भारत में कोरोना के 2390 नए एक्टिव केस, सबसे ज्यादा केरल राज्य में
भारत में कोविड-19 के एक्टिव केसों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है और यह आंकड़ा 2390 तक पहुंच गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में केरल हैं जहां 727 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 84 एक्टिव केस और कुल 681 मरीजों की पुष्टि हुई है।
भारत में कोविड-19 के एक्टिव केसों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है और यह आंकड़ा 2390 तक पहुंच गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में केरल हैं जहां 727 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 84 एक्टिव केस और कुल 681 मरीजों की पुष्टि हुई है। देशभर में पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल और महाराष्ट्र में कोविड-19 से 13 मरीजों की मौत की खबर है।स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि नई सब-वेरिएंट्स, जैसे NB.1.8.1 और LF.7, के प्रसार के कारण मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन वेरिएंट्स को अभी 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' की श्रेणी में शामिल नहीं किया है, और ज्यादातर मामलों में लक्षण हल्के हैं, जो चार से पांच दिनों में ठीक हो रहे हैं। सामान्य लक्षणों में बुखार, सर्दी, गले में खराश और सिरदर्द शामिल हैं।
केंद्र सरकार की एडवाइजरी
केंद्र सरकार ने बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी राज्यों को सतर्कता बरतने और कोविड-19 से निपटने के लिए उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने की सलाह दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयों और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। साथ ही, लोगों से मास्क पहनने, नियमित हाथ धोने और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने की अपील की गई है, खासकर उन लोगों से जो पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने स्थिति की समीक्षा की और कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी और जीनोम सीक्वेंसिंग के माध्यम से वायरस के प्रसार और उत्परिवर्तन पर नजर रखी जा रही है।
राजस्थान सरकार की सलाह
राजस्थान में 23 नए पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं और दो मरीजों की मौत हुई है। राज्य सरकार ने अस्पतालों को कोविड-19 के लिए तैयार रहने और पर्याप्त मात्रा में दवाइयों, पीपीई किट और वैक्सीन का स्टॉक रखने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट कराने और भीड़भाड़ से बचने की सलाह दी है। इसके अलावा, हाल ही में छुट्टियों से लौटने वाले लोगों को पांच दिन तक आइसोलेशन में रहने और लक्षण दिखने पर अनिवार्य रूप से टेस्ट कराने को कहा गया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा कि नए वेरिएंट्स अधिक संक्रामक हैं, लेकिन गंभीर बीमारी का कारण बनने के कोई सबूत नहीं हैं। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि कोविड-19 के लक्षण अब सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे हैं, इसलिए बिना टेस्ट के इसे पहचानना मुश्किल हो सकता है। कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारों ने स्पष्ट किया है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। लोगों से अपील की गई है कि वे कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करें और किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।