राजस्थान में बिजली बिल पर दोहरी मार! 150 यूनिट तक फिक्स्ड चार्ज 100 रुपये घटा, लेकिन 1 रुपये/यूनिट सरचार्ज से बिल फिर महंगा – जानें नया टैरिफ प्लान.

राजस्थान में बिजली बिल पर राहत और बोझ का मिश्रण! 150 यूनिट तक फिक्स्ड चार्ज में 100 रुपये की कटौती और एनर्जी रेट में मामूली कमी से छोटे उपभोक्ताओं को फायदा। लेकिन 1 रुपये/यूनिट का नया सरचार्ज बिल को फिर महंगा कर सकता है। 50 यूनिट तक कोई बदलाव नहीं, मुफ्त बिजली योजना बरकरार। हाई खपत वालों के लिए फिक्स्ड चार्ज बढ़ा, बिल 10-30% तक महंगा। नया टैरिफ 1 अक्टूबर 2025 से लागू।

Oct 4, 2025 - 12:28
राजस्थान में बिजली बिल पर दोहरी मार! 150 यूनिट तक फिक्स्ड चार्ज 100 रुपये घटा, लेकिन 1 रुपये/यूनिट सरचार्ज से बिल फिर महंगा – जानें नया टैरिफ प्लान.

जयपुर: राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राजस्थान विद्युत नियामक आयोग (RERC) ने नया टैरिफ प्लान जारी किया है, जो अक्टूबर 2025 से लागू हो गया है। यह बदलाव मुख्य रूप से घरेलू उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है, लेकिन इसमें राहत और बोझ दोनों के संकेत हैं। एक तरफ कम खपत वाले परिवारों को फिक्स्ड चार्ज और एनर्जी दरों में कमी मिली है, वहीं ऊंची खपत पर फिक्स्ड चार्ज बढ़ाने के साथ ही 1 रुपये प्रति यूनिट का अतिरिक्त सरचार्ज लगाने से कई उपभोक्ताओं के बिल में इजाफा हो सकता है। आयोग का यह फैसला बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की याचिकाओं पर विचार के बाद लिया गया है, जिसका उद्देश्य वित्तीय स्थिरता बनाए रखना है।

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए मुख्य बदलाव:

घरेलू श्रेणी में बिजली खपत को स्लैब के आधार पर बांटा गया है। नए टैरिफ के तहत निम्नलिखित व्यवस्था लागू होगी:

0-50 यूनिट खपत: कोई बदलाव नहीं। एनर्जी चार्ज 4.75 रुपये प्रति यूनिट रहेगा, जबकि फिक्स्ड चार्ज भी पहले जैसा ही 125 रुपये मासिक रहेगा। मुख्यमंत्री मुफ्त बिजली योजना के तहत 100 यूनिट तक फ्री बिजली का लाभ भी बरकरार है, इसलिए इस स्लैब वाले परिवारों को कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। 

51-150 यूनिट खपत: यह स्लैब सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। फिक्स्ड चार्ज को 250 रुपये से घटाकर 150 रुपये (यानी 100 रुपये की कमी) कर दिया गया है, जो उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है। एनर्जी चार्ज को 7.95 रुपये से घटाकर 7.50 रुपये प्रति यूनिट किया गया है। हालांकि, इस स्लैब पर 1 रुपये प्रति यूनिट का सरचार्ज लगाया जाएगा, जो फ्यूल और अन्य लागतों को कवर करने के लिए है। नतीजतन, कुल बिल में कमी के बावजूद सरचार्ज से कुछ इजाफा हो सकता है। उदाहरण के लिए, 100 यूनिट खपत पर पहले का बिल लगभग 795 रुपये (एनर्जी) + 250 (फिक्स्ड) = 1045 रुपये होता था, अब एनर्जी पर 75 रुपये की बचत लेकिन 100 रुपये का सरचार्ज जुड़ेगा, यानी कुल बिल करीब 1020 रुपये – मामूली राहत।

151-500 यूनिट खपत: एनर्जी चार्ज में 20-30 पैसे प्रति यूनिट की कमी की गई है (पहले 7.95-8.20 रुपये से घटकर 7.70-8.00 रुपये), लेकिन फिक्स्ड चार्ज को 300 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया गया है। साथ ही, 1 रुपये प्रति यूनिट सरचार्ज लागू होगा। इससे मध्यम खपत वाले परिवारों (जैसे एसी या फ्रिज यूजर्स) का बिल 10-15% बढ़ सकता है।

500 यूनिट से अधिक खपत: फिक्स्ड चार्ज 450 रुपये तक बढ़ाया गया है, जबकि एनर्जी चार्ज में मामूली कमी (8.20 से 8.00 रुपये) की गई है। 1 रुपये का सरचार्ज यहां भी लगेगा, जिससे हाई-कंजम्प्शन वाले घरों का बिल काफी महंगा हो जाएगा। 

सरचार्ज का असर और क्यों लगाया गया?

नया 1 रुपये प्रति यूनिट सरचार्ज मुख्य रूप से फ्यूल कॉस्ट, मेंटेनेंस और बिजली खरीद की बढ़ती लागत को पूरा करने के लिए लगाया गया है। यह पिछले वर्षों के औसत फ्यूल सरचार्ज (जो 50-60 पैसे था) से दोगुना है, लेकिन आयोग का कहना है कि यह अस्थायी है और अगले साल समीक्षा होगी। विशेषज्ञों के अनुसार, 150 यूनिट तक के उपभोक्ताओं के लिए फिक्स्ड चार्ज की कमी से औसतन 50-80 रुपये की मासिक बचत हो सकती है, लेकिन सरचार्ज से यह लाभ काफी हद तक खट जाएेगा। 200 यूनिट से ऊपर खपत पर तो बिल 20-30% तक बढ़ सकता है।अन्य श्रेणियां और विशेष प्रावधान:

कृषि और औद्योगिक उपभोक्ता: किसानों के लिए सब्सिडी बरकरार है, लेकिन फिक्स्ड चार्ज में 5-10% इजाफा। इंडस्ट्री में एनर्जी रेट स्थिर। 

मुफ्त बिजली योजना: 100 यूनिट तक फ्री बिजली पाने वाले 1.2 करोड़ परिवारों पर कोई असर नहीं।

लागू होने की तारीख: यह टैरिफ 1 अक्टूबर 2025 से लागू है, और अगले बिल (नवंबर) में दिखेगा।

बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपनी खपत कम रखें । यदि आपका बिल अपेक्षा से ज्यादा आता है, तो स्थानीय डिस्कॉम ऑफिस में शिकायत दर्ज कराएं। यह बदलाव राजस्थान को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम है, लेकिन उपभोक्ता संगठनों ने सरचार्ज पर आपत्ति जताई है और आयोग से पुनर्विचार की मांग की है।