईचारे, त्याग, और मानवता की सेवा पर जोर दिया जाएगा। लोग नए कपड़े पहनकर, एक-दूसरे से गले मिलकर, और "ईद मुबारक" कहकर शुभकामनाएं साझा करेंगे।
कुर्बानी और दान की परंपरा:
ईद-उल-अजहा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कुर्बानी है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग बकरे या अन्य पशुओं की कुर्बानी देते हैं। इस कुर्बानी के मांस को तीन हिस्सों में बांटा जाता है: एक हिस्सा परिवार के लिए, दूसरा रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए, और तीसरा गरीबों और जरूरतमंदों के लिए। यह परंपरा न केवल धार्मिक कर्तव्य को पूरा करती है, बल्कि सामाजिक समरसता और उदारता को भी बढ़ावा देती है।
देशभर में उत्साह और सुरक्षा व्यवस्था:
दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, हैदराबाद, भोपाल, और गोरखपुर जैसे शहरों में सुबह से ही मस्जिदों और ईदगाहों में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। बाजारों में रौनक है, जहां लोग नए कपड़े, खजूर, सेवईयां, और अन्य व्यंजनों की खरीदारी कर रहे हैं। बकरीद के खास पकवान जैसे बिरयानी, मटन करी, और शीर खुरमा घरों में तैयार किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, और अन्य राज्यों में सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि नमाज और कुर्बानी निर्धारित स्थानों पर ही हो, ताकि शांति और व्यवस्था बनी रहे।
मुस्लिम धर्मगुरुओं का संदेश:
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद शाबान बुखारी और अन्य धर्मगुरुओं ने लोगों से भाईचारे और शांति के साथ त्योहार मनाने की अपील की है। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कुर्बानी को इस्लाम का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि यह त्योहार बुराइयों का त्याग और अच्छाइयों को अपनाने का संदेश देता है। उन्होंने लोगों से सामाजिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की।
ईद-उल-अजहा का यह पर्व न केवल धार्मिक उत्साह का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में एकता, त्याग, और परोपकार की भावना को भी मजबूत करता है। आज सुबह 8 बजे से देशभर की मस्जिदों और ईदगाहों में हजारों लोग एक साथ सजदा करेंगे, अल्लाह की इबादत करेंगे, और इस पवित्र दिन को खुशी व भाईचारे के साथ मनाएंगे। यह त्योहार हर दिल में प्रेम, शांति, और एकता का पैगाम लेकर आता है।